हैदराबाद। आदिवासी धर्म कोड को लेकर जोरदार चर्चा चली. इस दौरान देशभर के 12 करोड़ से अधिक आदिवासियों के बारे में जिक्र किया गया. दो दिन तक चलने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में आदिवासियों के अन्य मुद्दों पर भी जानकारों ने बात की. इस दौरान देशभर के अलग-अलग हिस्सों से आदिवासी नेताओं व जानकारों ने हिस्सा लेकर आदिवासी समुदाय को सशक्त व जागरूक करने को लेकर पहल करने की बात भी कही.
मंगलवार को प्राप्त जानकारी के अनुसार आदिवासी धर्म कोड को लेकर राष्ट्रीय इंडीजिनीयस-आदिवासी धर्म समन्वय समिति द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन हैदराबाद में किया गया. एक जानकार ने बताया कि हम लोग इस अधिवेशन में देश में निवास करने वाले 12 करोड़ से अधिक प्रकृति पूजक आदिवासियों के लिए जनगणना फार्म 2021 में अलग धर्म कोड को लेकर चर्चा किए. संभावना है कि जल्द ही इस पर कागजी काम आरंभ किया जाएगा. इस अधिवेशन में झारखंड से पूर्व मंत्री देवकुमार धान के अलावा दिग्गज आदिवासी नेताओं ने भाग लिया. बता दें कि फिलहाल देश में आदिवासियों के मसलों को लेकर आंदोलन चल रहा है. पत्थलगड़ी आंदोलन के गिरफ्तार समर्थकों की रिहाई के लिए जेल भरो आंदोलन आरंभ होने को है.
इसे भी पढें-गिरफ्तार आदिवासियों की रिहाई के लिए 15 मई को जेल भरो आंदोलन
- दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।