नई दिल्ली। निर्भया या आसिफा की घटना के बाद मध्य प्रदेश के मंदसौर में हवस के हैवानों ने सात साल की बच्ची को शिकार बनाया. हैवानियत की हद को पार करते हुए दरिंदों ने तीसरी क्लास में पढ़ने वाली सात साल की बच्ची के साथ रेप किया फिर रॉड के जरिए उसके अंतड़ियों को बाहर निकाल दिया और भी ना जानें क्या-क्या यातनाएं दी.
बच्ची को मरा हुआ समझकर फेंक गए. लेकिन कुछ लोगों की नजर पड़ी तब जाकर बच्ची को इंदौर के महाराजा यशवन्तराव होलकर चिकित्सालय (एमवाय अस्पताल) में भर्ती कराया गया. इस सात साल की मासूम बच्ची के साथ हुई हैवानियत के बाद बच्ची को बचाना मुश्किल है फिर भी डॉक्टरों की टीम हर संभव प्रयास कर रही है. बच्ची के कुछ अंतड़ी को काटकर निकाला गया. बच्ची शुक्रवार को दर्द से इतना तड़प रही थी कि उसने तड़पती-कराहती आवाज में कहा कि “मां मुझे ठीक कर दो या मार डालो.”
बचाना सबसे बड़ी चुनौती…
डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची के जख्मी अंगों का ऑपरेशन किया जा चुका है. अब उसे संक्रमण से बचाना सबसे बड़ी चुनौती होगी. घाव भरने में दो हफ्ते का समय लग सकता है. जिसके बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है. बच्ची का इलाज कर रहे पीडियाट्रिक सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रजेश लाहोटी ने बताया कि अब उसकी हालत खतरे से बाहर है. उन्होंने उम्मीद जताई कि घाव ठीक होने के बाद वह सामान्य बच्चों की तरह जिंदगी बिता सकेगी.
शव गांव में नहीं दफनाने देंगे
बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान बच्ची का हाल जानने अस्पताल पहुंचे. उन्होंने पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही. सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलना चाहिए. विधायक उषा ठाकुर ने आरोपी को फांसी दिए जाने की मांग की. वहीं पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन ने कहा कि मामले की गहन जांच हो. मंदसौर में सात साल की बच्ची के साथ हैवानियत करने वाला दूसरा आरोपी आसिफ शुक्रवार को गिरफ्तार हो गया. उसने कबूल किया कि वे बच्ची को लड्डू खिलाने का लालच देकर ले गए थे. मामले के आरोपी इरफान के गांव रिंगनोद के निवासियों ने कहा है कि फांसी के बाद इरफान का शव गांव में नहीं दफनाने देंगे.
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