चेन्नई। तमिलनाडु की राजनीति में गुरुवार को एक नई पार्टी का उदय हुआ. एआईएडीएमके के बागी नेता और आरकेनगर से निर्दलीय विधायक जयललिता के भतीजे ने टीटीवी दिनाकरण ने अपनी नई पार्टी ‘अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम’ लॉन्च की.
मदुरई में एआईएडीएमके के बागी विधायकों और भारी संख्या में उमड़े समर्थकों की मौजूदगी में दिनाकरण ने अपनी पार्टी, चुनाव चिह्न और झंडा लॉन्च किया. दिनाकरण ने कहा कि वह दिवंगत जयललिता के असली उत्तराधिकारी हैं. अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए दिनाकरण ने कहा, ‘हम अब अपनी नई पार्टी और झंडे के साथ आने वाले सभी चुनावों को जीतेंगे. इसके अलावा हम दो पत्तयों वाले चुनाव चिह्न को पाने की कोशिश करेंगे. इसके न मिलने तक हम चुनाह चिह्न कूकर का इस्तेमाल करेंगे।’
इससे पहले नौ मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट ने टी.टी.वी.दिनाकरण के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक (अम्मा) धड़े को समान चुनाव चिन्ह, संभवत: प्रेशर कुकर, और उनकी पसंद का एक उचित नाम आवंटित करने का निर्देश दिया था. दिल्ली हाईकोर्ट में दिनाकरन ने प्रेशर कुकर चिन्ह मांगा था, जिसके तहत पार्टी ने पिछले वर्ष दिसंबर में राधा कृष्ण्न नगर विधानसभा सीट पर हुआ उपचुनाव 40 हजार से अधिक मतों के अंतर से जीता था.
आवेदन पर सुनवाई के दौरान दिनाकरन ने अपने धड़े के लिए तीन नाम भी सुझाए थे -आल इंडिया अम्मा अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कझगम, एमजीआर अम्मा द्रविड़ मुनेत्र कझगम और एमजीआर अम्मा द्रविड कझगम. पलानीस्वामी -पनीरसेल्वम समूह ने कई आधार पर दिनाकरन की याचिका का विरोध किया था. यह भी कहा गया था कि दिनाकरन के धड़े को नाम और चिन्ह हासिल करने के लिए खुद को एक अलग पार्टी के रूप में पंजीकृत कराना होगा.
इन सभी बातों को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि दिनाकरन धड़े को एक नए राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण कराने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता क्योंकि उस सूरत में दो पत्ती चिन्ह पर उनका दावा खत्म हो जाएगा.

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