नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ओबीसी आरक्षण पर बड़ा फैसला किया है. केंद्रीय कैबिनेट ने क्रीमी लेयर की सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख कर दिया है. सरकार के इस एलान के बाद अब 8 लाख रुपये सालाना तक कमाने वाली अन्य पिछड़ी जातियां (ओबीसी) क्रीमी लेयर में आएंगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी.
वित्त मंत्री ने कहा कि इस बारे में साल 2011 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने सिफारिश की थी. इस प्रकार की सबकैटगरी बनायी जाए. इसी प्रकार की सिफारिश पार्लियामेंट की स्टैंडिंग कमेटी ने भी साल 2012-13 में की थी. मंत्री परिषद में चर्चा के बाद इसको स्वीकार किया गया. ओबीसी की सूची में सब-कैटिगरी बनाने की दिशा में एक आयोग का गठन करने के लिए राष्ट्रपति के पास सिफारिश भेजी गई है.
अरुण जेटली ने बताया कि ओबीसी में सब-कैटेगिरी बनाने को लेकर एक आयोग का गठन किया जाएगा. ये आयोग ओबीसी कैटिगिरी में सब-कैटेगिरी बनाने को लेकर विचार करेगी. आयोग का अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद आयोग 12 हफ्ते में इससे संबंधित रिपोर्ट सौंपेगा.
आपको बता दें कि ओबीसी आरक्षण के लिए आखिरी समीक्षा 2013 में की गई थी. सरकार के इस फैसले के चलते अब ओबीसी वर्ग के ज्यादा लोगों को नौकरियों और भर्तियों में आरक्षण का फायदा मिल सकेगा.
क्या है क्रीमी लेयर?
सरकारी नौकरियों और केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के लिए 27 फीसदी पदों को आरक्षित रखा गया है. लेकिन, आरक्षण का लाभ लेने परिवार की वार्षिक आय 6 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए, जिसे बढ़ाकर 8 लाख रुपये कर दिया गया है. तय सीमा से ज्यादा आय वाले लोगों को क्रीमी लेयर मान कर इससे बाहर कर दिया जाता है. मगर इस पाबंदी की वजह से कई मामलों में ओबीसी कोटा के पद उपयुक्त उम्मीदवार की कमी की वजह से खाली ही रह जाते हैं. काफी लंबे समय से क्रीमी लेयर की सीमा को बढ़ाने की मांग हो रही थी.

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