बैंक ऑफ बड़ौदा को 203.4 करोड़ का मुनाफा

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नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में बैंक ऑफ बड़ौदा का मुनाफा 203.4 करोड़ रुपए हो गया है जबकि इस तिमाही में बैंक ऑफ बड़ौदा को 459.3 करोड़ रुपए के मुनाफे का अनुमान था.

वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्याज आय 3,405 करोड़ रुपए रही है. जबकि इस तिमाही में बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्याज आय 3,519.6 करोड़ रुपए रहने का अनुमान था.

तिमाही दर तिमाही आधार पर अप्रैल-जून तिमाही में बैंक ऑफ बड़ौदा का ग्रॉस एनपीए 10.46 फीसदी से बढ़कर 11.4 फीसदी रहा है. तिमाही आधार पर अप्रैल-जून तिमाही में बैंक ऑफ बड़ौदा का नेट एनपीए 4.72 फीसदी से बढ़कर 5.17 फीसदी रहा है.

रुपए में बैंक ऑफ बड़ौदा के एनपीए पर नजर डालें तो तिमाही आधार पर पहली तिमाही में ग्रॉस एनपीए 42,719 करोड़ रुपए से बढ़कर 46,173 करोड़ रुपए रहा है. नेट एनपीए 18,080.2 करोड़ रुपए से बढ़कर 19,519 लाख करोड़ रुपए रहा है.

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पिछले 6 दिनों में 63 बच्चों की मौत

गोरखपुर। इंसेफेलाइटिस जैसी घातक बिमारी से गोरखपुर को हर साल सामना करना पड़ता है. गोरखपुर में हर साल सैंकड़ों बच्चे और नवजात इस खतरनाक बिमारी से मर जाते हैं. लेकिन यूपी सरकार कभी भी इस बिमारी को समाधान नहीं निकाल पाई है. इस साल भी गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में पिछले छह दिनों में 63 बच्चों की मौत हो गई. आज सुबह भी एक बच्चे की मौत हो गई. ये बच्चा इंसेफेलाइटिस से पीड़ित था.

यूपी सरकार ने इस मामले मेजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं. बाल चिकित्सा केंद्र में बच्चों की मौतों के लिए इंफेक्शन और ऑक्सीजन की सप्लाई में दिक्कत को जिम्मेदार ठहराया गया है, लेकिन अस्पताल और जिला प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी को मौत का कारण मानने से इनकार किया है. सीएम ने अपने दो मंत्रियों को भेज मामले की जांच रिपोर्ट मांगी है.

9 तारीख की आधी रात से लेकर 10 तारीख की आधी रात को 23 मौतें हुईं जिनमें से 14 मौतें नियो नेटल वॉर्ड यानी नवजात शिशुओं को रखने के वॉर्ड में हुई जिसमें प्रीमैच्योर बेबीज रखे जाते हैं. यह भी हैरतअंगेज है कि 10 अगस्त की रात को ऑक्सीजन की सप्लाई खतरनाक रूप से कम हो गई. ऑक्सीजन खत्म होने से अबतक 30 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस मामले में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दो मंत्रियों को मामले की जांच के लिए गोरखपुर भेजा है.

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और तकनीकी व चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन वहां पहुंचने वाले हैं. रवानगी से पहले उन्होंने कहा कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उधर मामले को गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने अस्पताल की सुरक्षा बढ़ा दी है और वहां काफी संख्या में पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है.

दो दिन पहले नौ अगस्त की शाम को सीएम योगी आदित्यनाथ मेडिकल कॉलेज का हाल देखकर गये थे. बताया जा रहा है कि 69 लाख रुपये का भुगतान न होने की वजह से फर्म ने ऑक्सीजन की सप्लाई ठप कर दी थी. लिक्विड ऑक्सीजन तो गुरुवार से ही बंद थी और आज सारे सिलेंडर भी खत्म हो गए. इंसेफेलाइटिस वार्ड में मरीजों ने दो घंटे तक अम्बू बैग का सहारा लिया. वहीं यूपी सरकार का कहना है कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन की कमी के कारण किसी रोगी की मौत नहीं हुई है.

