पटना। बिहार सरकार ने शिक्षा लोन को लेकर एक बड़ा फैसला किया है. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत सामान्य और पिछड़ा वर्ग के छात्रों को 4 प्रतिशत ब्याज दर पर शिक्षा लोन मिलेगा, जबकि अनुसूचित जाति-जनजाति के विद्यार्थियों के साथ-साथ सभी वर्ग की छात्रों को सिर्फ एक प्रतिशत ब्याज पर शिक्षा लोन मिलेगा. वित्त निगम के जरिए अप्रैल से इस ब्याज दर पर विद्यार्थी लोन ले सकेंगे. इस बारे में कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही अधिसूचना जारी हो जाएगी. उच्च शिक्षा के लिए अधिकतम 4 लाख रुपए तक लोन मिलेगा.
वित्त निगम के मुताबिक लोन चाहने वालों को कुल 36 कोर्स के लिए लोन मिलेगा. इसमें ग्रेजुएशन, बीसीए, बीएससी एग्रीकल्चर, बीएड,डिप्लोमा इन प्राइमरी एजुकेशन, फिजियोथैरेपी, फैशन डिजाइनिंग, एएनएम, जीएनएम, होटल मैनेजमेंट, आयुर्वेद व होमियोपैथ में बैचलर या डिप्लोमा डिग्री, एमएससी, पीएचडी, कचरा प्रबंधन, बीए, बीएससी, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग, मेडिकल, आलिम, शास्त्री, डिप्लोमा इन फूड आदि कोर्स शामिल हैं.
कैसे करें आवेदन
- स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत शिक्षा ऋण लेने के लिए छात्रों को ऑनलाइन आवेदन देना पड़ेगा. छात्रों की सहायता के लिए सभी जिलों में जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र बनाए गए हैं.
- आवेदन देने पर छात्र के ई-मेल या मोबाइल पर वन टाइम पासवर्ड मिलेगा. पोर्टल पर पासवर्ड डालने के बाद वेज पेज खुलेगा, जिस पर पूरी जानकारी देनी होगी.
- परामर्श केंद्र पर छात्रों को 12वीं का प्रमाणपत्र के साथ जिस कोर्स में नामांकन लिया है, उसकी फीस, आधार नंबर, माता व पिता के बैंक अकाउंट की छह माह की जानकारी देनी होती है.
नौकरी मिलने के बाद सूद सहित होगी वसूली
असल में शिक्षा लोन देने में बैंकों की आनाकानी के बाद वित्त निगम बनाया गया है. लेकिन जरा ठहरिए, लोन लेने से पहले कुछ जरूरी बातों को जान लेना बहुत जरूरी है. - जैसे कि शिक्षा विभाग से अनुशंसित आवेदकों पर ही निगम से शिक्षा लोन मिल सकेगा.
- छात्रों की फीस और संबंधित शहर में रहने पर होने वाला खर्च जोड़ कर लोन स्वीकृत होगा.
- पढ़ाई पूरी होने व नौकरी पा लेने के बाद लोन की राशि ब्याज सहित चुकानी होगी.
- इस योजना से लोन लेने के लिए जाति और आय का बंधन नहीं है.
- बैंकों से शिक्षा लोन 9 से 11 % ब्याज पर मिल रहा है.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।
