Tuesday, July 1, 2025
HomeTop Newsआदि महोत्सव में आदिवासी कलाकारों ने देश-दुनिया को लुभाया

आदि महोत्सव में आदिवासी कलाकारों ने देश-दुनिया को लुभाया

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में फैले मॉल संस्कृति के जाल के बीच स्थित ‘दिल्ली हॉट’ कला और संस्कृति के कद्रदानों के लिए एक अलग दुनिया है. इसी दिल्ली हॉट में आदिवासी कला और संस्कृति से परिचय कराने के लिए भारत सरकार की ओर से आदि महोत्सव का आयोजन किया गया है. यह महोत्सव 16 नवंबर से शुरू है और 30 नवंबर तक चलेगा. इस महोत्सव में अपने हुनर का प्रदर्शन करने के लिए देश भर से 600 कलाकार पहुंचे हैं.

यहां वो तमाम रंग देखने को मिलेंगे जो इस देश के मूलनिवासी आदिवासी समाज ने रचा है. इनकी कला की समझ पहुंचने वाले लोगों को दातों तले उंगुलियां दबाने पर मजबूर कर दे रही है. मसलन ओडिसा का कला, जिसे पोथि चित्रा या पटचित्रा कहा जाता है, छत्तीसगढ़ की गोंड कलाकृति औऱ मध्य प्रदेश का बैगा ट्राइबल आर्ट ऐसी अनोखी कला है, जिसे देखकर हर कोई हैरत में पर जा रहा है. इस महोत्सव में पूरे देश की आदिवासी संस्कृति एक साथ मौजूद है. उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से लेकर पश्चिम तक देश के हर हिस्से से आदिवासी कलाकार अपनी कला का रंग बिखेरने पहुंचे है. खास बात यह रहा कि हर कला की अपनी एक कहानी थी, जो स्थानीय आदिवासी समाज की कला के प्रति दीवानगी को भी दिखाता है.

इस महोत्सव के आयोजन की बात करें तो यह भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय और सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया है. इसका उद्घाटन उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने किया. उद्घाटन सत्र के दौरान जनजातीय कार्य मंत्री जुआल ओरांव ने इसे आदिवासी संस्कृति, क्राफ्ट, नृत्य संगीत, व्यापार और खानपान का उत्सव कहा. इसमें शामिल होने के लिए आदिवासी कलाकारों को तमाम सुविधाएं भी दी गई हैं. सारा खर्च ट्राइफेड उठाता है. इस महोत्सव की ब्रांड एंबेसडर वर्ल्ड चैंपियन और ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज मैरीकॉम हैं.

यह महोत्सव सिर्फ कलाकारों के लिए ही मौका नहीं है, बल्कि यह खरीददारों को भी देश की आदिम कला से परिचित करा रहा है. इसमें उमड़ रही भीड़ इस बात को साबित कर रही है कि आदिवासी कला को लेकर लोगों में जबरदस्त क्रेज है. दरअसल इस महोत्सव के तीन रंग हैं. आदिवासी कला, आदिवासी संस्कृति और आदिवासी व्यंजन. इस महोत्सव में पहुंचने वाले कला प्रेमियों को आदिवासी व्यंजनों से मुखातिब कराने के लिए 20 राज्यों से 80 आदिवासी शेफ मौजूद हैं, जबकि 200 कलाकारों के साथ 14 ट्राइबल डांस ग्रुप यहां बने एक विशेष मंच पर हर रोज अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं. 15 दिनों के इस महोत्सव में देश की राजधानी में आदिवासी समाज को अपनी कला और संस्कृति को दुनिया के सामने रखने का मौका मिला है, तो वहीं कला संस्कृति के कद्रदानों को भी देश की आदि संस्कृति को समझने का मौका मुहैया कराया है.

Read it also-प्रतियोगी परीक्षा में जाति के सवाल के मायने

लोकप्रिय

अन्य खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Skip to content