हिंदुस्तान के मुताबिक ताज्जुब है कि इतनी बड़े संकट के बावजूद डीएम या कमिश्नर में से कोई भी शुक्रवार को दिन भर बीआरडी मेडिकल कॉलेज नहीं पहुंचा. जबकि मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों का कहना था कि दोनों अधिकारियों को मामले की जानकारी दे दी गई थी. प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचते तो क्राइसिस मैनेजमेंट आसान हो जाता. बुधवार को ही लिक्विड ऑक्सीजन का टैंक पूरी तरह से खाली हो गया था. मंगाए गए ऑक्सीजन सिलेंडर भी खत्म हो गए. इसके बाद कालेज में हाहाकार मच गया. बेड पर पड़े मासूम तड़पने लगे. डॉक्टर और तीमारदार एम्बू बैग से ऑक्सीजन देने की कोशिश करने लगे. हालांकि उनकी यह कोशिश नाकाफी साबित हुई. इंसेफेलाइटिस वार्ड में मरने वालों में जुनैद, अब्दुल रहमान, लवकुश, ज्योति, शालू, खुशबू, फ्रूटी, शिवानी और अरूषी शामिल थी.

गुरुवार से शुरू हुआ संकट बीआरडी में ऑक्सीजन की आपूर्ति का संकट गुरुवार को तब शुरू हुआ जब लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट में गैस खत्म हो गई. संकट को देखते हुए गुरुवार को दिन भर 90 जंबो सिलेंडरों से ऑक्सीजन की सप्लाई हुई. रात करीब एक बजे यह खेप भी खप गई. जिसके बाद अस्पताल में कोहराम मच गया. साढ़े तीन बजे 50 सिलेंडरों की खेप लगाई गई. यह सुबह साढ़े सात बजे तक चला.

सुबह फिर मचा कोहराम वार्ड 100 बेड में भर्ती इंसेफेलाइटिस के 73 में से 54 मरीज वेंटिलेटर पर हैं. सुबह साढ़े सात बजे ऑक्सीजन खत्म फिर खत्म हो गई. जिसके बाद वार्ड 100 बेड में हंगामा शुरू हो गया. एम्बुबैग के सहारे मरीजों को ऑक्सीजन दी गई. तीमारदारों के थक जाते ही डॉक्टर एम्बुबैग से  ऑक्सीजन देने की कोशिश करने लगे. हालांकि उनकी यह कोशिश नाकाफी साबित हुई. इंसेफेलाइटिस वार्ड में मरने वालों में जुनैद, अब्दुल रहमान, लवकुश, ज्योति, शालू, खुशबू, फ्रूटी, शिवानी और अरूषी शामिल थी.

30 मौतों की जांच हो, आश्रितों को 20-20 लाख दिए जाएं उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री एवं सपा नेता राधेश्याम सिंह ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दो दिन में 30 मासूमों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने, दोषियों पर मौत की धारा में मुकदमा कायम करने और मृतक आश्रितों को फौरन 20-20 लाख रुपये की मदद करने की प्रदेश सरकार से मांग की है. उन्होंने कहा कि सीएम मेडिकल कॉलेज का जिस दिन दौरा करते हैं, उसके दूसरे ही दिन आक्सीजन की कमी से मासूम तड़प-तड़प कर मरने लगते हैं. यह बताता है कि कॉलेज प्रशासन कितना गैरजिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि इतने गंभीर मामले में लीपापोती नहीं होनी चाहिए. दोषी अधिकारियों को सीधे बर्खास्त किया जाना चाहिए. सपा इस घटना को बहुत गंभीरता से ले रही है. पार्टी पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है. प्रदेश सरकार इन परिवारों को तत्काल 20-20 लाख रुपये की मदद दे.

चीनी नौसेना की हिंद महासागर पर नजर

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एक तरफ दोकलम क्षेत्र में कब्जे के इरादे से चीन लगातार भारत को युद्ध की धमकी देने से बाज नहीं आ रहा है, वहीं दूसरी तरफ अब चीनी नौसेना की नजर हिंद महासागर पर है. भारतीय समुद्री इलाके के नजदीक चीन की पीएलए की मौजूदगी से बढ़ते दबाव के बीच उसकी नौसेना हिंद महासागर की सुरक्षा बनाए रखने के लिए भारत से हाथ मिलाना चाहती है. शेंजियांग प्रांत स्थित अपने रणनीतिक दक्षिण सागर बेड़े (एसएसएफ) पर पहली बार भारतीय पत्रकारों के एक समूह से बात करते हुए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) के अधिकारियों ने हिंद महासागर को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक साझा स्थान बताया.

