Friday, May 2, 2025
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आर्थिक आरक्षण के खिलाफ विपिन भारतीय ने डाली जनहित याचिका

जनहित याचिका दायर करने वाले विपिन कुमार भारतीय

नई दिल्ली। आर्थिक आधार पर गैर बहुजन लोगों को दस फीसदी आरक्षण दिए जाने के खिलाफ बहुजन समाज के लोगों के बीच काफी रोष है। लोग इसे संविधान से छेड़छाड़ मान रहे हैं। हालांकि देश के दोनों सदनों में तमाम दलों की सहमति से यह विधेयक पारित हो चुका है और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल चुकी है, बावजूद इसके बहुजन समाज का एक वर्ग इस निर्णय को स्वीकार नहीं कर पा रहा है। युवा एक्टिविस्ट विपिन कुमार भारतीय ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ सु्प्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल किया है।

विपिन भारतीय ने 14 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए कोर्ट से आर्थिक आधार पर दस फीसदी आरक्षण दिए जाने के फैसले को निरस्त करने की मांग की है। अपनी याचिका में युवा एक्टिविस्ट ने दो बातें कही है। उनका कहना है कि जिसको आरक्षण देने की बात यह एक्ट करता है वैसा कोई नागरिकों का समुह भारत में एग्जिस्ट ही नहीं करता है, यानि की आरक्षण दिए जाने का आधार ही काल्पनिक है। इसको लेकर किसी तरह का सर्वे या स्टडी नहीं की गई है, जो बता सके कि कोई ऐसा वर्ग है। वहीं अपने दूसरे तर्क में विपिन भारतीय का कहना है कि आर्थिक आधार पर आरक्षण जैसी कोई भी व्यवस्था संविधान में नहीं है।

फिलहाल युवा एक्टिविस्ट इस मामले पर आर-पार के मूड में हैं। उनका कहना है कि इस मामले की पहली सुनवाई के दौरान सबसे बेहतर वकील को हायर किया जाएगा। बता दें कि विपिन ओएनजीसी में कार्यरत हैं और ओएनजीसी के मेहसाना सेंटर पर पदस्थापित हैं।

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