योगी सरकार में उपेक्षा से परेशान पिछड़े समाज के मंत्री ने खोला मोर्चा

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सत्ता का पहला साल पूरा होने पर जहां अपनी उपलब्धियां गिना रही है. वहीं, सपा और बसपा विकास की गति रुक जाने का आरोप लगा रहे हैं. इस बीच अब योगी आदित्यनाथ सरकार में एक मंत्री ने ही मुख्यमंत्री योगी की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और योगी कैबिनेट में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने अपनी ही सरकार पर बड़ा हमला बोला है. राजभर ने आरोप लगाया है कि मौजूदा यूपी सरकार सिर्फ मंदिरों पर ध्यान दे रही है. और जिन गरीबों ने उसे वोट दिया, उन पर सरकार तवज्जो नहीं दे रही है. राजभर ने ये भी आरोप लगाया कि सरकार की तरफ से दावे बहुत किए जाते हैं, लेकिन जमीन पर कुछ होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा. ओपी राजभर ने सरकार पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का भी आरोप लगाया है और कहा है कि भाजपा के लोग 325 सीट के नशें में पागल होकर घूम रहे हैं.

दूसरी ओर राजभर के बयान पर यूपी के स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा नेता सिद्धार्थनाथ सिंह ने जवाबी हमला बोला है. सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि राजभर हमारी सरकार में मंत्री हैं और अगर उन्हें कुछ समस्या है तो कैबिनेट में अपनी बात रखें. सिंह ने कहा कि आप सरकार में रहकर इस तरीके से सार्वजनिक तौर पर आलोचना नहीं कर सकते.

असल में केंद्र और उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत मिलने के कारण भारतीय जनता पार्टी सहयोगी दलों को कोई तव्वजो नहीं दे रही है. खासकर दलित और पिछड़े वर्ग के नेताओं और उनसे जुड़ी पार्टियों को भाजपा और उसके नेता बिल्कुल तव्वजो नहीं दे रहे हैं. इसी कारण बिहार में जीतन राम मांझी एनडीए को छोड़कर महागठबंधन में शामिल हो गए हैं. उदित राज भी लगातार हाशिए पर हैं. बसपा छोड़कर भाजपा में पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्या और दारा सिंह चौहान को भी भाजपा में उतनी तव्वजो नहीं मिल रही है, जितनी बसपा में थी. इसी सूची में नया नाम ओपी राजभर का आया है. ओम प्रकाश राजभर अक्सर योगी सरकार को घेरते रहे हैं. लेकिन अब वो आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं.

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