नई दिल्ली। 2 अप्रैल को भारत बंद के बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में दलितों को साजिशन जेल में डालने के खिलाफ बसपा प्रमुख मायावती ने मोर्चा खोल दिया है. दिल्ली में जारी एक बयान में भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि ‘‘भारत बन्द” की आड़ में बाबा साहेब डा. भीमराव आम्बेडकर के अनुयायियों पर जुल्म करने वाली बीजेपी व उसकी सरकारों को बाबासाहेब की जयंती मनाने का कोई हक नहीं है.
बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा एक ओर बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर का नाम लेने की नाटकबाजी करती है तो दूसरी ओर उनके करोड़ों अनुयायियों पर जुल्म करने और उनके संवैधानिक अधिकारों को छीनने में कोई कसर नहीं छोड़ती है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि दलित समाज के लोग यह जान गये हैं कि बीजेपी एण्ड कम्पनी के शासन में उन्हें गुलामी से मुक्ति तथा समता व न्याय का जीवन कभी भी नहीं मिल सकता है. इसलिए अब वो लोग अपनी सत्ता हासिल करने को लेकर गंभीर हैं.
उन्होंने कहा है कि नरेन्द्र मोदी को अम्बेडकर की जयंती मनाने का नैतिकता अधिकार तभी हो सकता है जब वो पहले सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देने संबंधी राज्यसभा में पारित संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा से भी पारित करवाएं.
बसपा प्रमुख ने कहा कि बाबा साहेब की असली पहचान उनके करोडों अनुयायियों के दुःख-दर्द, सुख-चैन, उनकी जातिवाद से मुक्ति तथा उनके कल्याण से पूरी तरह से जुड़ी हुई है. इसी के लिए वे जीवन भर संघर्षरत रहे. इसकी उपेक्षा व अनदेखी करके कोई भी सरकार सही मायने में “कल्याणकारी सरकार’’ हो ही नहीं सकती है. ऐसी सरकार हमेशा गरीब, मजदूर व जनविरोधी ही कहलायेगी क्योंकि वे ही बहुसंख्यक हैं और असली भारत हैं.

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