रोस्टर पर सरकार के फैसले को तात्कालिक राहत क्यों कह रहा है टीचर्स एसोसिएशन

वाराणसी, बनारस हिन्दू विवि

नई दिल्ली। ऑल इंडिया यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेज एससी, एसटी, ओबीसी टीचर्स एसोसिएशन ने भारत सरकार द्वारा 200 पॉइंट रोस्टर पर अध्यादेश लाए जाने का स्वागत किया है. एसोसिएशन ने कहा है कि इस अध्यादेश के आने से सभी वर्गों के शिक्षकों का न्याय सुनिश्चित होगा, साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय के 4500 एडहॉक शिक्षक राहत महसूस कर रहे हैं.

टीचर्स एसोसिएशन के नेशनल चेयरमैन प्रो. हंसराज ‘सुमन ‘व महासचिव प्रो. के पी सिंह यादव का कहना है कि पिछले एक वर्ष से देशभर के शिक्षक सड़कों पर आंदोलनरत थे, अब अध्यादेश के आने से राहत महसूस कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस अध्यादेश की वैद्यता 6 माह की होती है, आगामी संसद सत्र में पास करके कानून बनाना होगा जब जाकर स्थायी राहत मिलेगी, अभी केवल तात्कालिक राहत मिली है.

प्रो. सुमन व प्रो. यादव ने मांग किया कि 5 मार्च 2018 के बाद से डिपार्टमेंट वाइज रोस्टर के आधार पर जिन केंद्रीय विश्वविद्यालयों व राज्यों के विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पदों के विज्ञापन आए थे उन सभी विज्ञापनों को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाये एवं नये विज्ञापन जारी करने के लिए यूजीसी/एमएचआरडी विश्वविद्यालयों/कॉलेजों को सर्कुलर जारी करे जिसमें विश्वविद्यालय/कॉलेज को एक यूनिट मानकर 200 पॉइंट रोस्टर बनाकर नए विज्ञापन जारी किए जाए जिससे नियुक्ति की प्रक्रिया अविलंब शुरू की जाये, तब लगेगा कि सरकार अपने प्रयास में गंभीर है. उन्होंने सरकार से यह अपील भी की है कि आरक्षित वर्ग के लाखों उम्मीदवारों को जो 13 पॉइंट रोस्टर से नुकसान हुआ है उसकी भरपाई का उचित तरीका यहीं है कि अध्यादेश के मद्देनजर 200 पॉइंट रोस्टर के आधार पर पुनः नियुक्तियां की जाये.

अभी भी संदेह बना हुआ है-

प्रो. सुमन व प्रो. यादव का कहना है कि अभी भी इस अध्यादेश के लागू होने में संदेह बना हुआ है जब तक कि ये कार्यान्वित नहीं होने लगता तब तक लोग इसे संदेह की दृष्टि से देखते रहेंगे. पहली स्थिति यह है कि 200 पॉइंट रोस्टर को डीओपीटी के आधार पर लागू करते समय शॉर्टफाल व बैकलॉग की स्थिति का भी सरकार ध्यान रखें, क्योंकि लंबे अरसे से आरक्षित वर्ग की सीटें सामान्य वर्गो से भर्ती जा रही है. पिछले वर्ष जब 13 पॉइंट रोस्टर का आदेश आया तब तो आरक्षित वर्ग की सीटें करीब-करीब खत्म कर दी गई थी, इसलिए सरकार से मांग है कि वे पिछले साल मार्च से लेकर अब तक जितने भी विज्ञापन आए हैं उनको खारिज करे तथा 200 पॉइंट रोस्टर के आधार पर पुनः विज्ञापन देकर आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के प्रति न्याय करें.

नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो

यूजीसी/एमएचआरडी 200 पॉइंट रोस्टर संबंधी अध्यादेश का सर्कुलर जारी कर जल्द से जल्द विश्वविद्यालयों/कॉलेजों को भेजा जाए जिससे लंबे समय से रुकी हुई नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो सके. प्रो. सुमन ने बताया है कि शुक्रवार तक चलने वाली डूटा की हड़ताल को जब तक समाप्त नहीं किया जा सकेगा जब तक कि डूटा जीबीएम में इस संदर्भ में कोई निर्णय नहीं लिया जाता. डूटा की जीबीएम शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में होगी.

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