दिल्ली पुलिस ने बिना आरोप बताए तीन दलितों को जबरन घर से उठाया

नई दिल्ली। दिल्ली के थाना फतेहपुर बेरी की पुलिस ने कल देर रात इलाके से पिता और दो पुत्रों को जबरन घर से उठा लिया है. पीड़ित के घरवालों का कहना है कि पुलिस वाले आंधी रात को घर में घुस गए और पहले तीनों को जमकर पीटा फिर घर से उठा ले गए. इस दौरान घर की महिलाओं के साथ भी गाली-गलौच की गई. पड़ोसी पवन के मुताबिक जिन तीन लोगों को उठाया गया है, उसमें रमेश छोटा मोटा काम करते हैं, जबकि उनके दोनों बेटे सुमित और दिनेश ड्राइवर हैं.
सुबह होते ही आस-पास के तकरीबन 100 से ज्यादा लोग थाने पर इकट्ठा हो गए और मामला जानने की कोशिश की. पहले तो पुलिस वालों ने थाने का दरवाजा बंद कर दिया और लोगों को अंदर घुसने नहीं दिया, लेकिन भीड़ इकट्ठा और दबाव बढ़ने पर पुलिस ने उन्हें अंदर आने दिया. हालांकि इनलोगों का कहना है कि पुलिस यह नहीं बता रही है कि आखिर उन्हें क्यों उठाया गया है. अरेस्ट किए गए रमेश की पत्नी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पुलिस वाले रात को जबरन घर में घुस गए और मेरे और बहुओं के साथ गाली-गलौच की. हमें जातिसूचक शब्द कहे.

इस बारे में जब दलित दस्तक ने जब फतेहबेरी थाने में संपर्क किया तो एसआई से बात करने को कहा गया. जब एसआई जय भगवान से बात किया तो उन्होंने SHO से बात करने को कहा. इस पर जब दलित दस्तक ने एसएचओ से मामले की जानकारी चाही और यह पूछा कि आखिरकार रमेश और उनके बेटों को किस आरोप में बंद किया गया है और उनपर कौन सी धारा लगाई गई है तो एसएचओ अनिल जी ने पहले टाल-मटोल की फिर मीटिंग में होने की बात कह कर बाद में जानकारी देने को कहा. हालांकि आधी रात को पुलिस द्वारा तीन लोगों को बिना कोई कारण बताए घर से उठा लेना और फिर उन पर लगे आरोप भी न बताना, पुलिस की भूमिका को संदिग्ध बना रहा है.

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