यूपी की राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में अपनी मांगों को लेकर डटे शिक्षा मित्रों के तेवर कड़े हैं. मंगलवार(22 अगस्त) को शिक्षा मित्रों ने सरकार के फैसले को मानने से इनकार करते हुए आंदोलन और तेज करने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि रणनीति में परिवर्तन करते हुए बुधवार से हम आमरण अनशन करेंगे. सड़कों पर उतरेंगे.
इस बीच मंगलवार दूसरे दिन प्रदेश के अन्य जिलों से भी तमाम शिक्षा मित्रों के आंदोलन स्थल पर पहुंचने से प्रशासन और सतर्क हो उठा है. सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर लक्ष्मण मेला मैदान के आसपास पुलिस बल बढ़ा दिया गया है. शिक्षा मित्रों के भारी जमावड़े के कारण लक्ष्मण मेला मैदान और निशातगंज के इर्द-गिर्द जाम की स्थिति है.
आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने कहा कि ‘समान कार्य, समान वेतन से कम पर कुछ भी मंजूर नहीं. सरकार ने हमारे साथ धोखा किया है. शिक्षा मित्र समान कार्य, समान वेतन की मांग रख चुके हैं. वहीं हम टीईटी से छूट के लिए केंद्र सरकार से अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं. शिक्षा मित्र नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार केंद्र पर दबाव बना कर इस संबंध में अध्यादेश लाए और शिक्षा मित्रों को शिक्षकों के तौर पर समायोजित करें. उन्होंने कल से आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है.
सोमवार को राज्य सरकार ने शिक्षा मित्रों के संबंध में फैसला लिया है कि एक अगस्त से उन्हें शिक्षा मित्र मानते हुए 10 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा. वहीं उनके लिए शिक्षक की सेवा संबंधी नियमावली में संशोधन की कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है. उन्हें प्रतिवर्ष ढाई अंक वेटेज देने का नियम बनाया है. यह वेटेज अधिकतम 25 अंकों का हो सकता है. शिक्षा मित्रों ने चेतावनी दी है और कहा है यदि सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया तो शिक्षा मित्र सड़कों पर उतर आएंगे.
ध्यान रहे प्रदेश में आंदोलनरत शिक्षा मित्र अपने ऐलान के मुताबिक सोमवार को लखनऊ पहुंच गए थे. उन्होंने लक्ष्मण मेला मैदान पर डेरा डाल दिया था. हालांकि उनकी कोशिश विधानसभा तक पहुंचने की थी, पर पुलिस प्रशासन की तैयारियों के कारण इसमें वे सफल नहीं हो सके थे. इसके बावजूद उनके भारी जमावड़े के चलते पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रही.
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