छत्तीसगढ़ सरकार ने वकीलों पत्रकारों के परिवार को भी माना फ्रंटलाईन वर्कर्स

 छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक जीवन में सबसे अगली पंक्ति में काम करने वाले लोगों एवं उनके परिवारों को टीकाकरण में प्राथमिकता देने की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ के पत्रकारों, वकीलों, सरकारी कर्मचारियों एवं सरकारी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों सहित उनके परिवारों को भी फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में देखा जाएगा। इस प्रकार ना केवल इन कर्मचारियों को बल्कि उनके परिवारजनों को भी टीकाकरण अभियान में पहली प्राथमिकता दी जाएगी।

 इसे एक बड़ी रणनीतिक पहल के रूप में देखा जा रहा है। कोरोना से युद्ध में फ्रंट लाइन पर काम करने वाले लोगों की शिकायत रहती थी कि उन्हें स्वयं को टीका लगने के बावजूद उनके घर वालों में संक्रमण का खतरा बना रहता था। सिर्फ एक व्यक्ति को टीका लग जाने से पूरा परिवार सुरक्षित नहीं हो जाता है, छत्तीसगढ़ में फ्रंटलाइन वर्कर्स अपने काम के दौरान एवं अपने पारिवारिक जीवन में बहुत अधिक तनाव का सामना कर रहे थे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने इस बात को समझा एवं इसके लिए जरूरी उपाय किए हैं। अब छत्तीसगढ़ राज्य के कोरोनावायरस एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स स्वयं की एवं परिवार की चिंताओं से मुक्त होकर अधिक ऊर्जा एवं लगन के साथ काम कर सकेंगे।

 प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ प्रशासन के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी एक समिति ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के सामने यह मांग रखी थी। छत्तीसगढ़ प्रशासन की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के कई राज्यों में पत्रकारों एवं वकीलों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने इन वकीलों एवं पत्रकारों के परिवारों को भी इस श्रेणी में शामिल कर लिया है।

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