हमीरपुर। दलितों के साथ हमेशा से भेदभाव होता आया है और अब भी हो रहा है. लेकिन हर बार भेदभाव के तरीके अलग होते हैं. कभी दलितों को खेत में घुसने नहीं दिया जाता, कभी सवर्णों के मोहल्ले से गुजरने पर पाबंदी होती है तो कभी मंदिर में जाने से रोका जाता है. इसके अलावा भी कई तरीके से दलितों के साथ भेदभाव किया जाता है.
यूपी के हमीरपुर में कुछ इसी तरह का भेदभाव सामने आने आया है. घटना हमीरपुर जिले के मौदाहा कस्बे के गदाहा गांव की हैं, जहां 10 दिन तक रामायण पाठ होना है. लेकिन इस पाठ के शुरू होने से पहले ही विवाद हो गया है.
दरअसल, इस गांव के राम जानकी मंदिर के पुजारी ने मंदिर के बाहर पोस्टर चिपका दिया है, जिसमें दलितों को रामायण पाठ के दौरान मंदिर में न आने चेतावनी दी गई है. इस पर गांव के दलित समुदायों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब किसी धार्मिक कार्य से उन्हें दूर रहने को कहा गया हो. इस पर विस्तार से बताते हुए दलित समुदाय के लोगों का कहना था कि ऐसी मान्यता है कि दलित बुरा संयोग लेकर आएंगे.
मंदिर के पुजारी ने इससे पहले भी मंदिर के बाहर चेतावनी भरे अंदाज में 10 दिनों तक रामायण पाठ के दौरान घर से बाहर नहीं निकलने के लिए कहा था. इस विवाद पर बात करते हुए एक स्थानीय गुरु प्रसाद आर्य का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब दलितों को मंदिर में आने से रोका गया हो.
एसडीएम सुरेश कुमार ने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी. पुजारी की भूमिका अगर इसमें पाई जाती है तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी.

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