मेरठ। इलाहाबाद होईकोर्ट ने बसपा पूर्व विधायक योगेश वर्मा से रासुका हटाने और रिहा करने का आदेश दिया है. योगेश वर्मा पर दो अप्रैल को मेरठ में हुई हिंसा के आरोप में रासुका की कार्रवाई की गई थी.
बता दें कि मेरठ के हस्तिनापुर सीट से पूर्व बसपा विधायक योगेश वर्मा को बड़ी राहत मिली है. योगेश वर्मा ने रासुका के तहत की गई कार्रवाई को चुनौती दी थी. जस्टिस वी. के. नारायण और जस्टिस आर. एन. कक्कड़ की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है.
उल्लेखनीय है कि बसपा नेता और पूर्व विधायक योगेश वर्मा को मेरठ पुलिस ने जेल भेजा था. योगेश वर्मा और उनके भाई पवन वर्मा व राजन वर्मा इस आंदोलन से सीधे जुड़े थे. सुबह जो बवाल मवाना में हुआ, उसके पीछे योगेश वर्मा के समर्थक ही रहे. एनएच-58 पर मोदीपुरम की तरफ से जो बवाल होते हुए रोहटा रोड और कंकरखेड़ा तक पहुंचा, वहां पर भी योगेश वर्मा ने खुद ही कमान संभाले रखी. यही नहीं कचहरी के पूर्वी गेट पर डॉ. अंबेडकर प्रतिमा के पास सुबह से जनसभा हो रही थी और भारी भीड़ जमा थी. लेकिन उसमें सिर्फ नारेबाजी के अलावा कोई हंगामा नहीं था. लेकिन जैसे ही दोपहर में करीब 12 बजे योगेश वर्मा अपने करीब सौ समर्थकों के साथ वहां पहुंचे तो भीड़ में हलचल शुरू हो गई. इस दौरान योगेश वर्मा ने संबोधन शुरू किया तो समर्थकों ने एनएएस कॉलेज की तरफ से आने वाले मार्ग पर उपद्रव करते हुए डिवाइडर पर रखे गमले तोड़ डाले और पुलिस कर्मियों की पिटाई करते हुए गाड़ी में तोड़फोड़ करते हुए जला डालीं.
इसके बाद इन उपद्रवियों की तरफ से फायरिंग भी हुई तो योगेश वर्मा ने मंच से कहा कि फायर नहीं है, जोश में युवक डंडे फटकार रहे हैं. लेकिन उपद्रवी लगातार उग्र होते गए. इसके बाद माहौल तब ज्यादा गरमाया जब उपद्रवियों ने पूर्वी कचहरी गेट तोड़ भीतर घुसकर वाहनों को क्षतिग्रस्त करते हुए एक बाइक और स्कूटी में आग लगा दी और पथराव कर दिया. तब जवाब में पुलिस ने भी हवाई फायरिंग की. इस दौरान योगेश वर्मा वहां से खिसक गए और सबसे ज्यादा बवाल वाले कंकरखेड़ा क्षेत्र में पहुंचे. यहां भी उनके पहुंचने के बाद बवाल बढ़ता चला गया, लेकिन पुलिस योगेश वर्मा को रोकने की हिम्मत नहीं जुटा सकी. इन तमाम सूचनाओं पर नजर रखे भाजपा विधायक और वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी से फोन पर बात करते हुए पूरे माहौल की जानकारी दी. साथ ही बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा पर सख्ती की मांग की. इसके बाद शासन से मिले निर्देश पर तत्काल योगेश वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया. योगेश वर्मा के पकड़े जाने के बाद तमाम बवाली भी गायब हो गए.
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