गुरुद्वारे से हुआ ऐलान, इन दलित मजदूरों को कोई काम नहीं देगा

संगरूर। चमकीले भारत की चमक-दमक को ज़रा सा खुरच लें, तो अंदर बड़ी बदनुमा परत उजागर होती है. समानता के अधिकार की वकालत करता मेरा भारत न जाने किस-किस जगह नाइंसाफियों की नित नई दास्तानें लिखता रहता है. अपर कास्ट के सामंती अहंकार की नई इनस्टॉलमेंट पंजाब से आई है.

पंजाब के संगरूर के धांडीवाल गांव में ऊंची जाति के किसानों ने मजदूरों का हुक्का-पानी बंद कर दिया है. उनका बहिष्कार कर दिया है. महज़ इसलिए क्योंकि उन्होंने अपनी मजदूरी में 50 रुपए की बढ़ोतरी की मांग की थी. यहां तक कि उन्हें खेतों से गाय-भैंसों के लिए चारा भी नहीं लेने दिया जा रहा. ये सब पिछले 15 दिनों से जारी है.

इन दलित भूमिहीन मजदूरों ने महज़ इतनी मांग रखी थी कि उनकी मजदूरी में 50 रुपए बढ़ा दिए जाए. अभी 250 रुपए मजदूरी मिलती हैं. उसे 300 कर देने की प्रार्थना थी उनकी. इसे माना तो नहीं ही गया, उलट उनका बहिष्कार करने का फैसला कर दिया गया. बाकायदा गुरुद्वारे से इसका ऐलान किया गया.

इन दलितों के पास अपनी कोई ज़मीन-जायदाद नहीं है. सेविंग्स का तो सवाल ही नहीं. रोज़ाना पेट भरने के लिए, ये लोग पूरी तरह मजदूरी पर ही निर्भर हैं. ऐसे में पिछले 15 दिनों से कोई काम न मिलने से इनके भूखे मरने की नौबत आ गई है. 50 साल की अमरजीत कौर बताती हैं कि उन्होंने पिछले 10 दिनों से घर में कोई सब्जी नहीं बनाई है. चटनी के साथ रोटी खा रहे हैं.

“20 जुलाई को गांव के गुरुद्वारे से ऐलान हुआ कि हम दलितों को कोई भी काम पर नहीं बुलाएगा. कोई भी हमें दूध, अनाज या और खाने-पीने की चीज़ें नहीं देगा. हम 21 जुलाई को डिप्टी कमिश्नर के पास गए. उन्होंने दूध, अनाज खरीदने पर लगी हुई पाबंदी तो हटवा दी, लेकिन बहिष्कार के खिलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की.”

बहिष्कार के 2 दिन बाद धुरी के SDM ने सबको बुलाकर इन मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी तय कर दी थी. बिना खाने के 303 रुपए और खाने के साथ 273 रुपए. लेकिन किसान इस पर भी नहीं माने. एक और दलित महिला ने HT को बताया कि वो लोग खाने के साथ 273 रुपए की मजदूरी पर राज़ी हैं. मजदूरों को खाना देने की परंपरा काफी पुरानी है. मजदूर काम के वक़्त खाना नहीं बना सकते, इसलिए उन्हें काम करने की जगह ही खाना उपलब्ध करा दिया जाता है. लेकिन गांव के किसान इस अरेंजमेंट को भी कबूलने को तैयार नहीं. वो इन मजदूरों को सबक सिखाना चाहते हैं.

“मुझे जानवरों के लिए चारा लेने के लिए पड़ोस के गांव जाना पड़ा, जो 3 किलोमीटर दूर है. यहां के जाट किसान कहते हैं कि तुम्हारे पास खेत नहीं हैं, तुम हमारे खेतों से चारा चोरी कर रहे हो. हमें रोजाना ये सब झेलना पड़ रहा है.”

समरथ का हमलावर होना और कमज़ोर का दब जाना काफी प्राचीन चलन है इस पावन भूमि का. 21वीं सदी में आने के बावजूद, समानता के तमाम दावों के बावजूद ऐसी घटनाएं बताती हैं कि श्रेष्ठताबोध से अकड़े कुछ लोग दलितों को इंसान मानने को राज़ी नहीं हैं. शाइनिंग इंडिया की ये तस्वीर बेहद व्यथित करने वाली है.

सिख धर्म के बारे में अक्सर यही सुना कि ये मानवीयता के बेहद करीब है. गुरूद्वारे में ऊंच-नीच का फर्क मिटाकर लंगर में बर्तन साफ़ करते, जूते पॉलिश करते लोग देखता था तो बराबरी की अवधारणा पर विश्वास मज़बूत हो जाता था. उसी सिख धर्म से आती ऐसी ख़बर दिल तोड़ देती है. दलित होना, तथाकथित नीची जाति में पैदा होना कितना बड़ा अपराध है इस मुल्क में. फिर चाहे वो किसी भी धर्म के दलित हो. हिंदू धर्म में तो दलितों पर किए गए ज़ुल्म का लंबा इतिहास है. यही हाल इस्लाम का भी है. हम किस एंगल से महान देश हैं?

साभारः लल्लनटॉप

अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी ज्योति गुप्ता का शव रहस्यमय स्थिति में मिला

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रेवाड़ी। सोनीपत निवासी अंतरराष्ट्रीय महिला हॉकी खिलाड़ी ज्योति गुप्ता का शव बुधवार की रात रोहतक रेल लाइन पर पड़ा मिला. ज्योति बुधवार सुबह ही रोहतक जाने के लिए घर से निकली थी.

बुधवार रात करीब दस बजे जीआरपी थाने को सूचना मिली कि रोहतक रेल लाइन पर फ्लाइओवर के निकट एक युवती का शव पड़ा है. सूचना के बाद एएसआई उमेद सिंह और एएसआई उर्मिला देवी मौके पर पहुंचे. शव के निकट एक हैंड बैग व मोबाइल पड़ा था.

