क्या कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में आरएसएस और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। यह सवाल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे के बयान के बाद उठने लगा है। कर्नाटक में मंत्री पद की शपथ लेने वाले प्रियांक खड़गे ने आरएसएस और बजरंग दल सरीखे संगठनों को लेकर बड़ा बयान दिया है। खड़गे ने इन दोनों संगठनों को प्रतिबंधित करने को लेकर बयान दिया है। उनका कहना है कि “जो भी दल या संगठन राज्य की शांति भंग करने का साहस या प्रयास करेंगे उन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। उन्होंने आरएसएस और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के मामले पर कांग्रेस के रुख को स्पष्ट करते हुए कहा, “धार्मिक, राजनीतिक या सामाजिक कोई भी संगठन, जो असंतोष और वैमनस्य के बीज बोने काम करेगा, कर्नाटक में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम कानूनी और संवैधानिक रूप से उनसे निपटेंगे, चाहे वह बजरंग दल, पीएफआई (PFI) या कोई अन्य संगठन ही क्यों ना हो। हम उन्हें प्रतिबंधित करने में संकोच नहीं करेंगे, यदि वे कर्नाटक में कानून और व्यवस्था के लिए खतरा बनने जा रहे हैं।”
बता दें कि अभी कर्नाटक में किसी को भी विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है, लेकिन प्रियांक खड़गे के बयान के मतलब निकाले जाने लगे हैं। दरअसल प्रियांक खड़गे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे हैं। कर्नाटक चुनाव में जीतने वाले जिन विधायकों ने कर्नाटक में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के साथ मंत्री पद की शपथ ली है, प्रियांक भी उनमें से एक हैं। ऐसे में आरएसएस और बजरंग दल को लेकर उनके बयान को अहम माना जा रहा है।
प्रियांक खड़ने यहीं नहीं रुके, उन्होंने भाजपा द्वारा शासित पिछली सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों की समीक्षा करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि जिनकी समीक्षा होनी है, उसमें पाठ्यपुस्तक संशोधन, धर्मांतरण विरोधी कानून, गौहत्या विरोधी कानून और भाजपा द्वारा पेश किये गए अन्य सभी कानून शामिल है।
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