नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने सेनेटरी नैपकिन को टैक्स फ्री ना करने पर केंद्र सरकार से सवाल पूछा है. सेनेटरी नैपकिन पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि जब काजल-बिंदी टैक्स फ्री हो सकते हैं तो फिर सेनेटरी नैपकिन पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने के पीछे क्या मंशा है? कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि क्या नैपकिन पर जीएसटी की दर कम करने की कोई गुंजाइश है या नहीं?
याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि जीएसटी रेट तय करने वाली कमेटी में किसी भी महिला को शामिल नहीं किया गया. हाल ही में सरकार ने करीब 200 सामानों पर लगे जीएसटी रेट कम किए, लेकिन सेनेटरी नैपकिन को 12 फीसदी जीएसटी के दायरे में ही रहने दिया. याचिकाकर्ता का तर्क है कि जीएसटी लगने से महिलाएं इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रही हैं. सरकार ने इसे महिलाओं की पहुंच से भी दूर कर दिया है.
याचिकाकर्ता ने कहा है कि महिलाओं के सिंदूर, चूड़ियां, कुमकुम सहित कंडोम जैसी वस्तुओं पर पूरी तरह जीएसटी में छूट दी गई है. जबकि महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण वस्तु सेनेटरी नैपकिन पर 12 फीसदी जीएसटी लगाई जा रही है. याचिकाकर्ता ने 12 प्रतिशत जीएसटी का विरोध करते हुए फैसले को वापस लेने की मांग की है. हालांकि इस मामले में अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी.

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