
जाने-माने लेखक और दलित पैंथर के संस्थापकों में से एक राजा ढाले का आज (मंगलवार, 16 जुलाई) को उनके आवास पर निधन हो गया. पारिवारिक सूत्रों ने इस बात की जानकारी मीडिया को दी. वह 78 वर्ष के थे. परिवार के एक सदस्य ने बताया कि राजा ढाले रोज की तरह सुबह उठने के बाद टहलने के लिए निकले लेकिन वह घर में ही फर्श पर गिर पड़े. उन्हें तुरंत पास के एक अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. राजा ढाले की बेटी गाथा ढाले फिलहाल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) की नेता हैं.
महाराष्ट्र के सांगली जिले के रहने वाले ढाले दलित पैंथर के सह-संस्थापकों में से एक थे. ये सभी लोग अमेरिका में अफ्रीकी अमेरिकियों के संगठन ब्लैक पैंथर से प्रभावित थे. इसके तर्ज पर ही इन्होंने अपनी पार्टी बनाई. अपने सामाजिक व्यक्तित्व और साहित्यिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध राजा ढाले ने मुंबई उत्तर-पूर्व लोकसभा क्षेत्र से 1999 और 2004 लड़ा, हालांकि वह जीत नहीं सकें. सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ ही वह एक लेखक भी थे. उन्होंने अपने सामाजिक कार्यों तथा विचारों को लेकर कई किताबें भी लिखी हैं. केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री और आरपीआई (ए) नेता रामदास अठावले ने राजा ढाले के निधन पर शोक जताया. ढाले का अंतिम संस्कार बुधवार को दादर के चैत्य भूमि में किया जाएगा.

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