दलित चिंतक कांचा इलैया पर वैश्य समाज के लोगों ने फेंकी चप्पल

वारंगल। दलित बुद्धिजीवी और लेखक कांचा इलैया पर वैश्य समाज के लोगों ने हमला कर दिया. ये हमला वारंगल में हुआ. हमले के दौरान उनपर चप्पल भी फेंकी गई. आंध्र प्रदेश और तेलांगाना में कांचा इलैया के खिलाफ पिछले कई महीनों से विरोध प्रदर्शन हो रहा है. और उन्हें धमकियां भी दी जा रही थीं.
वैश्य समाज के लोग कांचा इलैया द्वारा लिखी गई किताब ‘सामाजिक स्मग्गलुरलू कोमातोल्लू’ (वैश्य सामाजिक तस्कर हैं) का विरोध कर रहे हैं. वारंगल जिले में शनिवार (23 सितंबर) को वैश्य समुदाय के लोगों ने लेखक कांचा इलैया पर हमला बोल दिया. इस दौरान उनपर चप्पल भी फेंके गए.
आरोप है कि वैश्य समुदाय ने किताब के विरोध में उनके साथ कथित तौर पर चप्पलों से मारपीट की. पुलिस का कहना है कि कांचा इलैया तेलंगाना के वारंगल जिले में एक इवेंट में पहुंचे थे. जहां लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके बाद इलैया को पुलिस स्टेशन ले जाना पड़ा. हालांकि इसके बाद पुलिस स्टेशन में तनाव और बढ़ गया.
ये भी पढ़ेंः दलित चिंतक कांचा इलैया को मिली जान से मारने की धमकीएक वकील करुणसागर ने सईदाबाद पुलिस स्टेशन में इलैया के खिलाफ मामला दर्ज करवाया. वकील ने आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी किताब में हिंदुओं के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कही हैं. पुलिस ने बताया वकील का आरोप है कि लेखक ने अपनी चार किताबों में हिंदुओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था.
करुणासागर ने कहा कि कांचा ने हिंदू धर्म और देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक बातें लिखी हैं. उन्होंने अपनी किताब में यह भी लिखा कि महात्मा गांधी को मारने वाला नाथूराम भी एक ब्राह्मण था. ऐसा दो समुदायों में नफरत को बढ़ावा देने के लिए किया गया.
गौरतलब है कि इस महीने की शुरूआत से ही कांचा इलैया को जान से मारने और जीभ काटने की धमकी दी जा रही थी. जिसके बाद 15 सितंबर को कांचा इलैया ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी.नवरात्रि फेस्टिवल में आमिर ने फैंस संग किया गरबा

मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान रविवार को वड़ोदरा पहुंचे. यहां उन्होंने न सिर्फ अपनी आने वाली फिल्म का प्रमोशन किया, बल्कि साथ ही गरबा भी सेलिब्रेट किया. 21 सितंबर को शुरू हुए दस दिवसीय नवरात्रि फेस्टिवल में हिस्सा लेने के दौरान आमिर खान ने यहां दुर्गा मां की आरती भी की. सिर्फ इतना ही नहीं, इस मौके पर आमिर फैंस के साथ सेल्फी खिंचवाते भी नजर आए. वडोदरा पहुंचे आमिर ने फैंस संग किया गरबा, ली सेल्फी बता दें कि यहां वह अपनी आने वाली फिल्म सीक्रेट सुपरस्टार के प्रमोशन के लिए आए थे.
वडोदरा में इन दिनों नवरात्रि की धूम है, ऐसे में आमिर भी खुद को शहर के रंग में रंगने से नहीं रोक पाए. गरबा सेलिब्रेशन की खुशी उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर भी जाहिर की है. उन्होंने ट्वीट किया है , मेरा पहला गरबा सेलिब्रेशन. शहर के रंग अद्भुत हैं.
My 1st Garba in Vadodara! What an atmosphere! What a feeling! Thank you Vadodara ❤ pic.twitter.com/ZJS76fcjiT
— Aamir Khan (@aamir_khan) September 24, 2017
सीक्रेट सुपरस्टार में आमिर के साथ जायरा वसीम भी हैं. जायरा दंगल में भी आमिर के साथ काम कर चुकी हैं. इस फिल्म में आमिर म्यूजिक डायरेक्टर शक्ति के रोल में हैं.
आमिर चार बार नेशनल अवॉर्ड जीत चुके हैं. उनकी आने वाली फिल्म सीक्रेट सुपरस्टार दीवाली पर रिलीज होगी. इन दिनों वह विजय आचार्या निर्देशित फिल्म ठग्स ऑफ हिंदुस्तान की शूटिंग में व्यस्त हैं. इसमें उनके साथ अमिताभ बच्चन, कटरीना कैफ और फातिमा सना शेख भी अहम रोल में हैं.
फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स दे रही अस्थाई नौकरियों के अवसर

