नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया सुश्री मायावती ने एक बार फिर ईवीएम के खिलाफ हल्ला बोला है. बसपा प्रमुख ने 2019 में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए ईवीएम की बजाय मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग की है. पार्टी के केंद्रीय कार्यालय की ओर से जारी बयान में यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से कहा गया है कि, “लंदन में साइबर विशेषज्ञ द्वारा प्रेस कांफ्रेन्स करके यह दावा करना कि 2014 के लोकसभा चुनाव के साथ उत्तर प्रदेश, गुजरात आदि राज्यों के पिछले विधानसभा चुनावों में EVM के जरिये जबर्दस्त धांधली की गई थी, EVM के जरिए धांधली पर जारी विवाद को और भी ज्यादा गहरा, षडयंत्रकारी व गंभीर बनाता है. देश के लोकतंत्र के व्यापक हित में ई.वी.एम. विवाद पर तत्काल समुचित ध्यान देने की सख्त जरूरत है ताकि भारी जन-आशंका का समय पर सही व संतोषजनक समाधान हो सके.”
आगामी चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाने की मांग करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा है कि, “निष्पक्ष व स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करने के लिये मतपत्रों के मतों के सत्यापन की बेहतर व्यवस्था संभव है जबकि EVM के सत्यापन की ऐसी कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है. इसलिये EVM संबंधी ताजा विवाद का संज्ञान लेते हुए आगामी लोकसभा आमचुनाव मतपत्रों से ही कराया जाए.”
दरअसल लंदन में चल रहे हैथकॉन में एक साइबर एक्सपर्ट द्वारा दावा किया गया है कि भारतीय ईवीएम को हैक किया जा सकता है. इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन एवं विदेश प्रेस एसोसिएशन इन लन्दन द्वारा संयुक्त तौर पर लन्दन में आयोजित प्रेस कान्फ्रेन्स में जारी नये तथ्यों के उजागर होने से मीडिया में ईवीएम मुद्दे को फिर से हवा मिल गई है. इस संबंध में मामले का उचित संज्ञान लेने की माँग करते हुये सुश्री मायावती ने कहा है कि, “बेहतर यही होगा कि ई.वी.एम. पर हर तरफ छाये विवाद व उसके प्रति विपक्षी पार्टियों तथा जनता की गंभीर आशंकाओं का जब तक सही व संतोषजनक समाधान नहीं हो जाता है, तब तक देश में चुनाव खासकर 2019 का लोकसभा का आमचुनाव मतपत्रों से ही कराया जाये.”
उन्होंने कहा कि ई.वी.एम. विवाद के संबंध में ताजा रहस्योद्घाटन काफी सनसनीखेज है तथा गहरे षड़यंत्र आदि का पर्दाफाश करते हुये बीजेपी को सीधे व साफ तौर पर कठघरे में खड़ा करता है. बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भी मायावती ने ईवीएम का मुद्दा जोर शोर से उठाया था और ईवीएम बैन करने की मांग की थी. बसपा ने कई महीनों तक यूपी के सभी जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन भी किया था. लोकसभा चुनाव के पहले एक बार फिर बसपा प्रमुख ने ईवीएम मुद्दा उठा कर मामले को हवा दे दी है.

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