उमरिया। जिला मुख्यालय में राष्ट्रीय दलित महासभा ने रैली निकाल कर कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया. इस दौरैन प्रदर्शन कर रहे लोगों ने चेतावनी भी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो 2018 में हर विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी उतारेंगे.
कलेक्टर ने कहा कि हम जांच करवाएंगे. जो समस्या हल होने लायक होगी हल करेंगे. उमरिया जिला मुख्यालय में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर जहां गोंड समुदाय के लोग रैली निकाल कर कलेक्टर को ज्ञापन दिया. वहीं राष्ट्रीय दलित महासभा ने भी जिला मुख्यालय में अलग से रैली निकाल कर कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया और लगातार कर रहे अपनी मांगों को दोहराया.
कलेक्ट्रेट परिसर में धरना देते हुए राष्ट्रीय दलित महासभा की महासचिव केशकली कोल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘कोई भी नेता ऐसा नहीं है. जितने भी मंत्री बनते हैं, विधायक बनते हैं, लेकिन इन बहनों को देखों वहीं की वहीं पड़ी हैं उनकी ईज्जत लूटी जा रही है, यहां से लेकर पार्लियामेंट तक अधिकारी बैठे हुए हैं लेकिन ऐसे किन्नर हैं जो कोई भी समाज की बात नहीं मानते हैं’.
राष्ट्रीय दलित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय भारती ने कहा कि ‘जिन आदिवासियों के घरों को उजाड़ा जा रहा है. 70-70 साल से जमीन पर कब्जा करके बैठे हैं. उनको अभी तक पट्टे नहीं मिले हैं, बड़े लोगों को मिनटों में जमीन मिल जाती है और आदिवासी को जमीन मिलना मुश्किल हो जाता है, वनाधिकार अधिनियम 2007 के तहत अभी तक लोगों को पट्टे नहीं मिले बहुत से ऐसे गांव हैं जहां पट्टे नहीं मिले डबरोंहां में अभी तक कोटा नहीं पहुंचा. सेवई में नारकीय जीवन जीने को लोग मजबूर हैं’. उन्होंने कहा कि ‘कलेक्टर साहब के नाक के नीचे आज तक गांव में पहुंचने का रास्ता नहीं है, 2018 में अगर ये लोग सामाजिक आन्दोलन से नहीं मानते हैं तो हम राजनैतिक पारी खेलेंगे पूरे मध्य प्रदेश में, वोटिंग मशीन में गड़बड़ी करते हैं हमने खुद धांधली में पकड़ा है, इस बार हम लोग मांग करेंगे कि बैलट पेपर से वोटिंग होना चाहिए, जब राज्य सभा में बैलट पेपर से वोटिंग होता है तो यहां क्यों नहीं हो सकता है, चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार हमारी पांच एकड़ जमीन की मांग नहीं मानी तो हर विधानसभा में अपना प्रत्याशी खड़ा करेंगे’.
वहीं कलेक्टर माल सिंह ने सभी को अपने कक्ष में बुलवा कर बिठाया और इनकी परेशानियों को सुना. कलेक्टर ने कहा कि ‘जांच करवाएंगे जो उचित समस्या होगी उसको हल करेंगे’. गौरतलब है सालों से दूर-दूर से आदिवासी ग्रामीण लगातार अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं और जिले के कलेक्टर को हर बार अपनी मांग और समस्या से अवगत करते हैं.

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