केओनझर। ओडिशा के केओनझर जिले में एक बेघर आदिवासी परिवार स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत बनाए गए शौचालय में रहने पर मजबूर है. इछिंदा गांव के दक्तर नायक, ओडिशा माइनिंग कारपोरेशन द्वारा बनवाये गए शौचालय में रह रहे हैं क्योंकि उनके पास कोई पक्का मकान नहीं है.
परिवार के हालात के बारे में ओडिया डेली के द्वारा बताए जाने के कुछ घंटो के बाद ही अधिकारियों ने बताया कि परिवार को एक पक्के घर में ले जाया गया है. केओनझर जिले के कलेक्टर ने कहा कि “नायक के परिवार को यहां ओएमसी द्वारा घर का निर्माण समाप्त होने तक रहना होगा.
ओडिशा के एक अखबार संबाद से मिली एक तस्वीर में नायक शौचालय के दरवाजे के पास बैठे हुए है. वहीं दूसरी तरफ शौचालय के ठीक बगल में नायक की बेटी निशा सो रही है. जो नायक के परिवार के हालात को बयां कर रहे हैं. दक्तर नायक एक श्रमिक हैं.ये और इनका परिवार बेहद बुरी परिस्थितियों में रह रहे हैं. कभी ये किसी के जर्जर मकान में रहते तो कभी पॉलिथीन के नीचे. बारिश के दिनों में इनके लिए कई परेशानियां खड़ी हो गईं.
नायक ने अखबार को बताया कि पिछले कुछ दिनों से वो और उनका परिवार इस शौचालय के अंदर ही सो रहे हैं. उनकी पत्नी नंदिनी बाहर खाना बनाती हैं और शौच के लिए उनका परिवार जंगल में जाता है.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांव के 40 आदिवासी परिवारों को बीपीएल श्रेणी में घर दिया गया है. लेकिन नायक को घर नहीं मिला. यहां तक कि माइन्स एंव मिनीरल संशोधन अधिनियम के अंतर्गत खनिज-प्राप्ति वाले क्षेत्रों में आदिवासियों के विकास के लिए गठित डिस्ट्रीक्ट मिनीरल फाउंडेशन उनके हालात में बहुत सुधार नहीं कर पाए हैं.

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