पुलिस ने मोबाइल के आधार पर शव की शिनाख्त का प्रयास किया. देर रात मोबाइल पर परिजनों की कॉल आने पर शव की शिनाख्त सोनीपत के विजयनगर वार्ड नंबर-25 निवासी 21 वर्षीया ज्योति गुप्ता पुत्री प्रमोद गुप्ता के रूप में हुई।बृहस्पतिवार सुबह ज्योति के पिता प्रमोद गुप्ता, मां बबली व कोच अनिल कुमार अन्य परिजनों के साथ रेवाड़ी पहुंचे.

प्रमोद गुप्ता ने बताया कि ज्योति बीए कर चुकी थी. बुधवार को उसने बताया था कि उसके सर्टिफिकेट में दर्ज नाम में गलती है, उसे ठीक कराने के लिए एमडीयू रोहतक जा रही है. करीब 11 बजे वह घर से निकली थी. शाम को साढ़े पांच बजे ज्योति की अपनी मां बबली से बात हुई थी. ज्योति ने बताया था कि उसकी बस रास्ते में खराब हो गई. एक घंटे में वह घर पहुंच जाएगी.

देर शाम तक भी जब ज्योति घर नहीं पहुंची तो संपर्क करने का प्रयास किया, परंतु मोबाइल स्विच ऑफ मिला. रात में ज्योति के मोबाइल से जब पुलिस ने बात की तब परिजनों को घटना के बारे में जानकारी मिली.

प्राथमिक जांच में पुलिस ज्योति द्वारा आत्महत्या करना मान रही है. पुलिस ने चिकित्सकों के बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम कराया है. ज्योति के परिजन आत्महत्या मानने से इनकार कर रहे हैं.

त्रिकोणीय सीरीज : मनीष पांडे की कप्‍तानी पारी, भारत ‘ए’ को दक्षिण अफ्रीका ‘ए’ पर दिलाई संघर्षपूर्ण जीत

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नई दिल्ली। शानदार फॉर्म में चल रहे मनीष पांडेम की नाबाद 93 रन की कप्तानी पारी खेली. उनकी इस बेहतरीन पारी की बदौलत भारत ‘ए’ ने त्रिकोणीय वनडे क्रिकेट सीरीज के एक करीबी मैच में मेजबान दक्षिण अफ्रीका ए को एक विकेट से हरा दिया. भारत के सामने जीत के लिये 267 रन का लक्ष्य था लेकिन उसकी शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसके चोटी के तीन बल्लेबाज 70 रन तक पेवेलियन लौट गये. पांडे ने यहीं से जिम्मेदारी संभाली और नाबाद 85 गेंदों पर पांच चौकों और दो छक्कों की मदद से 93 रन बनाये जिससे भारतीय टीम 49.4 ओवर में नौ विकेट पर 267 रन बनाकर जीत दर्ज करने में सफल रही.

 मनीष पांडे के अलावा सलामी बल्लेबाज संजू सैमसन ने 68 रन और क्रुणाल पंड्या ने 25 रन का योगदान दिया. दक्षिण अफ्रीका ‘ए’ की टीम पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर 48.2 ओवर में 266 रन बनाकर आउट हो गयी थी. उसकी पारी का आकर्षण विकेटकीपर बल्लेबाज हेनरिच क्लासेन (127) का शतक रहा. निचले क्रम के बल्लेबाज विलियम ने 66 रन की पारी खेली.

जब विकेट पर गेंद लगने के बावजूद इस नियम के कारण बच गए मनीष पांडे

भारत की तरफ से शार्दुल ठाकुर ने 35 रन देकर चार और सिद्धार्थ कौल ने 41 रन देकर तीन विकेट लिये. जवाब में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने श्रेयस अय्यर (9 ), विजय शंकर (0 ) और ऋषभ पंत (20) के विकेट जल्दी गंवा दिये. इसके बाद भी एक छोर से विकेट गिरते रहे लेकिन पांडे ने दूसरा छोर संभाले रखा. पहले सैमसन और बाद में यजुवेंद्र चहल (17) ने कुछ देर तक उनका साथ दिया.

 मनीष पांडे का शतक गया बेकार, ऑस्ट्रेलिया-ए के हाथों 1 रन से हारा भारत-ए

क्रुणाल पंड्या ने 15 गेंदों पर तीन चौकों और एक छक्के की मदद से 25 रन बनाये लेकिन चार गेंद के अंदर दो विकेट गंवाने से स्कोर नौ विकेट पर 263 रन हो गया. पांडे ने ऐसे में दो रन लेकर स्कोर बराबर किया जबकि मोहम्मद सिराज (नाबाद 2 ) ने विजयी रन बनाया. पांडे को ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया.

दक्षिण अफ्रीका की तरफ से कार्ल जूनियर डाला और तबरेज शम्सी ने तीन-तीन विकेट लिये .भारत की यह चार मैचों में तीसरी जीत है जबकि दक्षिण अफ्रीका को तीन मैचों में पहली हार झेलनी पड़ी. ये दोनों टीमें पहले ही फाइनल में अपनी जगह सुरक्षित कर चुकी हैं. फाइनल आठ अगस्त को खेला जाएगा.

दलित महिला ने रिश्वत मांगने वाले भाजपा नेता को दौड़ाया

नीमच। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक महिला भाजपा नेता को मारने के लिए दौड़ा रही है.नेता जी अपनी जान बचाकर इधर-धर दौड़ते नजर आ रहे है.

