दलित बच्ची को मैला उठाने के लिए किया मजबूर

 

 

छतरपुर। भारत में समानता की बातें तो की जा रही हैं लेकिन वास्तविक रूप में दलितों के साथ आज भी भेदभाव जारी है. देश में जहां स्वच्छ भारत की बात और हाथ से मैला उठाने का विरोध हो रहा है. ऐसे में मध्यप्रदेश के छतरपुर में दलित लड़की से मल उठवाने का मामला सामने आया है.

छतरपुर जिसे के लवकुश नगर तहसील के गुधोरा में स्थित स्कूल के बाहर एक ऊंची जाति के व्यक्ति ने छह साल की दलित लड़की को उसी का मल उठाने का मजबूर किया.

दरअसल, सोमवार (21 अगस्त) को शासकीय प्राथमिक पाठशाला में पहली कक्षा में पढ़ने वाली नत्थू अहिरवार की बेटी को विद्यालय में शौचालय न होने की स्थिति में खाली स्थान पर शौच के लिए जाना पड़ा. इसे गांव के उच्च जाति के पप्पू सिंह ने देखा तो वह बालिका पर भड़क उठा. पप्पू ने बालिका से हाथों से मैला उठाकर दूसरे स्थान पर फेंकने को कहा. पहले बालिका काफी रोई, मगर बाद में उसने मैला अपने हाथों से उठाकर फेंका.

इस घटना की जानकारी बच्ची ने अपने माता-पिता को दी. इसके बाद दलित समुदाय के अन्य सदस्यों के साथ वे पुलिस स्टेशन पहुंचे और पप्पू सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. इस मामले में पप्पू सिंह के खिलाफ गैरकानूनी अनिवार्य श्रम, जानबूझकर अपमान, अशांति भड़काने का उद्देश्य और किशोर न्याय के प्रासंगिक कानूनों (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.

लवकुश नगर पुलिस स्टेशन प्रभारी जेडवाई खान ने बताया कि यह घटना सोमवार शाम की है. बच्ची अपने स्कूल शिक्षक से अनुमति लेकर सरकारी प्राथमिक स्कूल के पास खुले में शौच के लिए गई थी. आरोपी के खिलाफ एससीएससी एक्ट और किशोर अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है, आरोपी की तलाश जारी है

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