बिहार में टूट के कगार पर नीतीश कुमार की पार्टी!

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बिहार की सियासत में एक जमाने में धुर विरोधी रहे शरद यादव और लालू यादव के रास्ते एक हो सकते हैं। नीतीश से नाराज शरद यादव ने यह कह कर कि वो अब भी महागठबंधन के साथ हैं, इसका संदेश भी दे दिया है। वहीं तीन दिवसीय बिहार दौरे में 10 अगस्त को पटना पहुंचे शरद यादव के स्वागत के लिए मौजूद राजद के नेताओं से यह भी साफ हो गया है कि शरद यादव और लालू यादव एक राह पर चलने को तैयार हैं।

नीतीश कुमार का राष्ट्रीय जनता दल से गठबंधन तोड़ देने के बाद से ही शरद यादव नाराज हैं। शरद यादव का तर्क है कि दोनों के बीच गठबंधन पूरे पांच साल के लिए हुआ था और बीच में गठबंधन तोड़ देना ठीक नहीं है। असल में जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का तर्क भी मजबूत है। बिहारपहुंचे शरद यादव ने कहा-

“हमने पांच साल के लिए गठबंधन किया था. जिस 11 करोड़ जनता से हमने जो करार किया था, वो ईमान का करार था. वो टूटा है, जिससे हमको तकलीफ हुई है. 70 साल के इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिलता, जहां दो पार्टी या
गठबंधन जो चुनाव में आमने-सामने लड़े हों और जिनके मेनिफेस्टो अलग-अलग हों, दोनों के मेनिफस्टो मिल गए हों. यह लोकशाही में विश्वास का संकट है.”

शरद यादव अकेले नहीं हैं जो नीतीश कुमार से नाराज हैं। इस कड़ी में राज्यसभा सांसद अली अनवर का भी नाम शामिल है। अनवर भी गठबंधन टूटने के बाद से ही लगातार नीतीश कुमार के खिलाफ मुखर हैं। ऐसे में जनता दल यूनाइटेड का दो खेमों में बंटना तय माना जा रहा है। शरद यादव 10 से 12 अगस्त तक बिहार का दौरा करेंगे। 19 अगस्त को नीतीश खेमें के जनता दल की बैठक से पहले शरद यादव ने 17 अगस्त को दिल्ली में एक बैठक बुलाई है। इनदोनों बैठकों के बाद 20 अगस्त तक जनता दल यूनाइटेड के टूट की घोषणा हो सकती है।

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