मामला मध्यप्रदेश के नीमच जिले का बताया जा रहा है. स्थानीय मीडिया के अनुसार मारने के लिए जो महिला दौड़ रही है वो एक दलित है और अपनी जान बचाकर भागने वाले नेता भारतीय जनता पार्टी का पार्षद है. ये महिला भाजपा पार्षद पर ब्लैकमेलिंग के आरोप लगा रही है. ये घटना गुरुवार 3 जुलाई की बताई जा रही है.

चैनल न्यूज 18 की खबर के अनुसार नीमच में भाजपा पार्षद अजमेरा नगर पालिका परिषद के सम्मेलन में इस दलित महिला के एक प्रस्ताव का विरोध कर रहे थे. दलित महिला के प्लॉट के नामांतरण का प्रस्ताव सम्मेलन में तीसरी बार रखा गया था. प्रस्ताव का पार्षद अजमेरा ने तीसरी बार विरोध जताया, जिसके बाद महिला और उसके परिजन पार्षद अजमेरा को मारने के लिए दौड़े.

पार्षद महिला और उसके परिजनों का गुस्सा देख परिसर में ही भागने लगे. किसी तरह वह अपनी कार के पास पहुंच गए. ये लोग पार्षद को मारने के लिए उनकी कार के पास भी पहुंच गए. पार्षद ने कार को अंदर से लॉक कर लिया. किसी तरह से पार्षद अजमेरी वहां से अपनी जान बचाकर भागने में सफल हुए. दलित महिला ने कहा कि जमीन नाम करवाने के लिए पार्षद पांच लाख रूपए मांग रहा था और ब्लैकमेलिंग कर रहा था.

पैंट-शर्ट पहना तो महिला कैसे हुई?

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नई दिल्ली: नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ इन दिनों अपने बोल्ड कंटेंट की वजह से सुर्खियों में हैं. सेंसर बोर्ड ने फिल्म पर अपने हाथ खुलकर खोल दिए और उसमें 48 कट लगाने की सलाह दे डाली. यही नहीं, इन कट्स के साथ भी फिल्म को ए सर्टिफिकेट देने की बात कही. बात इतनी ही रहती तो ठीक थी, लेकिन उस समय सेंसर बोर्ड के सदस्यों ने सारी हदें लांघ दी जब फिल्म की प्रोड्यूसर किरन श्रॉफ से सेंसर बोर्ड की एक सदस्य ने कहा कि आप एक औरत होकर इस तरह की फिल्म कैसे बना सकती हैं.

इस बात की जानकारी बुधवार को मुंबई में फिल्म और टीवी डायरेक्टरों के संगठन आईएफटीडीए की बैठक में ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ की टीम ने दी. यह बैठक सेंसर बोर्ड का विरोध करने के लिए की गई थी. इसमें फिल्म के अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी मौजूद थे. फिल्म के डायरेक्टर कुषाण नंदी ने कहा कि सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने उन्हें फिल्म को बैन करने की धमकी तक दी थी.

उधर, किरण श्रॉफ ने आरोप लगाया कि फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद पैनल के दो सदस्यों ने उनके साथ बदतमीजी की. एक महिला सदस्य ने उनसे पूछा कि तुम महिला होकर इस तरह की फिल्म कैसे बना सकती हो. तभी एक दूसरे सदस्य ने उनसे कहा कि ये तो पैंट कमीज पहने हुए हैं, महिला कैसे हो सकती हैं.

चीनी सेना की भारत को धमकी- तुरंत पीछे हटे इंडियन आर्मी, बर्दाश्त की हद खत्म

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ऩई दिल्ली। चीन ने कहा कि भारत को सीमा पर शांति कायम रखने की इच्छा अपने कामों से दिखानी चाहिए. चीन ने दावा किया कि सीमा पर चीन की तरफ एक सड़क बनाने के उसके प्रयासों को रोकने के लिए डोकलाम क्षेत्र में 48 भारतीय सैनिकों के पीछे सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिक मौजूद हैं. एक बयान में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि भारतीय पक्ष के कदम गैरजिम्मेदाराना और लापरवाह लगते हैं.  उन्होंने कहा कि कल तक डोकलाम क्षेत्र में 48 भारतीय सैनिक और एक बुलडोजर था. उन्होंने इसे चीन की सीमा में घुसपैठ बताया. हालांकि भारत कहता है कि यह क्षेत्र भूटान का है.

गेंग ने कहा कि इसके अलावा, सीमा पर और सीमा के भारतीय तरफ अब भी बड़ी संख्या में भारतीय सैन्य बल मौजूद है. प्रवक्ता ने कहा कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि कितने भारतीय सैनिको ने अवैध रूप से सीमा पार की और अभी भी चीनी क्षेत्र में हैं, यह चीन की क्षेत्रीय अखंडता के गंभीर उल्लंघन तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उल्लंघन की प्रकृति को नहीं बदलता है. यह घटना अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अवैध है. भारतीय पक्ष को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए.

गेंग ने फिर दोहराया कि 18 जून को करीब 270 भारतीय सैनिक चीन की सीमा में सड़क निर्माण में बाधा पहुंचाने के लिए चीन की जमीन पर सौ मीटर से अधिक अंदर घुस आए. गेंग ने कहा कि भारत को अपने शब्दों को काम में बदलते भी दिखाना चाहिए. गेंग ने बयान में कहा कि भारतीय पक्ष हमेशा शांति की बात करता है. लेकिन हमे केवल शब्दों को नहीं सुनना चाहिए बल्कि उसके कामों पर भी ध्यान देना चाहिए.

