महाराष्ट्र के पुणे में भारत के दलितों के जुझारू सामाजिक संगठन ‘दलित पैंथर’ ने गरीबों के हक में एक बार फिर आवाज बुलंद की है। राज्य में बिजली बिलों की जबरन वसूली के खिलाफ 15 मार्च को पुणे के जिला अधिकारी कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किया गया। गरीब दलित परिवारों की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए दलित पैंथर ने यह कदम उठाया है। बीते कई महीनों में गैस, पेट्रोल और डीजल के दाम में भारी वृद्धि हुई है और महाराष्ट्र में बिजली उपभोक्ताओं को महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड(एमएसईडीसीएल) द्वारा लॉकडाउन के बहाने अतिरिक्त बिजली बिल दिए गए हैं।
एमएसईईसीएल ने कहा है कि अगर वे बिल नहीं भरेंगे तो उनकी बिजली काट दी जाएगी। इस मुद्दे पर बहुजन समाज के गरीब परिवार दलित पैंथर ऑफ इंडिया ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बापूसाहेब भोसले के नेतृत्व में प्रदेश व्यापी जन आंदोलन किया है। उन्होंने एमएसईईसीएल के कार्यों की निंदा की है। उन्होंने कंपनी के इस फैसले को किसान और आम आदमी के साथ अन्याय कहा है। इस प्रकार महाराष्ट्र में गरीब दलितों की समस्याओं पर जन आंदोलन की एक नई भूमिका तैयार होती नजर आ रही है।
गौरतलब है कि किसानों के आंदोलन पर पहले से ही एक आंदोलन चल रहा है। हाल ही में बैंक कर्मचारियों ने बैंकों के निजीकरण के विरोध में हड़ताल का आयोजन किया है। ऐसे में महाराष्ट्र राज्य में बिजली के मुद्दे पर दलित पैंथर का सक्रिय होना बहुजन समाज के हितों से जुड़ी राजनीति की दिशा में एक नए मुद्दे का संकेत करता है।

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।