चीन में एसएसएफ के डिप्टी चीफ ऑफ जनरल कार्यालय के कैप्टन लियांग टियांजुन ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि भारत और चीन हिंद महासागर की सुरक्षा में संयुक्त योगदान दे सकते हैं.’उनकी टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब चीनी नौसेना अपनी वैश्विक पहुंच बढ़ाने के लिए बड़े स्तर पर विस्तार करने में जुटी है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा, ‘हमारे बड़े हथियार सिर्फ खिलौने नहीं हैं.’ उन्होंने युद्धपोत के हथियारों के बारे में भी भारतीय मीडिया को जानकारी दी.

हिंद महासागर में पहली बार हॉर्न ऑफ अफ्रीका स्थित जिबूती में नौसैनिक अड्डा स्थापित करने और वहां चीनी युद्धपोतों व पनडुब्बियों के बढ़ते सशक्त प्रयासों पर लियांग ने अपनी सफाई भी दी. विदेशी समुद्री इलाके में चीन के इस पहले नौसैन्य अड्डे का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, ‘इसे लॉजिस्टिक केंद्र बनाकर हम क्षेत्र में समुद्री डकैती को रोकने, संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान चलाने और मानवीय राहत पहुंचाने पर जोर देंगे.’

जिबूती नौसैनिक अड्डे पर उन्होंने कहा, ‘यह चीनी नौसेना के आराम करने की जगह भी रहेगी.’ लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह चीन के बढ़ते राजनीतिक व आर्थिक प्रभाव के बीच वैश्विक पहुंच बढ़ाने की महत्वाकांक्षा का हिस्सा है. कैप्टन लियांग ने हिंद महासागर को एक बहुत बड़ा समुद्र बताया. साथ ही कहा कि क्षेत्र की शांति व स्थिरता में योगदान देने के लिए यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए साझा स्थान भी है.पीएलएएन के युद्धपोत युलिन पर भारतीय मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि चीनी सेना का रुख रक्षात्मक है, न कि आक्रामक. चीन कभी भी अन्य इलाकों में घुसपैठ नहीं करेगा, लेकिन यह भी जरूरी है कि अन्य देश भी उसे रोकें नहीं. भारतीय मीडिया को बुलाने के मकसद पर उन्होंने कहा कि यह सिर्फ विभिन्न देशों के साथ नियमित बातचीत का हिस्सा है.

चीनी नौसेना में करीब 70 हजार नौसैनिक हैं, जबकि उसके पास 300 नौसैनिक जहाज हैं. कुछ दिन पूर्व चीन ने यह भी कहा था कि वह सेना और नेवी के लिए अलग से मिसाइल बल बना रहा है. इसके लिए उसका बजट 152 अरब अमेरिकी डॉलर किया जा रहा है. यानी चीन दुनिया का ऐसा दूसरा देश होगा जिसके पास इतना बड़ा बजट होगा. इस संबंध में पहला स्थान अमेरिका का है. कैसा लगा

इमरान खान से भिड़ी नवाज शरीफ की बेटी

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इमरान खान और नवाज शरीफ के बीच चल रहे राजनीतिक अदावत के बीच नवाज की बेटी मरियम नवाज शरीफ इमरान खान से भिड़ गईं. उन्होंने इमरान खान को आर्मी की ‘कठपुतली’ तक कह दिया. पाकिस्तान की दो राजनीतिक शख्सियतों के बीच ये ट्विटर वार तब शुरू हुआ जब इमरान खान ने पीएमएल (एन) की रैलियों के बारे में ट्वीट किया.

इमरान खान ने पूर्व पीएम नवाज शरीफ की रैली को भ्रष्टाचार बचाओ रैली करार दिया और कहा कि इस रैली से लगातार लोग गायब होते जा रहे हैं. इमरान खान के ट्वीट से बिफरीं नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज शरीफ ने ट्वीट कर कहा कि आप पूरी तरह से हार चुके हैं और इस हार से आपके दिल में पैदा हुए तूफान को समझा जा सकता है.

इमरान खान ने इसी रैली को निशाना बनाते हुए क्रिकेटिंग कमेंटरी के अंदाज में ट्वीट किया उन्होंने लिखा, ‘ आप महसूस कर रहे होंगे कि आपकी गलत अंपायरिंग की सफाई सुनने आए लोगों की संख्या में लगातार कमी आ रही है.’

