नई दिल्ली। 2019 चुनाव में भाजपा हारेगी या जीतेगी, यह ये पांच राज्य तय करेंगे. 2019 के लोकसभा चुनाव की सत्ता की चाबी पांच राज्यों के पास होगी. इनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार और तमिलनाडु शामिल हैं. देश के ये ऐसे पांच राज्य हैं, जहां सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें हैं. इन राज्यों में कुल 249 संसदीय सीटें है. 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी गठबंधन को 148 सीटें मिली थीं. जबकि कांग्रेस को महज 10 सीटें और अन्य के खाते में 91 सीटें आई थीं.
उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के साथ आने की स्थिति में भाजपा को फिर से उतनी बड़ी सफलता मिल पाना मुश्किल है. तो ऐसे ही पश्चिम बंगाल और तामिलनाडु में भी भाजपा बहुत मजबूत स्थिति में नहीं है. बंगाल में ममता बनर्जी तो तामिलनाडु में DMK और AIADMK भाजपा की राह में बड़ा रोड़ा हैं. बिहार में नीतीश कुमार के जनता दल यू के साथ मिलकर भाजपा बेहतर परिणाम की उम्मीद कर सकती है लेकिन यह बहुत आसान नहीं होगा.
बिहार में तेजस्वी यादव की भी मजबूत दावेदारी है. ऐसे ही महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी शिवसेना ही उसके लिए बड़ा अड़ंगा है. कांग्रेस को राज्यों में मिली जीत के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस के एक बार फिर उभर कर आने से इंकार नहीं किया जा सकता. फिलहाल तीन राज्यों की हार ने भाजपा के 2019 में केंद्र में वापसी पर संदेह तो पैदा कर ही दिया है.
ऐसे ही अगर तीन राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भी अगर विधानसभा की तर्ज पर चुनाव होते हैं और लोग इसी तरह वोटिंग करते हैं तो फिर भाजपा की राह और ज्यादा मुश्किल हो जाएगी. इसी तर्ज पर अगर 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वोटिंग और नतीजे हुए तो बीजेपी 63 सीटों से घटकर 23 पर आ जाएगी और कांग्रेस 6 से बढ़कर 40 पर पहुंच जाएगी.

भाजपा को २०१९ मेन जीतने से कोई नहीं रोक सकता ।
जिस निरपेक्षता के साथ मोदीजी ने देश विकास एवं जणकल्याण मे योगदान दिया हैं, इन पाँचों राज्यों की जनता बेहद ख़ुश हैं। वो चाहे किसी भी समाज के लोग हो, अंदर ही अंदर यह बात जानते हैं की भाजपा ही विकास लाएगी।
अन्य पार्टीयों के घोटालोंकी सारी सीमाएँ लाँग दी हैं ।