चीनी सेना ने दी भारत को धमकी

इस बार चीनी सेना ने डोकलाम पर भारत को धमकी दी है. चीनी सेना की ओर से कहा गया है कि संयम की सीमा खत्म हो रही है और भारत को तुरंत पीछे हट जाना चाहिए. चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता और पीएलएन के कर्नल रेन गुओकियांग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चीन ने गुडविल दिखाते हुए इस मामले पर अभी कूटनीतिक हल का रास्ता अपनाया है लेकिन इसकी भी एक सीमा है और संयम खत्म होने की ओर है. चीनी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि चीन की जमीन को कोई भी देश ले नहीं सकता, चीनी सेना अपने भूभाग और संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम है.

कल से जीएसटीएन पर अपने टैक्स का भुगतान कर सकेंगी कंपनियां

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नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पहला टैक्स रिटर्न शनिवार यानी 5 अगस्त से भरा जा सकता है. यह सुविधा 20 अगस्त तक खुली रहेगी. जीएसटी नेटवर्क के सीर्इओ नवीन कुमार ने कहा कि कंपनियां जुलाई के लिए 5 अगस्त से जीएसटी नेटवर्क के पोर्टल पर अपना पहला जीएसटी रिटर्न फाइल करके टैक्स पेमेंट कर सकती हैं. नये इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम जीएसटी के लिए जीएसटी नेटवर्क आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराता है.

जीएसटी काउंसिल ने कंपनियों के लिए जीएसटी कंप्लायंस को आसान बनाने के लिए जीएसटी के लागू होने पहले 2 महीनों में सेल्फ एसेसमेंट के आधार पर अपने रिटर्न दाखिल करने की मंजूरी दी है. यानी सितंबर तक कंपनियों को ये टैक्स फाइल करने की सुविधा मिली है. जीएसटी पिछले महीने की एक तारीख से पूरे देश में लागू हो चुका है.

नवीन कुमार ने कहा कि हमने निजी और सरकारी क्षेत्र के सभी बड़े बैंकों के साथ गठजोड़ किया है. जीएसटीएन पर टैक्स पेमेंट फैसिलिटी पहले से चालू है और एकीकृत जीएसटी कलेक्शन किया जा रहा है. इसके साथ 20 अगस्त तक रिटर्न भरने के साथ केंद्रीय और राज्य जीएसटी भी आयेगा. एक्साइज ड्यूटी और वैट का भुगतान करने वाले 71.30 लाख से ज्यादा टैक्सपेयर्स जीएसटीएन पोर्टल से जुड़ चुके हैं. जीएसटी पोर्टल पर 13 लाख नये रजिस्ट्रेशन भी हो चुके हैं.

सुषमा ने दी PM के लाहौर दौरे की गलत जानकारी, कांग्रेस ने दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस

नई दिल्ली। राज्यसभा में भारत की विदेश नीति पर चर्चा के दौरान कल विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने विपक्ष पर कई प्रहार किए. कल सुषमा ने एक तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से बेहतर बता दिया. सुषमा ने कहा कि नेहरू ने दुनिया में अपना नाम कमाया था, जबकि पीएम मोदी ने देश का नाम ऊंचा किया है.

चीन के साथ आपसी रिश्तों पर छायी धुंध के बारे में सुषमा ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि 1962 में अटल जी के कहने पर नेहरूजी ने चीन से तनावपूर्ण संबंधों के बारे में संसद को आहूत कर सरकार की स्थिति स्पष्ट की थी, लेकिन आज मुझे दुख है कि कांग्रेस ने सरकार से इस बारे में कुछ पूछने के बजाय भारत में चीन के राजदूत से मिलना मुनासिब समझा.”

सुषमा स्वराज ने कहा था, ”17 साल में एक भी प्रधानमंत्री नेपाल नहीं गया. हमारे प्रधानमंत्री दो दो बार नेपाल गए तो फिर संबंध खराब होने का सवाल कहां से आया. आज कांग्रेस जिन मुद्दों पर चिंता जता रही है उन मु्द्दों की जन्मदाता कांग्रेस ही है.

भारत की विदेश नीति पर कथित तौर पर सदन को गलत सूचना देने के मुद्दे पर विपक्षी दल आज राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाएंगे. सूत्रों के मुताबिक अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेता स्वराज के खिलाफ कल दो विशेषाधिकार प्रस्ताव लाएंगे. यह प्रस्ताव कथित तौर पर ‘बानडुंग एशिया अफ्रीका संबंधों पर सम्मेलन और 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाहौर दौरे के बारे में गलत जानकारी देने’ को लेकर दिए जायेंगे.

सूत्रों ने कहा कि सुषमा ने दावा किया था कि उन्होंने बानडुंग सम्मेलन में कोई भाषण नहीं दिया, वहीं विपक्षी दलों ने उनके कथित भाषण को डाउनलोड किया और इसे साक्ष्य के तौर पर पेश करेंगे. दूसरा विशेषाधिकार प्रस्ताव कथित तौर पर ‘2015 में मोदी के लाहौर दौरे को लेकर सदन को गलत जानकारी देने को लेकर है, जिसमें दावा किया था कि उसके बाद से कोई आतंकी घटना नहीं हुई.’

विपक्ष ने हालांकि इससे इत्तेफाक न जताते हुये कहा कि मोदी के दौरे के तत्काल बाद पठानकोट आतंकी हमला हुआ था और पांच और घटनायें भी हुईं.