इस फेस्टिव सीजन के दौरान रोजगार के अस्थाई मौकों में पिछले साल के मुकाबले 25 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। जीडीपी ग्रोथ में सुस्ती और जॉब मार्केट में मुश्किल हालात के बीच यह खबर थोड़ी राहत वाली है। ऑनलाइन सेल्स में तेजी और फेस्टिव सीजन के मद्देनजर अस्थाई स्टाफ की मांग में बढ़ोतरी हुई है। स्टाफिंग फर्मों और ई-कॉमर्स कंपनियों के मुताबिक, यह बढ़ोतरी मुख्य तौर पर डिलिवरी और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में हुई है।
स्टाफिंग और रिक्रूटमेंट फर्म केली सर्विसेज इंडिया के मुताबिक, अगले क्वॉर्टर में अस्थाई कर्मचारियों की मांग में 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी होगी। केली सर्विसेज इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर बी एन थमैया ने बताया, ‘इस साल फेस्टिव सीजन के दौरान मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा महज 10-15 फीसदी था।’ अस्थाई स्टाफ की भर्तियों का मामला आमतौर पर सितंबर-अक्टूबर में उच्चतम स्तर पर पहुंचता है और दिसंबर के बाद इसमें गिरावट होने लगती है।
स्टाफिंग फर्मों ने बताया कि ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट के अलावा सैमसंग जैसी कंपनियों की ओर से मांग में बढ़ोतरी हुई है, जो छोटे शहरों में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही हैं। साथ ही पेटीएम, मोबिक्विक और आदित्यबिड़ला मनी जैसी कंपनियों में भी मांग बढ़ रही है।
तीन से चार महीने के फेस्टिव सीजन के दौरान ज्यादातर रिटेल और एफएमसीजी कंपनियों की सालाना सेल्स का 60 फीसदी हिस्सा आता है। इस दौरान सेल्स बढ़ाने के लिए कंपनियां हर मुमकिन कोशिश करती हैं और उन्हें ज्यादा अस्थाई स्टाफ की जरूरत होती है।
ऐमजॉन के प्रवक्ता ने ईमेल के जरिए बताया, ‘इस साल के शुरू में यानी जनवरी 2017 में हमने अपने सेल के लिए तमाम नेटवर्क और कस्टमर सर्विस साइट्स पर 7,500 से ज्यादा सीजनल असोसिएट्स की भर्ती की। इस दिवाली के मद्देनजर हमने जनवरी 2017 के मुकाबले तीन गुना सीजनल असोसिएट्स की भर्ती की है।’
1200 छात्रों के खिलाफ FIR दर्ज, CO सहित तीन अफसर सस्पेंड

वाराणसी। बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में शनिवार रात छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज के मामले में सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए हैं. इस मामले में पुलिस ने करीब 1200 अज्ञात छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. लंका थाने के एसओ राजीव सिंह को लाइन हाज़िर किया गया है. भेलूपुर इलाके के सीओ निवेश कटियार और एक एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट को हटाया गया है. इस बीच कई छात्राएं बीएचयू और वाराणसी के दूसरे कॉलेजों से जाने लगी हैं, हालांकि दशहरे की छुट्टी भी होने ही वाली थीं, लेकिन इससे पहले ही छात्राएं जा रही हैं.
पहले छुट्टी 28 सितंबर से 2 अक्टूबर तक होने वाली थी, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सोमवार से छुट्टी का ऐलान कर दिया है. इस बीच रविवार को भी कैंपस में गहमागहमी रही, छात्रों ने शांति मार्च निकाने की कोशिश की, पुलिस ने रोक दिया. वहीं यूनिवर्सिटी के शिक्षकों ने शांति बहाली के लिए जुलूस निकाला. इधर- समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल आज छात्राओं से मिलने बीएचयू जा रहा है. रविवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर भी वाराणसी पहुंचते थे लेकिन छात्राओं से मिलने से पहले ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया था.
पिछले तीन दिनों से बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी कैंपस में तनाव भरा माहौल है. कैंपस के अंदर एक लड़की के साथ छेड़खानी होने के बाद कुछ छात्राएं इसका विरोध करते हुए अनशन बैठ गईं और अपनी कुछ मांगें कुलपति के सामने रखी थी. शनिवार देर रात पुलिस के द्वारा लाठी चार्ज किया गया जिसमें कई छात्रों को चोट आई है. दरअसल मामला यह है कि गुरुवार की शाम 7 बजे के करीब जब एक छात्रा अपने हॉस्टल की ओर जा रही थी तब कुछ लड़कों ने उस के साथ छेड़खानी की. छात्रा ने मदद के लिए गुहार लगाई लेकिन कोई मदद करने के लिए नहीं आया. छात्रा का कहना था कि थोड़ी ही दूर में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने छात्रा को इस छेड़खानी से बचाने के लिए कुछ नहीं किया. इस घटना के थोड़ी देर बाद कुछ छात्राएं गर्ल्स हॉस्टल में धरना पर बैठ गईं. अगले दिन इन छात्राओं ने लंका गेट के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया. पिछले तीन दिनों से छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी था. शनिवार रात को जब वे कुलपति से मिलने के लिए निकलीं तब उनके ऊपर लाठी चार्ज हुआ.
विश्वविद्यालयों के चुनाव में एबीवीपी की हार रोहित वेमुला को श्रद्धांजलि

7 एवं 8 नवंबर को मेगा जॉब फेयर

दिल्ली सरकार ने 7-8 नवंबर को त्यागराज स्टेडियम में मेगा जॉब फेयर आयोजित करने का फैसला किया है। इस जॉब फेयर में निजी क्षेत्र की करीब 100 कंपनियां सिलेक्शन प्रोसेस में भाग लेंगी। श्रम एवं रोजगार मंत्री गोपाल राय ने नियोक्ता कंपनियों एवं रोजगार निदेशालय के अधिकारियों के साथ शुक्रवार को हुई बैठक में जॉब फेयर आयोजित करने का फैसला लिया गया। सरकार इससे पहले दो मेगा जॉब फेयर आयोजित कर चुकी है।
श्रम मंत्री ने बताया कि पहले मेगा जॉब फेयर में 30 से अधिक निजी क्षेत्र की कंपनियों ने हिस्सा लिया, जिसमें पांच हजार से अधिक लोगों ने हिस्सेदारी की और दो हजार को शॉर्टलिस्ट किया गया। दूसरे जॉब फेयर में 100 से ज्यादा कंपनियों ने हिस्सा लिया और 12 हजार से ज्यादा लोगों को नौकरी के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया। नियमित अंतराल पर रोजगार मेला के आयोजन के लिए रोजगार विभाग ने ऑनलाइन जॉब-फेयर पोर्टल भी शुरू किया है। इस जॉब-फेयर पोर्टल पर पहले नियोक्ता एवं जॉब चाहने वालों को रजिस्ट्रेशन करना होता है।
‘चेन्नई एक्सप्रेस’ का प्रोड्यूसर करीम मोरानी रेप केस में गिरफ्तार

चेन्नई एक्सप्रेस,रा वन, हैप्पी न्यू ईयर जैसी फिल्मों के प्रोड्यूसर करीम मोरानी को रेप के मामले में तेलंगाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मोरानी पर 25 साल की एक महिला ने शादी का झांसा देकर रेप करने का आरोप लगाया है।
इससे पहले बॉलीवुड फिल्मों के मशहूर प्रोड्यूसर करीम मोरानी की हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी। जिसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में अपने वकील मुकुल रोहतगी के जरिए याचिका लगाई थी। मगर सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे खारिज कर दिया। जिसके बाद मोरानी ने हैदराबाद के हयातनगर पुलिस स्टेशन में शुक्रवार रात सरेंडर कर दिया। मोरानी की मेडिकल जांच हुई, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
दरअसल महिला ने इस साल जनवरी में हैदराबाद के हयात नगर पुलिस स्टेशन में मोरानी के खिलाफ शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने की शिकायत की थी। अपनी शिकायत में महिला ने पुलिस को बताया कि मोरानी ने मुंबई के अलावा हैदराबाद की रामोजी फिल्म सिटी में उसका कई बार शारीरिक शोषण किया था। इतना ही नहीं मोरानी ने उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें भी खींच ली थी और उसे दोस्तों के बीच भेजने की बात कर ब्लैकमेल करता रहा। आरोप लगाने वाली महिला ने दिल्ली से बीबीए किया है और मोरानी की लड़की के जरिए उसकी उससे दोस्ती हुई।
करीम मोरानी से पहले शुक्रवार को ही भोजपुरी फिल्म एक्टर मनोज पांडे को रेप के आरोप में कल्याण से गिरफ्तार किया गया था। मोरानी टू-जी स्कैम में भी आरोपी है।
इंदौर वनडे में खेल सकते हैं एरॉन फिंच

भारत दौरे पर हार से जूझ रही ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए एक अच्छी खबर आई है. टीम के विस्फोटक बल्लेबाज आरोन फिंच टीम इंडिया के खिलाफ इंदौर में होने वाले तीसरे वनडे मैच में खेल सकते हैं. बता दें कि वनडे सीरीज के पहले दो मैचों में फिंच मांसपेशियों में खिंचाव के कारण नहीं खेल पाए थे.
ऑस्ट्रेलिया इंदौर वनडे में आरोन फिंच की वापसी को लेकर बेताब है क्योंकि डेविड वॉर्नर के साथ उनके नए ओपनिंग पार्टनर हिल्टन कार्टराइट टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दे पा रहे हैं. ऐसे में फिंच की वापसी से ऑस्ट्रेलियाई ओपनिंग जोड़ी और मजबूत हो जाएगी.
ऑस्ट्रेलियाई टीम में अगर फिंच की वापसी होती है तो हिल्टन कार्टराइट को प्लेइंग इलेवन से बाहर होना पड़ सकता है. पहले दो वनडे मैचों में हिल्टन कार्टराइट का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है. कार्टराइट ने दो वनडे मैचों में 2 रन ही बनाए हैं.
आरोन फिंच ने शनिवार को इंदौर वनडे से पहले नेट्स पर अभ्यास भी किया. फिंच के जोड़ीदार डेविड वॉर्नर ने भी उम्मीद जताई कि फिंच रविवार को उनके साथ पारी का आगाज करने के लिए फिट हो जाएंगे.
वार्नर ने कहा, आप सभी जानते हैं कि आरोन फिंच किस तरह का बल्लेबाज हैं. वह शानदार खिलाड़ी हैं. फिंच की मौजूदगी से टॉप आर्डर में आक्रामकता बनी रहती है. उसे वापसी के लिए कड़ा अभ्यास करते हुए देखना अच्छा लगा. उम्मीद है कि वह कल के मैच के लिए फिट हो जाएगा.
प्रद्युमन के कातिल का पता लगाने रेयान स्कूल पहुंची CBI

गुरूग्राम। प्रद्युमन हत्याकांड के मामल में सीबीआई जांच के लिए रेयान इंटरनेशनल स्कूल पहुंची. शुक्रवार (22 सितंबर) को सीबीआई में केस दर्ज होने के बाद तीन सदस्यों की टीम बनाई गई. सीबीआई के साथ ही 12 सदस्यों वाली फॉरेंसिक टीम भी है जो मौका-ए-वारदात की जांच में जुटी है. सीबीआई ने स्कूल के सभी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को भी पूछताछ के लिए बुलवाया है.
प्रद्युमन के पिता ने धमकी दी थी कि एजेंसी ने यदि शनिवार तक जांच शुरू नहीं की, तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने कहा था कि उन्होंने देश के शीर्ष नेताओं से अपील की है कि इस ‘संवेदनशील मामले’ की सीबीआई जांच तेजी से कराई जाए.
सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने शुक्रवार को बताया कि एजेंसी ने केंद्र सरकार से अधिसूचना प्राप्त होने के बाद जांच अपने हाथ में ले ली. प्रक्रिया के अनुसार उसने गुरुग्राम पुलिस की प्राथमिकी फिर से दर्ज की. सूत्रों ने बताया कि सीबीआई की एक टीम ने देर शाम गुरुग्राम पुलिस आयुक्त के कार्यालय का दौरा भी किया था. उल्लेखनीय है कि 8 सितंबर को प्रद्युम्न की स्कूल में हत्या कर दी गई थी. इस मामले में उसी दिन स्कूल के बस कंडक्टर को गिरफ्तार किया गया था.
प्रद्युम्न के परिजनों द्वारा ऐतराज जताने के बाद रयान इंटरनेशनल स्कूल को 25 सितंबर तक बंद रखने का फैसला किया गया. प्रद्युमन के परिजनों ने आशंका जताई थी कि स्कूल खुलने पर महत्वपूर्ण साक्ष्य नष्ट हो सकते हैं. स्कूल सोमवार यानी 18 सितंबर को खुला था, लेकिन छात्रों की उपस्थिति काफी कम रही. पीड़ित बालक के पिता के आपत्ति जताने के बाद जिला प्रशासन ने स्कूल को अगले हफ्ते सोमवार तक बंद रखने का फैसला किया.
सबका अपना-अपना राष्ट्रवाद

