नई दिल्ली। एक के बाद एक राजनैतिक विफलताओं के बाद बहुजन समाज पार्टी ने आखिरकार गठबंधन की राह पकड़ ली है. कर्नाटक में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा एच.डी देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. इसके तहत राज्य की 224 सीटों में से बसपा 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसकी घोषणा आज 8 फरवरी को एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में हुई.
गठबंधन की घोषणा करते हुए बसपा के प्रदेश प्रभारी अशोक सिद्धार्थ, बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा और जेडी (एस) के महासचिव दानिश अली ने कहा कि यह गठबंधन 2019 के लोकसभा तक जारी रहेगा. प्रेस कांफ्रेस के बाद दलित दस्तक से फोन पर बातचीत करते हुए कर्नाटक में बसपा के प्रभारी अशोक सिद्धार्थ ने बताया कि कर्नाटक में कई सीटों पर बसपा को 15 हजार तक वोट मिलते रहे हैं. गठबंधन के तहत हम ज्यादा सीटों पर जीत सकते हैं. उन्होंने कहा कि गठबंधन की सरकार बनने पर बसपा सरकार में भी शामिल होगी.
कर्नाटक का यह गठबंधन इसलिए भी खास है क्योंकि मायावती द्वारा बहुजन समाज पार्टी की कमान संभालने के बाद यह पहला मौका है, जब पार्टी सीधे तौर पर चुनाव पूर्व गठबंधन कर रही है. इससे पहले बसपा संस्थापक कांशीराम भी गठबंधन के पक्षधर रहे थे. कांशीराम के सक्रिय रहने के दौरान कर्नाटक में बहुजन समाज पार्टी से एक विधायक भी जीत चुका है. तो वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा कोलेगल विधानसभा की सीट महज 5 हजार वोटों से हार गई थी.
दोनों पार्टियों ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री के पद का उम्मीदवार बनाया है। फिलहाल जनता दल (सेक्युमलर) की कमान एचडी कुमारस्वातमी के हाथों में है. दोनों पार्टियों के शीर्ष नेता 17 फरवरी को बेंगलुरू में आयोजित एक जनसभा में चुनाव प्रचार अभियान की सामूहिक शुरूआत करेंगे. खबर है कि इस जनसभा में पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौडा और बसपा प्रमुख मायावती भी शामिल रहेंगे. इसके साथ ही दोनों पार्टियों के शीर्ष नेता राज्य में चुनाव प्रचार करेंगे.

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