ट्विटर पर इमरान ने आगे लिखा कि पटवारियों और किराये की भीड़ से की गई रैली किसी को नेता नहीं बना देती है. इस रैली में नवाज शरीफ बुलेट प्रूफ कार से जनता को संबोधित कर रहे हैं. इमरान खान ने इस पर भी तंज कसा है, उन्होंने लिखा कि बुलेटप्रुफ कार से बोलने से उस भीड़ में भरोसा पैदा नहीं होता जो लगातार कम होती जा रही है, यदि आपको मौत से डर लगता है तो आपको ये रैलियां नहीं करनी चाहिए थीं.

फिल्म रिव्यू- ‘टॉयलेटः एक प्रेम कथा’

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मुंबई। ‘टॉयलेटः एक प्रेम कथा’ को लेकर लंबे समय से चर्चे चल रहे थे, आज फिल्म रिलीज हो गई है. अक्षय कुमार और भूमि पेडणेकर ने फिल्म में जबरदस्त एक्टिंग की है. कहानी भी दिलचस्प है. फिल्म में उत्तर भारत की जो झलक दिखाई गई है, वह काफी रियल लगती है. अक्षय और भूमि का बोलने का अंदाज भी बढ़िया है.

फिल्म की कहानी अपने घर में टॉयलेट ना होने पर पति से तलाक की कई खबरें पढ़ी होंगी. ये कहानी भी कुछ ऐसी है लेकिन थोड़ी बॉलीवुड टाइप की है. साइकिल की दुकान चलाने वाले केशव (अक्षय कुमार) को अमीर खानदार की लड़की जया (भूमि पेडणेकर) से पहली नज़र में ही प्यार हो जाता है. प्यार परवान चढ़ता है और दोनों शादी कर लेते हैं. शादी की पहली रात ही जब महिलाएं सुबह होने से पहले जया को शौच के लिए खेतों के जाने के लिए जगाती हैं तो उसे पता चलता है कि घर में शौचालय नहीं है.

जया का कहना है कि उसे घर में टॉयलेट चाहिए. केशव की मुश्किल उसके पिता हैं जो घर में पंडित हैं और वो मानते हैं कि जिस आंगन में तुलसी है वहां टॉयलेट नहीं बन सकता है. वैसे तो ये कोई बड़ी बात नहीं है कि जैसे सारी महिलाएं लोटा लेकर खेतों में चली जाती हैं वैसे जया भी चली जाए लेकिन वो ऐसा नहीं करती है. वो केशव को छोड़कर मायके चली जाती है और फिर शुरू होती है केशव की शौचालय बनवाने के लिए घर, परिवार और समाज से लड़ाई. बात जया और केशव के तलाक तक पहुंच जाती है लेकिन शौचालय नहीं बन पाता. यहां केशव डायलॉग भी मारता है, ‘आशिकों ने तो आशिकी के लिए ताजमहल बना दिया, हम एक संडास ना बना सके.’ इसके बाद केशव अपना प्यार बचाने और लोगों की सोच से लड़ने के लिए क्या-क्या करता है यही पूरी कहानी है.

फिल्म में भूमिका स्टार कास्ट: अक्षय कुमार, भूमि पेडनेकर, अनुपम खेर, दिव्येंदु शर्मा, सुधीर पांडे, डायरेक्टर: श्रीनारायण सिंह

राम मंदिर विवादः सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को दिया 3 महीनें का समय

 

नई दिल्ली। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद ने आज (11 अगस्त) सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुवाद के लिए 3 महीने का समय दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले हम दो मुख्य पक्षों को चुनेंगे, सभी पक्ष अपने कागजात तैयार रखें. बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ लंबित चुनौतियों के साथ यूपी शिया वक्फ बोर्ड की ओर से दायर हलफनामे पर विशेष पीठ सुनवाई करनी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से कहा कि वे जिन दस्तावेज को आधार बना रहे हैं, उनका 12 सप्ताह के भीतर अंग्रेजी में अनुवाद करायें. ये दस्तावेज आठ भाषाओं में हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि उच्च न्यायालय में मालिकाना हक के बाद का निर्णय करने के लिये दर्ज साक्ष्यों का अनुवाद 10 सप्ताह के भीतर पूरा कराएं.

रामलला विराजमान, हिन्दू महासभा और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड समेत तमाम पक्षकारों हाईकोर्ट के तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ के 30 सितंबर 2010 के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने दो-एक के बहुमत से फैसला सुनाते हुए राम जन्मभूमि को तीन बराबर हिस्सों में रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी बोर्ड मे बांटने का आदेश दिया था.

