पंजाब की राजनीति में अपने दखल को बेचैन बहुजन समाज पार्टी ने एक नया दांव चला है. पार्टी छह राजनीतिक दलों के उस गठबंधन में शामिल हो गई है, जिसे पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस का नाम दिया गया है. इस अलायंस में पंजाब एकता पार्टी, लोक इंसाफ पार्टी, पंजाब मंच, सीपीआई, रेवॉल्यूशनरी मार्क्सवादी पार्टी ऑफ इंडिया और बहुजन समाज पार्टी शामिल है. पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस ने एकजुट होते हुए लोकसभा चुनाव में पंजाब की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
गठबंधन की 11 मार्च को हुई बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंजाब एकता पार्टी के नेता सुखपाल सिंह खैरा ने सात लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी कर दी है. संगरूर सीट को छोड़कर बाकी के 12 सीटों पर गठबंधन के घटक दलों में सहमति बन गई है. खैरा के मुताबिक बसपा को तीन, पंजाबी एकता पार्टी को तीन, लोक इंसाफ पार्टी को तीन, पंजाब मंच को एक, सीपीआई को एक और आरएमपीआई यानि रेवॉल्यूशनरी मार्क्सवादी पार्टी ऑफ इंडिया को एक सीट दी गई है. जिन सीटों पर उम्मीदवार तय हो गए हैं, उनमें आनंदपुर साहिब सीट से बसपा ने विक्रम सिंह सोढी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि दो अन्य आरक्षित सीटों पर होशियारपुर से बसपा के चौधरी खुशीराम और जालंधर से बलविंदर कुमार पार्टी के उम्मीदवार होंगे.
जबकि पंजाब एकता पार्टी की ओर से खडूर साहिब सीट पर परमजीत कौर खालड़ा, पंजाब मंच की ओर से पटियाला सीट पर डॉ. धर्मवीर गांधी, एलआईपी की ओर से फतेहगढ़ साहिब आरक्षित सीट से मनविंदर सिंह ग्यासपुरा, पीईपी यानि पंजाब एकता पार्टी की ओर से फरीदकोट आरक्षित सीट पर बलदेव सिंह जैतो का नाम फाइनल हो गया है.
बाकी की बची सीटों पर भी यह गठबंधन जल्दी ही लोकसभा क्षेत्रों और प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करेगा.
गठबंधन के नेताओं का कहना है कि वे मुद्दों पर आधारित साफ सुधरी और जवाबदेह राजनीति के लिए दृढ़ हैं. उनका उद्देश्य केवल लोकसभा चुनाव में सीटें शेयर करना नहीं बल्कि पंजाब की लंबे समय से चली आ रही मांगों के लिए संघर्ष करना है.
बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक मान्यवर कांशीराम की जन्मभूमि पंजाब में बसपा मान्यवर के समय से ही अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है. यह गठबंधन चुनाव को कितना प्रभावित करेगा और भाजपा और कांग्रेस को कितनी चुनौती दे पाएगा, यह चुनाव के नतीजे ही बता पाएंगे.
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