पटना। बिहार के सुशासन बाबू यानि सीएम नीतीश कुमार ने जब से आरजेडी का दामन छोड़ भाजपा का दमन पकड़ा है. तब से जेडीयू में कुछ भी ठीक ठाक नहीं चल रहा है. खासकर दलित नेता खुलकर पार्टी के खिलाफ हल्ला बोलते दिखाई दे रहे हैं. सोमवार को पार्टी के विधायक श्याम रजक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने इशारों ही इशारों में भाजपा की खबर ली है.
इन लोगों का कहना है कि वंचित समाज को मुख्य धारा में लाने का बाबासाहेब अम्बेडकर का जो सपना था, वो देश की आजादी के सात दशक बाद भी पूरा नहीं हो सका है. आलम ये है कि वंचित समाज आज भी कूड़े के ढेर से अनाज चुनकर पेट की भूख मिटा रहा है. श्याम रजक का कहना है कि शासन में जो लोग हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि इन लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाएं. लेकिन ये अब हमारे अधिकार को छीन रहे हैं.
दूसरी तरफ पार्टी के आलाकमान ने दलित नेताओं के इस बयान पर चुप्पी साध ली है. भले ही सुशासन बाबू जेडीयू के अंदर सब कुछ ठीक होने का लाख दावा करे. लेकिन नेताओं के बयान से इतना तो तय है कि पार्टी में अब सब कुछ नीतीश के मनमाफिक नहीं चल रहा है. अब देखना ये है कि पार्टी में अंदरूनी खींचतान के बीच सुशासन बाबू अपने कुनबे को कैसे संभाल कर रख पाते हैं क्योंकि नीतीश के कुनबे पर शरद की भी नजरें टिकी हुई हैं जो लगातार जेडीयू के तीर को अपने तरकश में लाने की कोशिश में जुटे हैं.
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