तेलंगाना में 125 फीट की अंबेडकर मूर्ति के मायने क्या हैं?

तेलंगाना में 14 अप्रैल को 125 फीट की बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण हुआ। तेलंगाना सरकार की ओर से यह शानदार प्रतिमा बनाई गई है। इसके उद्घाटन के मौके पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने बाबासाहेब के पोते प्रकाश आंबेडकर को आमंत्रित किया था। जो तस्वीरें आई है, उसमें साफ दिख रहा है कि प्रकाश आंबेडकर फीता काट कर इसका उद्घाटन कर रहे हैं। बगल में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव खड़े हैं।

 के. चंद्रशेखर राव के इस कदम से तमाम अंबेडकरवादी गदगद हैं। लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठा रहे हैं कि आखिर मुख्यमंत्री राव के इस अंबेडकर प्रेम के पीछे की वजह क्या है? दरअसल तेलंगाना में इसी साल चुनाव होने हैं, ऐसे में साफ है कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के इस कदम के पीछे सिर्फ अंबेडकर प्रेम नहीं है, बल्कि उससे ज्यादा सत्ता में दुबारा आने की छटपटाहट हैं।

इसी से जुड़ा दूसरा सवाल भी आता है। क्या आंध्रप्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य बनवाने के लिए आंदोलन करने वाले और अलग राज्य बनने पर उसकी कमान संभालने वाले के. चंद्रशेखर राव को दलित वोटों के खुद से छिटक जाने का डर सता रहा है? अगर ऐसा है, तो क्यों है?

यहीं नाम आता है बहुजन समाज पार्टी का और फिलहाल तेलंगाना प्रदेश में बसपा की कमान संभाल रहे पूर्व आईपीएस अधिकारी आर.एस. प्रवीण का। दरअसल आईपीएस रहने और तेलंगाना सोशल वेलफेयर एंड रेशिडेंशियल स्कूल का सेक्रेट्री रहने के दौरान आर.एस. प्रवीण ने स्वैरो नाम का एक संगठन बनाया था, जिससे हजारों दलित परिवार आर.एस प्रवीण से जुड़े। इस बीच तमाम बच्चे जो उन स्कूलों में पढ़ते थे, आज युवा वोटर बन चुके हैं। आर.एस. प्रवीण फिलहाल 300 दिनों के बहुजन राज्यधिकार यात्रा पर निकले हैं। इस दौरान उनका लक्ष्य 5000 गांवों में जाकर बहुजन समाज के लोगों से मिलने का है। और आर.एस. प्रवीण को दलितों-वंचितों के बीच जिस तरह का समर्थन मिल रहा है, उससे केसीआर परेशान हैं। आऱ.एस प्रवीण की माने तो बाबासाहेब की 125 फीट ऊंची प्रतिमा और दलित बंधु योजना उसी परेशानी के बीच उठाया गया कदम है।

दरअसल तेलंगाना की कुल आबादी 10.03 मिलियन है, जिसमें दलितों की आबादी 1.82 मिलियन है। यह प्रदेश की कुल आबादी का 17.53 प्रतिशत है। प्रदेश के 33 जिलों में से 9 जिलों में दलितों की आबादी 20 प्रतिशत से अधिक है। दलितों की इस बड़ी आबादी को अपने पाले में लाए बिना तेलंगाना में सरकार बनाना संभव नहीं है। के.सी.आर इसी आबादी को लुभाने के लिए ये सभी कदम उठा रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि तेलंगाना की यह आबादी चुनाव में के.सी.आर के लोक लुभावन वादों के साथ खड़ी होती है या फिर लाखों बच्चों की जिंदगी बदल कर अपना काम दिखा चुके आर.एस. प्रवीण के साथ।

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