
मुख्यमंत्री हो तो हेमंत सोरेन जैसा। जी हां, हेमंत सोरेन। झारखंड के मुख्यमंत्री। लॉक डाउन के बाद हेमंत सोरेन जिस तरह देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे झारखंड के लोगों की सहूलियत के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं वह काबिले तारीफ है। भरोसा न हो तो आप उनके ट्विटर हेंडल @HemantSorenJMM पर जाकर देख लिजिए।
पिछले दो दिनों में हेमंत सोरेन ने जिस तरह ट्विटर का इस्तेमाल कर अपने राज्य के लोगों की मदद के लिए अलग-अलग राज्य के मुख्यमंत्रियों से मदद मांगी है और जिस तरह अन्य मुख्यमंत्रियों ने इसको तवज्जो दी है, वह काबिले तारीफ है। और आपदा की घड़ी में देश के एक साथ होने की बात पर मुहर लगाती है। जिन तीन मुख्यमंत्रियों से हेमंत सोरेन ने संवाद किया वो हैं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल। इनमें से कोई भी मुख्यमंत्री भाजपा शासित प्रदेश का नहीं है।
यह सोशल नेटवर्किंग शुरू हुई 24 मार्च को, जब झारखंड के गोमिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. लम्बोदर महतो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखकर अपने विधानसभा क्षेत्र के 63 श्रमिकों के नवी मुंबई के एक साईं मंदिर में फंसे होने की जानकारी दी, और उन्हें सुरक्षित झारखंड वापस लाने की अपील की। विधायक लम्बोदर महतो ने इस चिट्ठी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्विट भी किया।
इसके जवाब में हेमंत सोरेन ने विधायक को लॉकडाउन के कारण सभी मजदूरों को वहीं पर रहने का सुझाव दिया। साथ ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ट्विट में टैग करते हुए नवी मुंबई में फंसे झारखंड के श्रमिकों की मदद करने का आग्रह किया।
इसके जवाब में उद्धव ठाकरे ने हेमंत सोरेन को इस बात के लिए शुक्रिया कहा कि हेमंत सोरेन ने जो जहां है, उसको वहीं रहने की सलाह दी। साथ ही संबंधित जिलाधिकारी को झारखंड के फंसे श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें जरूरी सुविधाएं देने का निर्देश दिया।
ऐसा ही एक मामला ओडिसा में हुआ। ओडिसा के कटक स्थित एक सीमेंट प्लांट में झारखंड के डंडा गढ़वा के 14 मजदूरों के फंसे होने की सूचना वीरेन्द्र चौधरी ने ट्विटर के जरिए हेमंत सोरेन तक पहुंचाई। और खाने-पीने की चीजों के साथ ही उनके रहने को लेकर दिक्कतों की बात कही।
हेमंत सोरेन ने तुरंत इस बारे में ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को ट्विट कर मदद मांगी। तो एक अन्य मामले में हेमंत सोरेन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी ट्विट कर झारखंड के लोगों की मदद करने का आग्रह किया, जिसके जवाब में केजरीवाल ने हेमंत सोरेन को ट्विट किया कि वह कोशिश कर रहे हैं कि दिल्ली में कोई भी व्यक्ति भूखा न मरे।
हेमंत सोरेन ने देश के तमाम मुख्यमंत्रियों को ट्विट कर कहा है कि झारखंड सरकार हर किसी की यथासंभव मदद करेगी। देश के समस्त मुख्यमंत्रियों से आग्रह है कि वे झारखंडियों की मदद करें।
सोशल मीडिया के जरिए सिर्फ हेमंत सोरेन ही एक्टिव नहीं है, बल्कि अपने घर से दूर देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे तमाम लोग अपने राज्य के मुख्यमंत्रियों से ट्विटर के जरिए संपर्क कर रहे हैं, जिसके जवाब में उनकी मदद भी की जा रही है। जहां डॉक्टर, प्रशासन और सरकार लोगों की मदद को सामने आ रहे हैं, तो वहीं सोशल मीडिया भी कोरोना की जंग में एक महत्वपूर्ण साधन बना हुआ है। फिलहाल जरूरी है, देश के सभी मुख्यमंत्रियों और केंद्र सरकार को एक साथ एक सूत्र में बंध कर काम करने की। सबका साथ ही कोरोना को हरा सकता है।

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।