हिंदुस्तान के मुताबिक सर्वोच्च अदालत ने 9 मई 2011 को हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाएं विचारार्थ स्वीकार की थीं और हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी. साथ ही कहा था कि मामला लंबित रहने तक संबंधित पक्षकार विवादित भूमि पर यथास्थिति बनाए रखेंगे. इसके बाद भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दर्शनार्थियों के लिए मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की जिसका विरोध मुख्य याचिकाकर्ता मोहम्मद हाशिम ने की थी. लेकिन अदालत ने स्वामी की मांग को मुख्य मामले के साथ सुनवाई करने का निर्णय लिया.

लोकसभा में पेश हुआ लेबर बिल, सैलरी कम देने पर लगेगा 50 हजार रुपये जुर्माना

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नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को लेबर बिल लोकसभा में पेश किया. इसके जरिए असंगठित क्षेत्र में सभी श्रेणियों के 40 करो़ड़ से ज्यादा श्रमिकों के न्यूनतम मजदूरी तय करने का काम केंद्रीय स्तर पर किया जाएगा. श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि नए बिल में 1936, 1948, 1965 व 1976 के एक्ट का विलय कर दिया जाएगा.

इस बिल का खास प्रावधान यह है कि किसी मजदूर को तनख्वाह कम दी गई तो उसके नियोक्ता पर 50 हजार रुपए जुर्माना लगेगा. पांच साल के दौरान ऐसा फिर किया तो 1 लाख जुर्माना या 3 माह की कैद या दोनों सजाएं एक साथ देने का प्रावधान भी है. हालांकि विपक्ष ने इस बात पर विरोध जताया कि सरकार ने अल्प सूचना पर बिल पेश कर दिया. उधर, श्रम मंत्री का कहना था कि अभी बिल पेश किया गया है, इस पर चर्चा बाद में होगी.

न्यूनतम मजदूरी की समीक्षा हर पांच साल में विभिन्न मानकों को ध्यान में रखकर की जाएगी. इनका निर्धारण एक पैनल करेगा, जिसमें नियोक्ता, श्रमिकों के प्रतिनिधियों के अलावा स्वतंत्र लोग भी शामिल होंगे.

दिहाड़ी श्रमिकों को शिफ्ट समाप्त होने पर, साप्ताहिक श्रमिकों को सप्ताह के आखिरी कार्य दिवस तथा पाक्षिक श्रमिकों को कार्यदिवस समाप्ति के बाद दूसरे दिन भुगतान करना होगा. मासिक आधार वालों को अगले माह की सात तारीख तक वेतन देना होगा. श्रमिकों हटाने या बर्खास्त करने या उसके इस्तीफा देने पर पगार दो कार्यदिवस के भीतर देनी होगी.

मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि नए बिल में 1936, 1948, 1965 व 1976 के एक्ट का विलय कर दिया जाएगा. इसमें जो प्रावधान हैं, उनसे किसी भी श्रमिक के अधिकारों का हनन नहीं हो पाएगा.

स्वतंत्रता दिवस पर मदरसों में होगी वीडियोग्राफी, शिक्षा बोर्ड का आदेश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मंत्री बनने के बाद से राज्य की नीति-नियमों में अचंभित करने वाले बदलाव हो रहे हैं. योगी सरकार ऐसी नीति और कानून बना रही है जोकि दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय को रास नहीं आ रहा है.

एक बार फिर योगी राज में ऐसी अचंभित करने वाली नीति बनाई गई है और यूपी में मदरसो को आदेश दिया गया है कि इस बार भारतीय झंडा फहराने के साथ-साथ उसकी फोटो ग्राफी और वीडियोग्राफी भी अनिवार्य रूप से करना है.

दरअसल यूपी मदरसा शिक्षा परिषद ने राज्य के सभी मदरसों को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने और राष्ट्रगान गाने का आदेश दिया है. इसके साथ-साथ अनिवार्य रूप से कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग करने को भी कहा गया है. स्वतंत्रता दिवस पर इस तरह के निर्देश पहली बार जारी किए गए हैं.

