दुर्घटनास्थल पर मौजूद थीं सिद्धू की पत्नी, लोगों ने कहा- हादसा होते ही निकल गईं

अमृतसर। दशहरे के दिन पंजाब के अमृतसर में बड़ा रेल हादसा हो गया. रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रही भीड़ पर ट्रेन चढ़ गई जिससे 61 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों की तादाद और बढ़ सकती है. हादसे के बाद ट्रैक के दोनों ओर 150 मीटर तक शव बिखरे हुए नजर आ रहे थे. मौके पर राहत और बचाव दल तुरंत पहुंचा जिसके बाद घायलों को अस्पताल भेजा गया. पंजाब सरकार ने ऐलान किया है कि मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये दिए जाएंगे और घायलों का पूरा इलाज सरकार द्वारा किया जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित सभी बड़े नेताओं ने इस घटना पर दुख जताया है. जानिए अब तक का अपडेट-

हालांकि अमृतसर में सिविल हॉस्पिटल के चीफ मेडिकल अॉफिसर ने इस हादसे में मारे जाने वाले लोगों की संख्या 60 बताई है. आधिकारिक तौर पर करीब इतने ही लोगों के घायल होने की सूचना मिली है.

हादसे पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दुख जताया है. उन्होंने कहा, अमृतसर में दुखद रेल दुर्घटना के बारे सुनकर चौंक गया हूं. दुख के इस घड़ी में सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों को खुले रहने के लिए कहा गया है. जिला अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य शुरू करने का निर्देश दिया गया.जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए ट्वीट किया कि अमृतसर में ट्रेन दुर्घटना से बेहद दुखी हैं. उन लोगों के परिवारों के लिए मेरी गहरी संवेदनाएं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया और मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्दी से ठीक हो जाए. अधिकारियों से तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए कहा है.

रेलवे ट्रैक के पास बने ग्राउंड में आस-पास के लोग दशहरे का उत्सव देख रहे थे. ये सभी लोग उत्सव देखते-देखते ट्रैक पर पहुंच गए और बड़ा हादसा हो गया. घटना अमृतसर के जौड़ा फाटक इलाके में हुई जो शहर के बीचोंबीच स्थित है.

ग्राउंड से लेकर ट्रैक तक सैकड़ों की संख्या में लोग खड़े थे इसी दौरान ये दर्दनाक हादसा हुआ. बताया जा रहा है कि भीड़ रावण दहन देखने में व्यस्त थी और पटाखों के शोर में रेल की आवाज दब गई जिससे ट्रेन के आने का पता ही नहीं चला. ट्रेन 74943 डीएमयू से यह हादसा हुआ.

खबरों के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर भी कार्यक्रम में मौजूद थीं. राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है. बड़े अधिकारी मौके पर पहुँच गए हैं. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या 61 से ज्यादा हो सकती है. इस हादसे के बाद पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं. सवाल उठ रहे हैं कि इस जगह पर दशहरा कार्यक्रम की इजाजत क्यों दी गई. साथ ही रेलवे पर भी सवाल उठ रहे हैं कि इस तरह की लापरवाही कैसे हुई कि सैकड़ों लोग ट्रैक पर आ गए और इन्हें हटाया भी नहीं गया.

ऐसा नही है कि इस प्रकार कि घटना देश मे पहली बार हुई हो. बता दे कि इस प्रकार की घटना ने पटना के गांधी मैदान वाले हादसे की याद दिला दी . हादसा 4 साल पहले 3 अक्टूबर 2014 को बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में हुआ था. ये सभी लोग रावण दहन देख रहे थे और तभी भगदड़ मच गई. बता दे कि इस भगदड़ में 33 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे मे मारे गए लोगो में 27 महिलाएं और पांच पुरुष थे. यह घटना गांधी मैदान के दक्षिणी गेट (रामगुलाम चौक के सामने) के सामने हुआ था .गांधी मैदान के दक्षिणी गेट के नीचे बने लोहे के पाइप के चलते 33 लोगों की जान गयी थी. पहले एक अधेड़ उम्र की महिला का पैर इसी पाइप में फंस गया और वह जमीन पर गिर गयी. वहीं पर एक केबल का तार भी गिर गया था.

महिला को अचानक गिरता देख किसी ने करंट फैलने की अफवाह उड़ा दी. नतीजतन हजारों लोगों के बीच मे अफरातफरी मच गयी. जिसके कारण पहले तो लोगों को कुछ समझ नहीं आया लेकिन थोड़ी देर बाद ही भगदड़ मौत बनकर दौड़ने लगी. महिला के ऊपर सैकड़ो लोग गिर गए. कुछ लोग मौत के मुंह से सही सलामत निकलकर बाहर चले आए तो कुछ लोग हादसे का शिकार हो गए. इन दोनों घटनाओं ने देश को दहला दिया.

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