डीयू: पीएचडी मैथ्स में SC/ST के लिए कटऑफ शून्य

नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी ने मैथमेटिक्स डिपार्टमेंट में पीएचडी ऐडमिशन के लिए इंटरव्यू का शेड्यूल और कटऑफ मार्क्स जारी किया है। इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि जनरल कैटिगरी के लिए कटऑफ 94 फीसदी और ओबीसी के लिए 84 फीसदी है जबकि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए कटऑफ 0 है।

छात्रों ने जब जब यह देखा कि एससी/एसटी कैंडिडेट्स के लिए पासिंग मार्क्स 0 है तो वे दंग रह गए। हैरान करने वाली बात है कि पीएचडी मैथमेटिक्स प्रोग्राम में दाखिले के लिए 30-40 फीसदी पास मार्क्स को भी अनिवार्य नहीं किया गया है।

दाखिले के लिए इंटरव्यू 31 जुलाई से 4 अगस्त, 2017 तक होगा। यूनिवर्सिटी ने इंटरव्यू के लिए चुने गए 223 कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी की है। चुने गए छात्रों में करीब 32 छात्र एससी/एसटी कैटिगरी की सीट के लिए मुकाबले में हैं।

महिलाओं को जिहाद में शामिल करने के लिए तालिबान ने निकाल मैगजीन

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इस्लामाबाद। तहरीक़-ए-तालिबान के प्रमुख मुल्ला फ़जलुल्लाह की पत्नी ने कहा है कि लड़कियों और लड़कों की कम उम्र में शादी कर देनी चाहिए ताकि वे रास्ता भटकने से बच सकें. इससे वे महिलाओं का रूझान जिहाद की तरफ भी बढ़ेगा. उन्होंने यह बात तालिबान की ओर से प्रकाशित होने वाले एक प्रचार पत्रिका में कही.

तालिबान ने महिलाओं के लिए अंग्रेज़ी भाषा में पत्रिका का पहला संस्करण जारी किया है. पत्रिका में मुल्ला फ़जलुल्लाह की पत्नी के साक्ष्ताकार के अलावा एक छह वर्षीय बच्ची की कहानी भी प्रकाशित की गई है जो जेहादी बनना चाहती है.

सुन्नत-ए-खुला में खुले आम महिलाओं को जिहाद की ओर आने के लिए कहा जा रहा है. इस पत्रिका में एक डॉक्टर महिला ने भी अपनी कहानी बताई है कि उन्होंने किस तरह इस्लाम को अपनाने के बाद पश्चिमी पढ़ाई और जीवन से खुद को अलग कर लिया.

तालिबान के प्रमुख मिला फजलुल्लाह की पत्नी ने कहा कि लड़कियों को हथगोले और छोटे हथियार चलाना सीखना चाहिए और उसके उन्हें जिहादी प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिए. तहरीके तालिबान पाकिस्तान की ओर से प्रकाशित होने वाले पत्रिका के कवर पर एक लड़की की तस्वीर है जो सिर से पांव तक ढंकी है.

पत्रिका के संपादकीय में कहा गया है कि हम मुसलमान महिलाओं को सलाह दे रहे हैं कि वे जिहाद में अपना योगदान करें. पत्रिका में जिहाद में शामिल होने की चाह रखने वाली महिलाओं के लिए सलाहें भी दी गई हैं. एक और संपादकीय में कहा गया है कि भारत पाकिस्तान पर हमला करना चाहता है. तालिबान पाकिस्तान में लगातार उर्दू और अंग्रेज़ी में जिहादी मैग्ज़ीन प्रकाशित करता रहा है.

इस्लामाबाद आतंकवादी संगठन अब अपना दायरा बढ़ाने के लिए कई नए-नए तरीकों का सहारा ले रहे हैं. इसी कड़ी में पाकिस्तानी तालिबान अब मैगजीन के सहारे महिलाओं को रिझाने की कोशिश कर रहा है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) नाम के इस आतंकवादी संगठन ने महिलाओं के लिए एक पत्रिका निकाली है. बीते मंगलवार को इस मैगजीन का पहला अंक सामने आया. इस मैगजीन का मकसद महिलाओं को पाकिस्तान तालिबान में शामिल होने के लिए तैयार करना और उन्हें जिहाद के रास्ते पर आगे ले जाना है. यह पत्रिका अंग्रेजी भाषा में लिखी गई है.

इस मैगजीन का नाम ‘सुन्नत-ए-खाउला’ है. इसका मतलब है- खाउला के बताए तरीके, खाउला पैगंबर मुहम्मद की सबसे शुरुआती महिला समर्थकों में से एक थीं. इस मैगजीन के फ्रंट कवर पर एक महिला की तस्वीर है, जो कि सिर से लेकर पांव तक नकाबपोश है. इस महिला ने सिर से लेकर पांव के अंगूठे तक को बुर्के से ढका हुआ है. पत्रिका के भीतर TTP के सरगना फजलुल्लाह खोरासानी की पत्नी का इंटरव्यू है. इसका नाम नहीं बताया गया है. इंटरव्यू में वह फजलुल्लाह से शादी करने और अपने विवाहित जीवन के अनुभवों के बारे में बताती है. उसने बताया कि महज 14 साल की उम्र में उसकी शादी फजलुल्लाह से हो गई थी.

मुगलसराय जंक्शन को मिलेगा नया नाम, केंद्र सरकार ने दी हरी झंडी

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नई दिल्ली। मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अब जनसंघ नेता दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर किया जाएगा. योगी सरकार को इस फैसले के लिए गृह मंत्रालय से हरी झंडी मिल गई है. इसी वर्ष जून में यूपी सरकार ने स्टेशन का नाम बदलने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी. जुलाई में गृह मंत्रालय को यूपी सरकार से एनओसी मिल गई. सरकारी नियमों के मुताबिक किसी स्टेशन, गांव, शहर का नाम बदलने के लिए राज्य सरकार को गृहमंत्रालय ने एनओसी लेना जरूरी होता है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही नो ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट यूपी सरकार को भेज दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस ब्यूरो, ज्योग्राफिकल सर्वे ऑफ इंडिया, डाक विभाग और रेलवे मंत्रालय ने गृहमंत्रालय से कहा है कि उन्हें स्टेशन का नाम बदले जाने से कोई समस्या नहीं है.

एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि किसी भी एजेंसी ने कोई भी प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं दी। एक बार राज्य सरकार को एनओसी मिल जाएगा तो उसके बाद वह स्टेशन का नाम बदल सकती है. उत्तर प्रदेश के पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट की तरफ से डाक विभाग और जीएसाई को जानकारी देते हुए एक अधिकसूचना जारी की जाएगी ताकि आम लोगों को मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन रखे जाने के बाद किसी समस्या का सामना न करना पड़े.

भगवा कट्टरपंथ से खतरे में है दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और ओबीसी समाज

आज भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में धार्मिक कट्टरपंथी अपने अड़ियलपन के कारण अभी भी अपनी विधवाओं को सती करना चाहते हैं. लड़कियों की भ्रूण हत्याओं का विरोध नहीं करते. जब कभी समाज सुधार की बात होती है तो भगवाधारी हजारों की संख्या में ‘धर्म ख़तरे में है’ का नारा देकर सड़कों पर आ जाते हैं. आखिर यह स्थिति मोदी, योगी के राज्य में और भी विकराल रूप धारण करती जा रही है.

ऐसे धर्म ने और उसके बिचौलियों ने खासकर महिलाओं और बहुजन समाज का जीना हराम कर दिया है. आज देश के किसी भी कोने में दलित, आदिवासी, ओबीसी, अल्पसंख्यक अपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहा. देश की आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा अपने आपको भयभीत व डरा हुआ समझ रहा है. ऐसे में सामाजिक, आर्थिक विकास, प्रगति और शांति के मायने बहुजन समाज ने खो दिये है.

अगर हमें समतामूलक समाज की स्थापना करनी है तो ऐसी क्रूरता से बाहर निकलना ही पड़ेगा. तभी यह देश सामाजिक न्याय के पुरोधा, महानायकों के सपनों का भारत कहलायेगा. हम अपने घरों में पूजा करें, नमाज़ अदा करें कौन मना कर रहा है, पर सार्वजनिक रूप से इनको ज्यादा बढ़ावा न दिया जाए. आज सरकार सिर्फ एक ही धर्म के लोगों को व एक ही धर्म को बढ़ावा दे रही है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरासर गलत है. अंधविश्वास, पाखंडवाद की लोकतंत्र में कोई जगह नहीं होनी चाहिये, क्योंकि ये देश धर्मनिरपेक्ष है.

धर्म, आस्था का अर्थ दूसरों को नुकसान पहचान तो बिल्कुल नहीं होता. किसी एक समुदाय की आस्था पूरे देश के संकट का कारण नहीं बन सकती. किसी भी शिक्षा संस्थान में प्रवेश या सरकारी, गैर सरकारी सेवा के लिए आवेदन या नौकरी के लिए धर्म आड़े नहीं आना चाहिए. पासपोर्ट और व्यक्तिगत दस्तावेजों में ‘धर्म और जाति’ के कॉलम को तुरंत खत्म कर दिया जाना चाहिए. जाति व धर्म के बारे में घोषणा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.

भारत सही मायनों में धर्मनिरपेक्ष देश नहीं बनेगा तब तक हम आधुनिक, वैज्ञानिक युग में प्रवेश नहीं कर सकते. गांव, क्षेत्र, जिला, प्रदेश, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर मानव समाज को धर्म से ऊपर उठकर क़ानून व संविधान को अंगीकृत कर शक्तिशाली, प्रगतिशील, मजबूत भारत बनाने में अपनी अपनी महती भूमिका निभानी चाहिए, तभी हम आने वाली पीढ़ियों के दिलों पर राज्य कर सकेंगे, अन्यथा आपके कट्टरता वाले धर्म पर आने वाली पीढ़ियां सवालों की बौछारें खड़ा करेंगी और धर्म से बाहर निकल कर इंसान बनने में रुचि लेंगी.

-अशोक बौद्ध, सामाजिक कार्यकर्ता

शिक्षिका पर धौंस दिखाने वाले मनोज तिवारी इस हीरोईन के आगे लोट गए

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नई दिल्ली। बात इसी साल मार्च महीने की है. उत्तर पूर्व दिल्ली के यमुना विहार में एक स्कूल का कार्यक्रम चल रहा था. गायक और अभिनेता के साथ फिलहाल राजनीति में सक्रिय मनोज तिवारी इस कार्यक्रम के अतिथि थे. जब तिवारी के बोलने की बारी आई तो कार्यक्रम का संचालन कर रही महिला शिक्षिका ने मनोज तिवारी को मंच पर आमंत्रित करते हुए उनसे गाने की फरमाइश कर डाली. शिक्षिका की यह फरमाइश सुनते ही मनोज तिवारी भड़क गए और उसे फटकारते हुए मंच से उतर जाने को कहा. तिवारी इस बात से खफा थे कि आखिर एक शिक्षिका ने एक सांसद से गाना गाने को कैसे कह दिया?

अब बड़े नेता बन चुके और दिल्ली में भाजपा के अध्यक्ष वही मनोज तिवारी एक बार फिर से गाने को लेकर चर्चा में हैं. गाने की बात पर एक महिला शिक्षिका को फटकार लगाने वाले तिवारी एक दूसरी महिला के लिए घुटने के बल बैठकर गाते दिखे. यहां न तो उनकी सांसदी आड़े आई और न ही एक सांसद की मर्यादा का ख्याल आया. उन्होंने शायद एक सांसद की तमाम मर्यादा को इसलिए ताक पर रख दिया क्योंकि सामने एक बड़ी फिल्म स्टार थी.

