दिल्ली में फिर जनाधार तलाश रही बसपा

नई दिल्ली। राजधानी में बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) एक बार फिर अपना जनाधार तलाश रही है. आप के उदय के बाद खासा नुकसान झेल रही पार्टी लोकसभा चुनाव में दमखम के साथ उतरी है. पार्टी यहां प्रचार के अंतिम दिन 10 मई को दोपहर दो बजे पूर्व मुख्यमंत्री और सुप्रीमो मायावती की रैली भी कराएगी. पूर्वी दिल्ली क्षेत्र के जीटीबी एन्क्लेव रामलीला मैदान में होने वाली इस रैली में प्रदेश नेतृत्व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी लाने की कवायद में जुटा है.

उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशी राजवीर सिंह के समर्थन में प्रचार अभियान में कार्यकर्ता जुटे हुए हैं. उत्तर प्रदेश से सटा इलाका होने के कारण वहां के काडर भी रोड शो में जुट रहे हैं. पार्टी ने सातों सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन नई दिल्ली और उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से दो प्रत्याशियों के नामांकन रद्द हो गए. बसपा रणनीतिकार मानते हैं कि आप के घटते जनाधार का लाभ उसे मिल सकता है. 2008 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 14 प्रतिशत से भी अधिक वोट मिले थे. उस समय इस पर कई रणनीतिकार हैरान थे. इस चुनाव में पार्टी को उम्मीद है कि दिल्ली में दलित वर्ग की बड़ी संख्या में मौजूदगी से उसे फायदा मिल सकता है. हालांकि पार्टी सभी वर्गों से संपर्क साध रही है.

पार्टी ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली से राजवीर सिंह, चांदनी चौक से शाहिद अली, पूर्वी दिल्ली से संजय कुमार, पश्चिमी दिल्ली से सीता सरन सेन और दक्षिणी दिल्ली सिद्घांत गौतम को टिकट दिया है. वर्ष 2007 में पार्टी के 17 पार्षद चुने गए थे. 2012 में इनकी संख्या 12 रही. 2017 में पार्टी के महज 3 पार्षद चुने गए. 2006 के विधानसभा चुनाव में बसपा के 2 विधायक चुने गए थे.

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