कर्नाटक चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री मोदी हफ्ते भर के लिए कर्नाटक में हैं. इस दौरान मोदी जितनी चर्चा भाजपा के एजेंडे की कर रहे हैं, उतना ही ध्यान जनता दल सेक्युलर के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा को खुश करने में भी लगा रहे हैं. पीएम मोदी के निशाने पर लगातार देवेगौड़ा हैं. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या कर्नाटक में भाजपा मुश्किल में है और मोदी पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा को इसलिए खुश करने में जुटे हैं ताकि भाजपा की गाड़ी फंसने पर जेडीएस से समर्थन हासिल किया जा सके.
चुनाव पूर्व कर्नाटक को लेकर आ रहे सर्वेक्षण में भी यह साफ हो गया है कि वहां गठबंधन की सरकार बनेगी. इस सर्वेक्षण ने भाजपा और कांग्रेस दोनों की बेचैनी बढ़ा दी है. हालांकि भाजपा ज्यादा बेचैन दिख रही है. यही वजह है कि मोदी और अमित शाह की जोड़ी कर्नाटक में संभावित नतीजों को देखते हुए अपनी रणनीति बना रहे हैं.
हालांकि मोदी द्वारा देवेगौड़ा की तारीफ की रणनीति का जवाब देवेगौड़ा ने खुद दे दिया है. पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा का कहना है कि मोदी स्मार्ट पीएम हैं. वह कर्नाटक की राजनीति में हो रहे बदलाव और संकेत को अच्छी तरह से समझते हैं. लेकिन देवेगौड़ा ने साफ कर दिया है कि तारीफ अपनी जगह है लेकिन वह भाजपा और मोदी के साथ कोई गठबंधन नहीं करने वाले हैं.

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।