लखनऊ। फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव में हार और सपा-बसपा के बीच बढ़ती दोस्ती को सियासी मात देने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी कमर कस ली है. इसके लिए भाजपा बिहार की नीतीश सरकार की तरह ही यूपी में दलितों को बांटने की राह पर चल सकती है. खबर है कि मुख्यमंत्री योगी महादलितों और अति पिछड़ों को अलग से आरक्षण देने पर विचार कर सकते हैं. विधानसभा के बजट सेशन में कहा कि जरूरत पड़ने पर महादलित और अति पिछड़ों को आरक्षण देने पर विचार किया जा सकता है.
उपचुनाव में बीजेपी के बिगड़े समीकरण के मद्देनजर योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित को साधने की कवायद की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कार्ड के जरिए सपा-बसपा की बढ़ती नजदीकियों के चलते एकजुट हो रहे दलित-पिछड़ों के वोटबैंक में सेंधमारी की तैयारी की है. गौरतलब है कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव के दलित वोटबैंक में इसी फॉर्मूले से सेंध लगाई थी और अपना वोट बैंक तैयार किया था.

राज कुमार साल 2020 से मीडिया में सक्रिय हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं।