एटीएम कार्ड फिर दे सकता है झटका

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली। एटीएम कार्ड धारकों को एक बार फिर झटका लग सकता है. एटीएम कार्ड यूज करने वालों को पहले के मुकाबले ज्यादा चार्जेज पे करने पड़ सकते हैं. इतना ही नहीं और भी कई प्रकार के नियम बनाने की तैयारी हो रही है. इससे एटीएम कार्ड यूजर्स की जेब का बोझ बढ़ेगा यानी कि महंगा पड़ सकता है. इसके लिए केवल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से मंजूरी मिलनी है, जिसके बाद इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा.

मुफ्त ट्रांजेक्शन

बैंकों ने आरबीआई को जो प्रस्ताव दिया है उसके मुताबिक प्रत्येक ग्राहक को हर महीने मिलने वाले मुफ्त ट्रांजेक्शन की संख्या को घटाने की बात कही है. अभी ज्यादातर बैंक कुल मिलाकर 8 ट्रांजेक्शन मुफ्त देते हैं, जिनमें 5 अपनी बैंकों पर और 3 अन्य बैंकों पर मिलते हैं. ये घटकर के कुल 5 हो सकते हैं.

वर्तमान में सभी बैंक एटीएम पर होने वाले कैश ट्रांजेक्शन के लिए 15 रुपये और नॉन कैश ट्रांजेक्शन करने पर खाते से 5 रुपये काटते हैं. यह चार्ज हर महीने फ्री में मिलने वाले ट्रांजेक्शन के ऊपर लगता है.

1635 एटीएम बंद

बैंक इसके अलावा एटीएम पर होने वाले नॉन बैंकिंग ट्रांजेक्शन की फीस को भी 18 रुपये से बढ़कर 25 रुपये तक हो सकती है. आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, देना बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, कॉर्पोरेशन बैंक और इलाहाबाद बैंक आदि ने पिछले एक साल में अपने 1635 एटीएम को बंद कर दिया है.

आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वो नए नियमों को 31 जुलाई तक लागू कर दें. कैश वैन के लिए बनाए गए इन नियमों के अनुसार कैश मैनेजमेंट कंपनियों के पास में कम से कम 300 कैश वैन, प्रत्येक कैश वैन में एक ड्राइवर, दो कस्टोडियन और दो बंदूकधारी गार्ड होने चाहिए ताकि कैश की सुरक्षा हो सके. इसके साथ ही प्रत्येक गाड़ी में जीपीएस, लाइव मॉनेटरिंग के साथ भू मैपिंग और नजदीकी पुलिस स्टेशन का पता होना चाहिए ताकि इमरजेंसी के वक्त मदद ली जा सके.

इसे भी पढ़ें-तो अब 2000 के नोट नहीं छापेगा RBI

  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.