इस आदेश के बाद से विवाद खड़ा हो गया. मदरसों का कहना है कि इस तरह के आदेश जारी करने का सीधा मतलब यह है कि उनकी देशभक्ति पर शक किया जा रहा है. यूपी के मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से 3 अगस्त को लिखे गए पत्र में सभी मदरसों को निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि स्वतंत्रता दिवस पर ऐसे आयोजन सुनिश्चित कराएं और कार्यक्रम की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की जाए. पत्र में कहा गया है कि फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का इस्तेमाल भविष्य में प्रोत्साहन के लिए किया जाएगा.

योगी सरकार में मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से जारी इस निर्देश को लेकर विवाद शुरू हो गया है. कई मौलानाओं का कहना है कि यह मामला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है और सरकार उनकी देशभक्ति पर शक कर रही है. उनका कहना है कि उन्हें अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के आयोजन का निर्देश फिर भी समझ में आता है, लेकिन उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग करने का निर्देश देना, राजनीति के सिवा और कुछ नहीं.

बीजेपी का चाल, चरित्र और चेहरा दोगला व जन-विरोधीः मायावती

लखनऊ। यूपी में आने वाले सभी मण्डल, जिला व विधान सभा यूनिट के सभी प्रमुख बसपा नेता और कार्यकर्ताओं की लखनऊ में बैठक हुई. बैठक में ‘बसपा का सपना, सरकार हो अपना’ के नारे साथ हर तरह से संघर्ष करने की बात हुई.

लखनऊ कार्यालय में आयोजित इस बैठक में बसपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने फीडबैक के आधार पर यह महसूस किया कि भाजपा और आरएसएस जातिवादी और सांप्रदायिक नीतियों से गरीब, दलित, पिछड़ों को सरकारी स्तर पर काफी तिरस्कार झेलना पड़ रहा है. इसके साथ-साथ इन लोगों पर अत्याचार बढ़ गया है.

इन वर्गों का हित एवं सशक्तिकरण हर स्तर पर लगातार प्रभावित हो रहा है. जिससे ’’सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति’’ का मिशनरी लक्ष्य बुरी तरह से पिछड़ने लगा है, जो देशहित में बड़ी चिंता की बात है. इसके अलावा दलित व अन्य उपेक्षित वर्गों के मन में आज यह सवाल है कि देश में इन वर्गों की अपनी सरकार क्यों नहीं?

भाजपा-आरएसएस द्वारा दलितों और मुस्लमानों को भयभीत करके उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक जैसा जीवन व्यतीत करने को मजबूर करने वाला माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके विरूद्ध बसपा का संघर्ष स्वाभाविक है क्योंकि बहुजन समाज के दोनों अभिन्न अंगों के बीच आपसी एकजुटता व भाईचारा उच्च संवैधानिक लक्ष्यों की प्रप्ति हेतु जरूरी है.

इस विशेष बैठक को सम्बोधित करते हुये बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भाजपा और मोदी सरकार के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डों के साथ-साथ असंवैधानिक व अलोकतान्त्रिक नीति व व्यवहार के कारण आज देश में हर तरफ भय, आतंक, हिंसा, बेचैनी व एक प्रकार से अफरातफरी जैसा माहौल है.

ग़रीबों, मज़दूरों, किसानों, युवाओं, बुद्धजीवी व व्यापारी वर्ग के साथ-साथ दलितों, पिछड़ों व मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति भाजपा सरकार का रवैया लगातार निरंकुश व दमनकारी होता जा रहा है जिससे पूरा देश चिन्तित है. लेकिन इसे महसूस कर आवश्यक सुधार करने के बजाय भाजपा सरकार का अहंकार देश को लगातार त्रासदी की तरफ अग्रसर कर रहा है.

मायावती ने कहा कि बसपा एक राजनीतिक पार्टी के साथ-साथ एक मिशनरी मूवमेन्ट भी है, जो बाबासाहेब डा. अम्बेडकर के कारवां की देश में एक मात्र सशक्त राजनैतिक पार्टी है. इसने अपने राजनीतिक सफर में अबतक काफी उतार-चढ़ाव देखें हैं. बसपा की असलियत यह है कि इसने ना बिकने वाला एक शक्तिशाली समाज बनाया है जो बाबासाहेब डा. अम्बेडकर व मान्यवर कांशीराम की असली इच्छा थी. यही कारण है कि खासकर उत्तर प्रदेश में बसपा ने सत्ता की मास्टर चाबी चार बार अपने हाथ में लेकर अपना उद्धार स्वयं करने के बाबासाहेब के सपने को जमीनी हकीकत में बदलने का काम किया है.

