उत्तर प्रदेश के गोरखपुर यानी CM योगी आदित्यनाथ के शहर में अनीश नाम के दलित युवक की हत्या कर दी गयी। अनीश कुमार चौधरी की 24 जुलाई को हत्या कर दी गई थी। अनीश ADO पंचायत (पंचायत अधिकारी) पद पर तैनात थे। उन्होंने प्रेम विवाह किया था और उनकी पत्नी ब्राह्मण समाज से थी। लड़की का नाम दीप्ति मिश्रा है। इस हत्या के पीछे अंतरजातीय विवाह का आरोप लगाया जा रहा है। आरोप है कि इस विवाह से लड़की पक्ष के लोग काफी नाराज थे। आरोप यह भी है कि लड़की के परिवारवालों कुछ अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर इस हत्याकांड को अंजाम दिया है। अनीश की हत्या दिन-दहाड़े गड़ासे से काटकर दर्दनाक तरीके से कर दी गई। हत्याकांड गोरखपुर में होने से यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। अनीश की हया के मामले में 17 लोग अभियुक्त बनाए गए हैं, जिनमें से चार लोगों को स्थानीय पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है।
फरवरी माह में अनीश कनौजिया और दीप्ति मिश्रा ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि CM योगी आदित्यनाथ की पुलिस उन्हें परेशान कर रही है। इस दंपत्ति ने आरोप लगाया कि पुलिस फ़र्ज़ी मुकदमा लगाकर उन्हें परेशान कर रही है। साफ है कि एक पढ़े-लिखे युवक को इसलिए मार डाला गया, क्योंकि वह दलित था और ब्राह्मण समाज की युवती से शादी कर ली थी।
हालांकि चिंता की बात यह है कि इतना जघन्य हत्याकांड होने के बावजूद सन्नाटा पसरा हुआ है। सरकार जहां चुप्पी साधे है तो वहीं सरकार के भीतर बैठे इस समाज के मंत्री भी बोलने से बच रहे हैं। जबकि योगी सरकार में धोबी समुदाय की एक मंत्री सहित ग्यारह विधायक इसी समाज के हैं। धोबी समाज के लोगों का कहना है कि अगर ये लोग आवाज नही उठाते है तो इन सभी नेताओं का खुलेआम बहिष्कार होना चाहिए। धोबी समुदाय को बीजेपी की ऐसी भागीदारी और प्रतिनिधित्व नही चाहिए। जो अपने समाज के लिए आवाज नही उठा पाए।
धोबी समुदाय के संगठनों का आरोप है कि सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार में 2017 से अब तक धोबी समुदाय के लगभग 50 से ऊपर लोगो की हत्या कर दी गयी है। उन परिवारों को अभी तक न्याय नही मिला हौ। हत्यारें बाहर घूम रहे है। जितनी हत्याएं योगी सरकार में धोबी समुदाय की हो रही है आज तक अन्य पार्टी की सरकारो में नही हुई हैं।
धोबी समाज के संगठनों ने आवाह्न किया है कि ऐसी स्थिति में यूपी के धोबी समुदाय को चाहिए कि जो उत्तर प्रदेश में सैकड़ों धोबी समुदाय के संगठन बने हुए हैं जिनके सैकड़ों राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हुए हैं, वे सभी लोग एक मंच पर आकर न्याय की आवाज उठाये। समाज के भीतर से ब्राह्मण समाज के बहिष्कार की भी मांग उठ रही है। समाज के संगठनों का कहना है कि धोबी समुदाय को एक निर्णय लेना पड़ेगा कि ब्राह्मणों को पूजा-पाठ, शादी विवाह, ग्रह प्रवेश, मुंडन आदि कार्यक्रम में बुलाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगाना होगा। पंडितो को दान- दक्षिणा देने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाना पड़ेगा और मंदिरों में जाना और लाखों रुपया चढ़ावा देना बंद करना होगा।
दूसरी ओर बीबीसी में प्रकाशित खबर के मुताबिक अनीश पत्नी दीप्ति मिश्र का कहना है कि- अनीश के परिजन इस शादी से खुश नहीं थे। अनीश और दीप्ति ने एक साथ पंडित दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की थी। कैंपस में हुई मुलाकातों के बीच अनीश और दीप्ति का चयन ग्राम पंचायत अधिकारी पद पर हो गया। नौकरी लगने के बाद उनकी अनीश से पहली मुलाकात नौ फ़रवरी 2017 को गोरखपुर स्थित विकास भवन में हुई थी एक ही पद पर चयनित होने के बाद यूनिवर्सिटी कैंपस से शुरू हुआ मुलाक़ातों का सिलसिला बढ़ने लगा। साथ में प्रशिक्षण के दौरान दोनों और क़रीब आ गए।
अनीश और दीप्ति ने अपनी शादी को कोर्ट में रजिस्टर्ड कराया। शादी के काग़ज़ात के मुताबिक दोनों ने 12 मई 2019 को गोरखपुर में शादी कर ली थी। उनकी शादी को अदालत ने 9 दिसंबर 2019 को मान्यता दे दी थी। दीप्ति गोरखपुर ज़िले के गगहां थाना क्षेत्र के देवकली धर्मसेन गांव निवासी नलिन कुमार मिश्र की बेटी हैं। दीप्ति चार भाई–बहनों में सबसे छोटी हैं। उनकी दो बहनों और एक भाई की भी शादी हो चुकी है। उनका भाई उत्तर प्रदेश पुलिस में है। इस समय उनकी तैनाती श्रावस्ती ज़िले में है। क्या इतने बड़े परिवार में किसी ने भी उनका साथ नहीं दिया, इस सवाल के जवाब में दीप्ति कहती हैं कि ‘नहीं, उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने उनका साथ नहीं दिया।‘
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