असल में अपनी फिल्म “जब हैरी मेट सेजल” के प्रोमोशन के लिए शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा एक अगस्त को बनारस में थे. इस दौरान मनोज तिवारी ने अनुष्का शर्मा के कदमों में बैठ कर खूब गाने गाए. सवाल उठता है कि पांच महीने पहले ही एक महिला शिक्षिका को फटकारने, तमीज सिखाने, कार्रवाई करने और मंच से नीचे उतार देने वाले भाजपा के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष और एक सांसद को बॉलीवुड की हीरोइन के सामने घुटने पर बैठकर गाते हुए अपनी मर्यादा क्यों याद नहीं आई?

फूलपुर से चुनाव नहीं लड़ेंगी मायावती, जानिए 5 बड़ी वजह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के फूलपुर लोकसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में बसपा प्रमुख मायावती के लड़ने को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि मायावती विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार हो सकती हैं. लेकिन बसपा के बड़े नेताओं ने ‘दलित दस्तक’ से बातचीत में साफ कर दिया है कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगी. इसके साथ ही मायावती के चुनाव लड़ने की अटकलें खत्म हो गई हैं. हम आपको 5 बड़े कारण बताएंगे कि आखिर मायावती चुनाव क्यों नहीं लड़ेंगी.

पहला कारणः- बसपा प्रमुख के चुनाव नहीं लड़ने की कई वजहें हैं. इसमें सबसे बड़ी वजह यह है कि बहुजन समाज पार्टी उपचुनाव लड़ने के हक में नहीं रहती है. अपनी स्थापना से लेकर अब तक कुछ चुनिंदा मौकों को छोड़कर बसपा ने इससे परहेज किया है. उत्तर प्रदेश में भी कई बार विधानसभा की सीटों पर उपचुनाव की स्थिति में भी बसपा ने खुद को इससे दूर ही रखा.

दूसरा कारणः- मायावती ने हाल ही में राज्यसभा से इस्तीफा दिया है. इस्तीफे के बाद उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन का आगाज भी कर दिया है. 18 सितंबर से इसकी शुरुआत होनी है जो लगातार नौ महीने चलेगी. ऐसे में मायावती फिर से बतौर सांसद काम करने से परहेज करेंगी.

तीसरा कारणः- राज्यसभा से इस्तीफा देते हुए मायावती ने कहा था कि जिस सदन में उन्हें उनके समाज की बात रखने का मौका नहीं दिया जा रहा है, उसका सदस्य बने रहना उनके लिए लानत है. यहां यह देखना होगा कि राज्यसभा में भाजपा का बहुमत नहीं होने के बावजूद जब मायावती को अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल रहा था तो लोकसभा में तो भाजपा बहुमत में है. इसलिए उन्होंने जिस आधार पर इस्तीफा दिया था, वह जस का तस बना रहेगा.

चौथा कारणः- 2019 के लोकसभा और उससे पहले गुजरात और मध्य प्रदेश आदि राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मायावती किसी अन्य चुनाव में सीधे उतरने के मूड में नहीं हैं. चुनाव लड़ने की स्थिति में उन्हें अपना सारा ध्यान फूलपुर में प्रचार पर लगाना पड़ेगा और पार्टी की हालत को बेहतर बनाने के लिए बैठक दर बैठक कर रहीं मायावती किसी एक क्षेत्र विशेष पर समय जाया करेंगी इसकी संभावना कम है.

पांचवा कारणः- बसपा और उसकी मुखिया मायावती के लिए सबसे अहम 2019 का लोकसभा चुनाव है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा का कोई भी नेता जीत हासिल नहीं कर पाया था. पार्टी के गठन के बाद पहला सांसद चुने जाने के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है कि लोकसभा में बसपा का कोई सांसद नहीं है. इसको देखते हुए मायावती के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोकसभा में बसपा नेताओं को पहुंचाना है. अगले लोकसभा चुनाव में काफी कम वक्त बचा है, इसलिए मायावती सिर्फ उसी पर फोकस करना चाहती हैं, न कि खुद चुनाव लड़कर तमाम महत्वपूर्ण चुनावों को किनारे करेंगी.

दिलीप कुमार की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

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बॉलीवुड एक्टर दिलीप कुमार की बुधवार को अचानक तबीयत बिगड़ने के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया. बताया गया कि बुधवार दोपहर डिहाइड्रेशन के चलते उनकी तबीयत बिगड़ने लगी जिसके चलते उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पहले खबर आई कि गुरुवार तक उन्हें कुछ ही घंटो के लिए आईसीयू में रखा जाएगा लेकिन अब खबर है कि दिलीप कुमार की हालत में सुधार नहीं है उन्हें अभी भी आईसीयू में रखा गया है.

सूत्रों की जानकारी के मुताबिक दिलीप कुमार साहब को आईसीयू में डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया है. बताया जा रहा है कि उनकी किडनी संबंधी परेशानी अभी ठीक नहीं हुई है उनकी किडनी का ट्रीटमेंट चल रहा है. यह ट्रीटमेंट दि‍लीप कुमार के डॉक्टर जलील पपारकर और किडनी स्पेशलिस्ट डॉ नीतिन गोखले के अलावा कई दूसरे डॉक्टर्स की निगरानी में हो रहा है. लेकिन फिलहाल ये नहीं कहा जा सकता कि उनकी तबीयत में सधार है.

हालांकि बुधवार को अस्पताल में भर्ती करवाने से पहले यह भी बताया जा रहा था कि वह कुछ दिनों से ब बुखार से पीड़ित थे. दिलीप कुमार की भतीजी और एक्ट्रेस सायशा की मां शाहीन ने भी ट्वीट कर उनकी तबीयत की जानकारी दी थी. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि युसूफ अंकल जल्द ठीक हो जाएंगे. दिलीप कुमार के फैन्स भी लगातार सोशल मीडिया पर उनकी हालत में सुधार होने की दुआएं कर रहे हैं.

