श्रीलंका और भारत के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज का दूसरा मैच मोहाली में खेला जाएगा. यह मुकाबला सिक्सर किंग युवराज सिंह का अन्तिम अन्तरराष्ट्रीय मुकाबला हो सकता है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीसीसीआई नेहरा के बाद अब युवराज सिंह को भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदाई उनके घरेलू मैदान से देना चाहता है. हालांकि युवराज सिंह अभी संन्यास लेने के मूड में बिलकुल भी नहीं है. वह टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए बेंगलुरु स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में अभ्यास कर रहे हैं. ताकि वह यो-यो टेस्ट पास करके भारतीय टीम मेंं वापसी कर सके. इसके लिए वह रणजी ट्रॉफी के मैच भी नहीं खेल रहे हैं. बीसीसीआई के अधिकारियों के एक वर्ग को युवराज का रणजी ट्रॉफी मैच नहीं खेलकर राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में फिटनेस ट्रेनिंग करने का फैसला पसंद नहीं आ रहा है.
युवराज अभी तक पंजाब के पांच में से चार रणजी मैचों में नहीं खेले हैं. वह विदर्भ के खिलाफ सिर्फ एक मैच में खेले हैं जिसमें उन्होंने 20 और 42 रन बनाए हैं. बीसीसीआई के कुछ अधिकारी अब राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में उनकी मौजूदगी पर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अभी किसी तरह की चोट के बारे में नहीं बताया है. पता चला है कि युवराज यो यो फिटनेस टेस्ट को पास करने के लिए बेताब हैं जिसमें पहले वह असफल हो गए थे, लेकिन ऐसा प्रतिस्पर्धी मैचों में नहीं खेलकर हो रहा है.
भारतीय टीम में वापसी भी युवराज के लिए जरूरी है, क्योंकि उनके आईपीएल नीलामी पूल में वापसी की उम्मीद है और फे्रचाइजी टीमों के लिए भारतीय टीम से बाहर चल रहे खिलाड़ी को लेना पहला विकल्प नहीं होता. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है कि युवराज रिहैबिलिटेशन कर रहे हैं लेकिन हमें पता चला है कि वह यो यो टेस्ट पास करने के लिए विशेष फिटनेस ट्रेनिंग कर रहे हैं, लेकिन रणजी ट्रॉफी छोडऩा अच्छी चीज है या नहीं, इस पर युवराज को फैसला करना होगा.
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