सन्यास लेने की नसीहत देने वालों की बोलती बंद कर दी धोनी ने

दुबई। टी-20 क्रिकेट को लेकर आलोचकों के निशाने पर आए पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि हर व्यक्ति के जीवन का अपना-अपना नजरिया होता है. पूर्व तेज गेंदबाज अजित आगरकर ने इस प्रारूप से उनकी विदाई की बात कहते हुए टीम प्रबंधन से उनका विकल्प तलाशने को कहा था. वीवीएस लक्ष्मण भी आगरकर से सहमत थे. इसके बाद से ही क्रिकेट जगत दो खेमों में बंट गया था. कुछ ने माही को संन्यास लेने की सलाह दे डाली तो कुछ उनके समर्थन में आ गए थे.

धोनी से जब आगरकर की टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा- हर किसी के जीवन के बारे में अपने विचार होते हैं. इनका सम्मान किया जाना चाहिए. धोनी ने युवा भारतीय टीम के कप्तान के तौर पर 2007 में शुरुआती विश्व टी-20 कप और 2011 वन-डे विश्व कप जीता. भारतीय टीम राजकोट में न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टी-20 में 40 रन से हार गई, जिसमें धोनी बल्लेबाजी में जूझते दिखे. इसके बाद उनके संन्यास की मांग उठने लगी.

36 वर्षीय दिग्गज क्रिकेटर ने कहा- सबसे बड़ी प्रेरणा भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा होना है. आपने ऐसे क्रिकेटर भी देखे हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत से मुकाम हासिल किया है, लेकिन फिर भी वे बहुत आगे तक पहुंचे हैं. ऐसा उनके जुनून की वजह से हुआ है. कोच को उन्हें ढूंढने की जरूरत है. हर कोई देश के लिए नहीं खेलता. धोनी यहां अपनी वैश्विक क्रिकेट अकादमी लॉन्च करने पहुंचे थे. उन्होंने दुबई की पेसिफिक वेंचर्स के साथ मिलकर अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय अकादमी “एमएस धोनी क्रिकेट अकादमी” का उद्घाटन किया.

नतीजों से अहम प्रक्रिया-

धोनी ने कहा- मैंने हमेशा ही माना है कि नतीजों से अहम प्रक्रिया होती है. मैंने कभी भी परिणाम के बारे में नहीं सोचा, मैंने हमेशा यही सोचा कि उस समय क्या करना ठीक होगा, भले ही तब दस रन की जरूरत हो, 14 रन की हो या फिर पांच की. मैं इस प्रक्रिया में ही इतना शामिल रहा कि मैंने कभी इस बात का बोझ नहीं लिया कि तब क्या होगा, अगर नतीजे मेरे हिसाब से नहीं रहे.

हेलीकॉप्टर शॉट पर बोले माही-

अपने ट्रेडमार्क हेलीकॉप्टर शॉट के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा कि मैं नहीं चाहूंगा कि कोई युवा इस तरह के शॉट का इस्तेमाल करे, क्योंकि इसमें चोटिल होने की संभावना ज्यादा है. यह ऐसी चीज है जो मैंने सड़क पर टेनिस गेंद से क्रिकेट खेलने के दौरान सीखी है. यह मुश्किल है.

पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने आलोचना का शिकार विश्व कप विजेता कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को टी-20 मैचों के प्रति अलग रवैया अपनाने की सलाह दी है. गांगुली ने कहा- वन-डे के मुकाबले उसका टी-20 रिकॉर्ड उतना अच्छा नहीं है. उम्मीद करते हैं कि कोहली और टीम प्रबंधन उनसे अलग से बात करेगा. उसमें काफी क्षमता है.

मुझे लगता है कि धोनी को वन-डे क्रिकेट खेलना जारी रखना चाहिए, लेकिन टी20 में अपना खेलने का तरीका बदलना चाहिए. उन्हें टी-20 मैच स्वच्छंद होकर खेलने होंगे. यह चयनकर्ताओं पर निर्भर करता है, वे क्या चाहते हैं कि वह कैसे खेले.

न्यूजीलैंड के खिलाफ राजकोट में दूसरे टी-20 में 197 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत 97 रन पर 4 विकेट गंवाने के बाद संकट में था, जिसके बाद धोनी, कोहली का साथ देने क्रीज पर उतरे, लेकिन उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा. भारत अंत में मैच हार गया.

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