इसी का एक परिणाम यह है कि लगातार बेहतर वोट प्रतिशत प्राप्त करने के बावजूद भी बसपा 2014 के लोकसभा आमचुनाव में कोई सीट नहीं जीत पायी और 2017 के विधान सभा आमचुनाव में अपेक्षा से काफी कम सीटें जीत पायी. यह सब पार्टी की कमजोरी से ज्यादा उन साजिशों का ही परिणाम है जो बसपा व उसके नेतृत्व के खिलाफ लगातार की जा रही है ताकि अम्बेडकरवादी कारवाँ को सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने से दूर रखा जा सके. लेकिन यह स्थिति हमेशा बरकरार रहने वाली नहीं है.

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि इन चुनावी नतीजों का ही दुष्परिणाम है कि आज देश व उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में भाजपा एण्ड कम्पनी की संकीर्ण, जातिवादी, साम्प्रदायिक व जनविरोधी सोच वाली सरकारें हैं और समाज के कमजोर, उपेक्षित व शोषित वर्ग के लोगों पर हर प्रकार की जुल्म-ज्यादती, अन्याय, शोषण, भेदभाव आदि के पहाड़ टूट रहे हैं और इन लोगों की गुलामी, लाचारगी के अंधकार में दोबारा धकेलने का प्रयास लगातार किया जा रहा है तथा इनके खिलाफ लोकतान्त्रिक तरीके से आवाज उठाने पर तानाशाही रवैया अपनाकर इनकी आवाज को संसद तक में कुचला जा रहा है.

इतना ही नहीं बल्कि भाजपा की नफरत की राजनीति अब इतनी ज्यादा कट्टरवादी व द्वेषपूर्ण हो गयी है कि विरोधी पार्टी के नेताओं के खिलाफ जानलेवा हमले भी करवाये जा रहे हैं, यह सब लोकतंत्र के लिये शुभ लक्षण कतई नहीं है जिसके विरूद्ध लोगों को सचेत व संगठित करना बहुत जरूरी है. इस प्रकार की अक्रामकता व अराजकता इसलिये जारी है क्योंकि बीजेपी सरकारें इन्हें शह व संरक्षण दे रही है.

‘ब्लू व्हेल’ के शिकार छात्र ने की आत्महत्या की कोशिश

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इंदौर। निजी स्कूल में गुरुवार को सातवीं के एक छात्र ने तीसरी मंजिल की बालकनी से छलांग लगाकर जान देने की कोशिश की. इसके पीछे सुसाइड गेम ‘ब्लू व्हेल’ का नाम सामने आया है. छात्र ने बताया कि वह पिता के मोबाइल पर गेम खेलता था. गेम की आखिरी स्टेज पार करने के लिए ऊंची इमारत से छलांग लगाने का विकल्प मिला था. इसके बारे में उसने एक दिन पहले ही इंटरनेट पर सर्च किया था.

घटना राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र स्थित चमेलीदेवी स्कूल की है. सिलिकॉन सिटी निवासी 12 वर्षीय छात्र सुबह 7.20 बजे तीसरी मंजिल पर पहुंचा और बालकनी से कूदने लगा. सहपाठियों ने उसे रेलिंग पर चढ़ते देखा और शोर मचाते हुए दौड़े. तीन छात्र और स्पो‌र्ट्स टीचर मो. शेख फारुक ने उसे छलांग लगाने से पहले ही पकड़ लिया. छात्र ने बताया कि वह ‘ब्लू व्हेल’ गेम खेल रहा था.

गेम के नियमों के मुताबिक अंतिम स्टेज पार करने के लिए उसे आत्महत्या करनी थी. वह सुबह ही इसकी योजना बना चुका था. पहले वैन से कूदना चाहता था, लेकिन गेम में ऊंची इमारत पर चढ़कर कूदने का नियम है. प्रार्थना समााप्त होते ही क्लास रूम पहुंचा. बैग रखकर बाहर आया और रेलिंग से कूदने की कोशिश की. उधर, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. प्राचार्य संगीता पोद्दार के मुताबिक छात्र घबराया हुआ था. उसने बताया कि आज वह दोस्तों से दूर चला जाता.

