नई दिल्ली। 2019 चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव बहनजी को प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं. अखिलेश यादव ने अपनी यह मंशा अंग्रेजी अखबार मुंबई मिरर से बात करते हुए जाहिर की. हालांकि साथ ही अखिलेश ने यह भी जोड़ा की बहनजी उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने में मदद करेंगी.
बसपा प्रमुख मायावती ने हाल ही में एक जनसभा में संकेत दिए थे कि अगर सब कुछ अच्छा रहा तो वह लोकसभा चुनाव लड़ेंगी और प्रधानमंत्री भी बन सकती हैं. मायावती के बयान के दो दिन बाद ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस पर मुहर लगा दी है और उन्होंने कहा है कि मैं भी उन्हें प्रधानमंत्री बनते हुए देखना चाहता हूं.
अंग्रेजी अखबार मुंबई मिरर से बात करते हुए अखिलेश ने कहा, ‘गठबंधन होने के बाद मुझे उनके बारे में जानने का काफी मौका मिला है, मैंने उनमें काफी अच्छाईयां भी देखी हैं. वह काफी अनुशासित हैं और मुझसे अनुभवी भी हैं.’
सपा प्रमुख ने कहा, ‘उनके और हमारे बीच में एक जेनरेशन गैप है, उन्हें प्रधानमंत्री बनता देख मुझे खुशी होगी, इसके लिए मैं पूरी मेहनत करने के लिए भी तैयार हूं. वहीं, वह भी मुझे उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री देखने के लिए तैयार हैं.’
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरी भारतीय जनता पार्टी विपक्ष पर इसी बात का तंज कसते हैं कि मोदी नहीं तो कौन? और विपक्ष इसी बात पर हर बार पिछड़ता नज़र आ रहा था, लेकिन अब पांच चरण पूरे होने के बाद मायावती ने खुले तौर पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है. और उनका साथ अखिलेश यादव ने भी दे दिया है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है, जहां 80 लोकसभा सीटें हैं. सपा-बसपा और रालोद मिलकर इन सीटों पर लड़ रहे हैं. यूपी में जिस तरह से मुकाबला है उसमें यह दिख रहा है कि यहां गठबंधन को बड़ा फायदा हो सकता है. ऐसे में अगर लोकसभा चुनाव बाद परिस्थियां बनती हैं तो बसपा प्रमुख मायावती को प्रधानमंत्री बनने का मौका मिल सकता हैं. विपक्ष के तमाम नेताओं के बीच उनके ज्यादा अनुभवी होने के कारण उनके नाम पर सहमति बन सकती है.
इसे भी पढ़ें-दिल्ली में फिर जनाधार तलाश रही बसपा
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।