पटना। छठ पर्व से ठीक पहले मुंगेर में दर्दनाक घटना में ट्रेन से कट कर चार महिलाओं की मौत हो गई. और करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए. ये महिलाएं मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड की थी जो गंगा स्नान करने मुंगेर आई थी. मंगलवार से आस्था का महापर्व छठ की शुरूआत हो रही है, ऐसे में ग्रामीण इलाके कि महिलाएं एक दिन पहले गंगा स्नान करने आती है. लौटते समय दानापुर भागलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस से कटकर इनकी मौत हो गई.
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि लगभग एक दर्जन महिलाएं अहले सुबह गंगा स्नान के बाद अपने गांव जाने के लिए अदलपुर रेलवे ट्रैक पर कियूल जमालपुर श्रमिक एक्सप्रेस पकड़ने के लिए खड़ी थीं. तभी उसी ट्रैक पर 3401 अप भागलपुर दानापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस आ गई जिस ट्रैक पर महिलाएं खड़ी थीं.
ट्रेन की चपेट में आकर चार महिलाओं की मौत हो गई. मृतक सभी महिलाएं एक ही गांव आमरी की है, जिनका नाम है- रेखा देवी 39 साल, अनीता देवी 38 साल , गीता देवी 35 साल और विजो देवी 38 साल. गंभीर रूप से घायलों में मनोज रवि दास, रुक्मणी देवी, लहुंग मांझी, गिरीश शर्मा.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक घटना के समय कोहरा छाया हुआ था. सुबह 7.15 बजे भागलपुर दानापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस बिना हार्न दिये चुपके से आई और इन महिलाओं को मौत की नींद सुला कर चली गई. घटना के बाद गंभीर रूप से घायल महिलाओं और पुरूषों को धरहरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती करया गया. फिर उन्हें बेहतर इलाज के लिए मुंगेर सदर अस्पताल भेज दिया गया.
घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने अदलपुर रेलवे ट्रैक को जामकर दिया. साथ ही जमालपुर धरहरा मुख्य मार्ग को भी घंटों जाम रखा. बाद में स्थानीय अधिकारियों ने मुआवजे का ऐलान कर जाम को हटवाया. मृतक परिवार को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई.
इस घटना की वजह से साढ़े चार घंटे तक रेलवे परिचालन बाधित हुआ, जिसकी वजह से कई एक्सप्रेस ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी रहीं. अधिकारियों ने माना कि कुहांसे की वजह से यह दुर्घटना घटी है. लेकिन, इस घटना ने छठ पर्व के उत्साह को मातम में बदल दिया है.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।