स्कूल कर्मचारी अभिषेक मिश्रा के मुताबिक बच्चे के पिता फोर्स मोटर्स (पीथमपुर) में नौकरी करते हैं. छात्र ने बताया कि वह छिप-छिपकर पिता के मोबाइल में ब्लू व्हेल गेम खेलता था. गेम की सभी स्टेज स्कूल डायरी में नोट कर लेता था. उसने 49 स्टेज पार कर ली थी. 50वीं स्टेज के बारे में उसे जानकारी नहीं थी. दो दिन से डायरी भी नहीं मिल रही थी. इंटरनेट पर सर्च करने पर पता चला कि 50वीं स्टेज में ऊंची इमारत से कूदना है.

12 अगस्त को गगाल में होगा दलित स्वाभिमान सम्मेलन

भाजपा 12 अगस्त को गगाल के राजेंद्रा पैलेस में विशाल दलित स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन करेगी। महामंत्री पवन शर्मा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष सुनील कुमार सोनू ने बताया कि प्रदेश के सभी मंडलों में कमजोर, पिछड़े तथा दलितों के सम्मान के लिए अनुसूचित जाति मोर्चा के सहयोग से दलित स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। नादौन के गगाल में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, इसमें 1400 अनुसूचित जाति के लोग भाग लेंगे। इसमें एससी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सिकंदर, विधायक विजय अग्निहोत्री भी भाग लेंगे।

विधायक की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए दलित

वहीं दूसरी ओर भाजपा विधायक देवेंद्र निम ने कहा कि भाजपा सबका साथ-सबका विकास के एजेंडे पर कार्य कर रही है. केन्द्र में मोदी, प्रदेश में योगी सरकार आम जन के लिए कल्याणकारी योजना चला रहे हैं. इसके परिणाम देश की जनता को मिलने लगे हैं.

यहां बाबा छात्रावास में आयोजित भाजपा के एक कार्यक्रम में विधायक देवेन्द्र निम के नेतृत्व में सौ से भी ज्यादा दलित ससमाज के लोगों ने भाजपा के शामिल होने की घोषणा की. पार्टी नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वाले दलित समाज के लोगों का फूल मालाओं से स्वागत किया. देवेन्द्र निम ने कहा कि भाजपा प्रत्येक वर्ग के लोगों को बराबर का सम्मान देने का काम करती है. उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार आमजन के उत्थान के लिए कार्य कर रही है, भाजपा पूरे प्रदेश को खुले में शौच मुक्त करने के लिए गांव-गांव में शौचालय निर्माण कराने का कार्य कर रही है. कहा कि भाजपा में ही दलितों का हित है वही उनके अधिकारों को दिलाने का काम कर रही है.

सामने आया PAK का नापाक इरादा

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वॉशिंगटन: भारत को परमाणु हमले की धमकी देने वाले पड़ोसी देश पाकिस्तान का नापाक इरादा सामने आया है. दरअसल पाक ने अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को छुपाने के लिए एक सीक्रेट जगह बनाई है. इस बात का खुलासा एक अमरीकी थिंक टैंक के दावे के बाद हुआ है.

अमरीकी थिंक टैंक ने सैटेलाइट से ली गई फोटोज और जांच के आधार पर यह दावा किया है कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बलूचिस्तान के सुदूर पहाड़ी इलाकों में जमीन के नीचे छिपाकर रखा है.

अमरीका की एक गैर लाभकारी और गैर सरकारी संस्थान ‘इंस्टीट्यूट फॅार साइंस एंड इंटरनेशनल सेक्युरिटी’ ने बताया कि सैटेलाइट के फोटोज की जांच करने के बाद पूरी तरह सुरक्षित अंडरग्राउंड परिसरों वाले इस स्थान का पता चला है. उसने एक रिपोर्ट में कहा कि दक्षिण पश्चिम प्रांत में यह अंडरग्राउंड परिसर बैलेस्टिक मिसाइल और परमाणु आयुध भंडारण स्थल के रूप में काम कर सकता है. वैसे इस परिसर का उद्देश्य अब तक सार्वजनिक रुप से उपलब्ध नहीं है।

हालांकि इस परिसर में हथियारों के भंडारण का मकसद स्पष्ट नहीं है. वहीं रिपोर्ट तैयार करने वाले डेविड अलब्राइट, सारा बुरखर्द, अलीसन लैच और फ्रैंक पाबियन ने कहा, ‘इस जगह का इस्तेमाल सामरिक महत्व के हथियार भंडारण से ही है. ताकि वह जरूरत पड़ने पर अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कम से कम समय में कर सकें.’