दलित दस्तक के विरोध के बाद रेलवे ने डॉ. अम्बेडकर का विवादित पोस्टर हटाया

नई दिल्ली। देश की राजधानी में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लगा एक बैनर गुरुवार सुबह से ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े इस पोस्टर में देश के पहले कानून मंत्री और संविधान निर्माता डॉ. अम्बेडकर को सफाई करते दिखाया गया था.

इस पोस्टर के सामने आने के बाद देश भर में हलचल शुरू हो गई. भारत सहित विदेशों में भी मौजूद अम्बेडकरवादियों ने सोशल मीडिया पर विरोध दर्ज कराया. दलित दस्तक को भी व्हाट्सअप और फेसबुक पर अपने पाठकों और दर्शकों से सूचना मिली तो अम्बेडकरवादी अपनी मीडिया दलित दस्तक से मामले की पड़ताल करने को कहने लगे. बाबासाहेब के सम्मान से जुड़ा मामला होने के कारण ‘दलित दस्तक’ ने इसे अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इस मामले की पड़ताल की.

डॉ. अम्बेडकर को सफाई करते दिखाया जाने वाला पोस्टर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 16 पर लगाया गया था. बाबासाहेब के दो पोस्टर लगाए गए थे. दलित दस्तक ने जब उसका वीडियो बनाना चाहा तो वहां मौजूद रेलवे पुलिस के जवानों ने रोक दिया और उसी दौरान पोस्टर को तुरंत उतार दिया. हालांकि दलित दस्तक के कैमरे में वहीं मौजूद बाहुबली फिल्म के हीरो का पोस्टर कैद हो गया, जिसे थोड़ी देर बाद उतार दिया गया.

सोशल मीडिया पर वायरल होने के कारण रेलवे स्टेशन पर अम्बेडकरवादी युवा पहुंचें और रोष जताया और बाबासाहेब के अपमान को नहीं सहने की बात कही. हालांकि यह मामला फैलने के बाद रेलवे अधिकारी भी सचेत हो गए. उन्होंने कैमरे के सामने अपना बयान देने से तो मना कर दिया.

डीआरएम ऑफिस की ओर से जारी एक बयान में अधिकारी ने बताया कि स्वच्छता अभियान से जुड़े इस पोस्टर को अंत्योदय नाम के एनजीओ की ओर से लगाया गया था. इसके लिए रेलवे से अनुमति भी नहीं ली गई थी और इसका पता लगते ही इन पोस्टरों को स्टेशन से हटा दिया गया है और ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

-उत्तम ज्योति की रिपोर्ट

हॉकी खिलाड़ी सरदार सिंह और पैरालंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया को खेल रत्‍न पुरस्‍कार

नई दिल्ली। रियो पैरालिंपिक में गोल्‍ड जीतकर इतिहास रचने वाले खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया और हॉकी के मशहूर खिलाड़ी सरदार सिंह को खेल रत्‍न पुरस्‍कार दिया जाएगा. इस बार यह पुरस्‍कार संयुक्‍त रूप से इन दोनों खिलाडि़यों को देने का फैसला किया गया है. रियो पैरालिंपिक (2016) में विश्‍व रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्‍ड मेडल जीतने वाले देवेंद्र झाझरिया (36) जेवलिन थ्रो की एफ46 स्‍पर्द्धा में हिस्‍सा लेते हैं. वह 2004 में एथेंस में भी इस स्‍पर्द्धा में गोल्‍ड जीत चुके हैं.

इस तरह पैरालिंपिक खेलों में दो स्‍वर्ण जीतने वाले वह पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं. जेवलिन थ्रो में इस वक्‍त विश्‍व रैंकिंग में वह तीसरे नंबर के खिलाड़ी हैं. भारत के गोल्ड विजेता की बेटी ने कहा था, ‘पापा मैंने टॉप किया अब आपकी राजस्‍थान के चुरू जिले से ताल्‍लुक रखने वाले देवेंद्र जब आठ साल के थे तो पेड़ पर चढ़ने के दौरान एक इलेक्ट्रिक केबिल की चपेट में आ गए. उनका

मेडिकल उपचार किया गया लेकिन उनको बचाने के लिए डॉक्‍टरों को उनका बायां हाथ काटने के लिए मजबूर होना पड़ा. डिफेंस और आक्रमण दोनों में ही समान रूप से माहिर हैं सरदार हॉकी के स्‍टार खिलाड़ी सरदार सिंह का जन्म 15 जुलाई 1986 को  हरियाणा के सिरसा जिले में हुआ. उनकी गिनती देश के बेहतरीन मिडफील्‍डरों में की जाती है. डिफेंस और आक्रमण, दोनों के ही मामले में वे बेजोड़ हैं. भारतीय हॉकी टीम के कप्‍तान भी रह चुके हैं. सरदार सिंह इस समय हरियाणा पुलिस में डीएसपी के रूप में कार्यरत हैं.

 आक्रमण के ‘सरदार’

सरदार सिंह ने इंटरनेशनल हॉकी में पदार्पण वर्ष 2006 में पाक के खिलाफ टेस्ट सीरीज में किया. इंचियोन में आयोजित एशियाई खेल 2014 के शुभारंभ समारोह में उन्‍हें भारतीय दल के ध्वजवाहक बनने का गौरव मिला था. सरदार की कप्तानी में भारत ने हॉकी प्रतियोगिता स्वर्ण पदक प्राप्त किया था. इस जीत के पश्चात भारत ने रियो ओलिंपिक 2016 के लिए अहर्ता भी प्राप्त कर ली थी. भारत सरकार ने वर्ष 2015 में सरदार सिंह को नागरिक सम्मान पद्म श्री प्रदान किया. इससे पहले वर्ष 2012 में उन्‍हें अर्जुन पुरूस्कार से सम्मानित किया गया था.