पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अनुसूचित जाति ((एससी)/अनुसूचित जनजाति एसटी), दलितों और ओबीसी छात्रों के लिए बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि एससी/एसटी, दलित और ओबीसी समुदाय के छात्र अगर बिहार पब्लिक सर्विस कमिशन (बीपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षाएं (पीटी) पास करता है तो सरकार की तरफ प्रत्येक छात्र को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे. अगर मुख्य परीक्षा पास करता है तो एक लाख रुपए दिए जाएंगे.
उधर हाल ही में संसद के मानसून सत्र के दौरान राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधी संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा ने दो तिहाई से अधिक बहुमत के साथ सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी. सदन ने राज्यसभा द्वारा विधेयक में किए गए संशोधनों को निरस्त करते हुए वैकल्पिक संशोधन तथा और संशोधनों के साथ ‘संविधान (123वां संशोधन) विधेयक, 2017’ पारित किया.
बिहार के मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम में रह रहे बच्चियों के साथ हुए बलात्कार के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार विपक्ष के निशाने पर हैं. इस घोषणा के बाद उन्हें राहत महसूस हो रही होगी. क्योंकि हो सकता है प्रदेश के एससी, एसटी, दलित और ओबीसी का युवा वर्ग उनके इस घोषणा से सीएम का विरोध करना छोड़ दे.लेकिन बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश पर हमला तेज किए हुए हैं. उन्होंने कहा है कि इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़े अधिकारियों को बचा रहे हैं. साथ ही उसने कहा नीतीश जी, ‘आप सब दोष दूसरों पर मढ़ते हैं. छोटे कर्मचारियों को फंसाते हैं. बड़े अधिकारियों को बचाते हैं क्योंकि उन्हें नहीं बचाया तो वो आपकी सारी पोल खोल देंगे.’
Read it also-राज्यसभा उपसभापति चुनाव में कांग्रेस की हार के जिम्मेदार कौन?
- दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करेंhttps://yt.orcsnet.com/#dalit-dast

दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।
