बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने सोमवार 22 फरवरी को उत्तर प्रदेश सरकार के बजट पर कठोर निन्दात्मक टिप्पणी की है। उन्होंने हुए कहा कि “यह बजट विशेष रूप से गरीबों, कमजोर वर्गों और किसानों के लिए बेहद निराशाजनक है, यह बजट सिर्फ कोरे वादों से भरा है इसमें समाज के कमजोर वर्गों, किसानों और बेरोजगारों के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।”
सुश्री मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के बजट की तरह यूपी सरकार का बजट भी कोरे वादों से भरा है और आम जनता को सुंदर सपने दिखाए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता से अपने वादों को पूरा करने के बारे में आदित्यनाथ सरकार असफल रही है। केंद्र और राज्य दोनों में बीजेपी सरकार होने के बावजूद ऐसी असफलता दुर्भाग्यपूर्ण है। अक्सर बीजेपी नेताओं द्वारा कहा जाता है कि केंद्र और राज्य दोनों में बीजेपी सरकार हो तो ऐसी ‘डबल इंजन’ की सरकार में बड़ा विकास होता है।
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के साथ विधानसभा में 2021-22 के लिए 5.5 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। एक साल बाद यहाँ विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसी के मद्देनजर बजट में 27,598 करोड़ रुपये की नई योजनाओं की घोषणा की गयी है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के दलितों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों और युवाओं में बढ़ रही बेरोजगारी के लिए इस बजट से उम्मीदें लगाई जा रहीं थी। लेकिन इस बजट में इन दोनों मुद्दों को लेकर या हाल ही में उभरी किसानों की समस्याओं को लेकर भी कोई योजना घोषित नहीं हुई है। इस प्रकार इस बजट का आम जनता और किसान मजदूर वर्ग की बेहतरी से कोई संबंध नहीं है।
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।
