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नई दिल्ली। हिंदू संगठनों से जुड़े जाटों ने खुलेआम दलित महिलाओं को कपड़े फाड़कर उनको घसीटा व मारापीटा. यहां तक की इनको गर्भवती महिला तक को ना छोड़ा और उसे भी अपना शिकार बनाया. इनके तांडव को पूरा गांव तमाशा बनकर देखता रहा और कुछ ही देर में इलाका खून से सन गया. प्राप्त खबर के मुताबिक 27 जून की सुबह भीलवाड़ा शहर के वार्ड नंबर एक के मंगलपुरा के दलितों व जाटों के बीच जमकर मारपीट हुई.
ऐसा कहा जा रहा है कि यहां पर जाट की संख्या ज्यादा है. साथ ही ज्यादातर जाट युवा शिवसेना, बजरंग दल, विहिप जैसे संगठनों में सक्रिय नजर आते हैं.
पीड़िता सायरी बलाई द्वारा दर्ज करवाई गई रिपोर्ट में बताया गया कि सुबह 8:30 बजे उनके ही पड़ोसी शिवराम जाट, शंकर लाल जाट, गोपाल जाट, राधेश्याम जाट और राजू जाट सहित कुछ अन्य लोगों ने लाठियों से लैस होकर उनके घर में जबरन प्रवेश किया और जातिगत गालियां देते हुए अचानक हमला बोला.
एक गर्भवती दलित महिला के पेट और…
नवजीवन की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित दलितों ने आरोप लगाया है कि लठैत जाटों ने दलित महिलाओं को विशेष रूप से निशाना बनाया और उन्हें घसीटकर पीटते हुए घरों से बाहर निकाला और सार्वजनिक रूप से उनके कपड़े फाड़ डाले. एक आरोपी तो कपड़े खोलकर एक दलित लड़की पर बैठ भी गया. वहीं, एक गर्भवती दलित महिला माया के पेट और सिर में चोट लगने की वजह से वह गंभीर रूप से घायल हो गई. उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. इस हमले में एक दर्जन दलित जख्मी हुए हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, करीब 40 मिनट तक हमलावर लठैत दलितों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटते रहे.
शांति भंग करने की आशंका में फिलहाल दो जाट युवकों शंकर लाल और शिवराज को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं, पीड़ित पक्ष का कहना है कि उनकी रिपोर्ट लेने में भी पुलिस ने जानबूझकर देरी की है. जबकि मंगलपुरा के जाट समुदाय का कहना है कि मारपीट की शुरुआत दलितों की ओर से की गई थी.
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