मशहूर फ्रेंच विचारक लुई अल्तुसर से हमारी मुलाकात 1980 के आसपास हुई थी. उन दिनों वे ‘फिलॉसफी ऑफ रीडिंग’ (पाठ का प्रयोजन) के अध्ययन के सिलसिले में भारत आए थे. उनके अध्ययन का सार यह था कि किसी किताब का पाठ हम सभी अलग-अलग ढंग से और अलग-अलग प्रयोजन से करते हैं. जैसे, एक साल के किसी बच्चे के सामने यदि रामचरित मानस रख देते हैं तो वह क्या करेगा? वह उसे उठाने की कोशिश करेगा. उसे इस बात का ज्ञान नहीं होगा कि किताब वह इस तरह उठाए कि उसके पन्ने न फटें. वह सिर्फ जिल्द या कोई एक पन्ना पकड़ कर उठाएगा. उसे मुंह तक ले जाकर खाने की कोशिश करेगा और थक जाने पर उसे छोड़ देगा.
आपकी नजर में वह उस पूजनीय किताब को खराब कर रहा है लेकिन अपनी समझ से वह एक चीज से जान-पहचान बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. यह बच्चे का उस किताब से पहला परिचय है और वह जानना चाहता है कि अपने लिए उससे वह किस तरह का फायदा उठा सकता है. चार या पांच साल का बच्चा मानस के अक्षर या शब्द पढ़ने की कोशिश कर सकता है जो फिलहाल वह अपने स्कूल में सीख रहा है. या फिर दादा-दादी की तरह पूजा घर में बैठकर उनकी नकल उतार सकता है. वह भी पढ़ रहा है लेकिन उसका प्रयोजन अलग है. उसी मानस का पाठ एक कथावाचक और एक गायक करता है. एक उसके रोचक प्रसंग ढूंढता और पढ़ता है ताकि अपने श्रोताओं को मुग्ध कर सके. दूसरा उसकी ज्ञेयता पर ध्यान देता है. कुछ लोग दुख-सुख के अवसर पर अपने आवेगों को सहारा देने के लिए मानस के चुने हुए प्रसंगों का पाठ करते हैं. उनके लिए वह मनोचिकित्सा में काम आने वाली किताब है लेकिन एक भक्त इनसे बिल्कुल अलग सिर्फ धार्मिक कारणों से उसे पढ़ता है और एक शोधार्थी बिल्कुल अलग कारणों से. धर्मगुरु को मानस के अलंकारिक सौंदर्य में रुचि नहीं होती. कथागायक किसी कथावाचक की तरह भावुक नहीं होता. साहित्य का छात्र धर्मगुरु की तरह मानस को पढ़ने से पहले सिर से नहीं लगाता.
अल्तुसर के इस पाठ-दर्शन से हम देश के नए राष्ट्रवादी उभार को समझ सकते हैं. समाज के अलग-अलग तबके के लिए राष्ट्रवाद की परिभाषा अलग-अलग है. राष्ट्र के प्रति अपनी निष्ठा दिखाने का तरीका अलग-अलग है. जैसा कि प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों कहा, ‘एक आदमी वंदे मातरम का नारा लगाता है और सड़क पर पीक थूक देता है. उसे पूरा विश्वास है कि नारा लगाकर उसने राष्ट्र के प्रति अपने प्रेम का इजहार कर दिया है. वह नहीं समझ पाता कि पीक थूककर उसने राष्ट्र का क्या नुकसान किया.’ दूसरा आदमी अपने राष्ट्रप्रेम के आवेश में उन लोगों पीटकर ठीक कर देना चाहता है, जो वंदे मातरम का नारा नहीं लगा रहे. उसे समझ में नहीं आ रहा कि अपने राष्ट्र प्रेम का वह और क्या उपयोग कर सकता है. कुछ लोगों को धर्म और राष्ट्र के बीच का फर्क नहीं समझ में आ रहा जबकि कुछ लोग सरकार और राष्ट्र का भेद नहीं समझ पा रहे. उनकी नीयत अच्छी है लेकिन राष्ट्र की कोई साफ, सर्वमान्य तस्वीर उनके सामने नहीं है. पहले पूरी दुनिया में राजा होते थे. एक राजा दूसरे राजा के देश पर हमला करता था और उसका कुछ इलाका छीन लेता था. कभी-कभी बेटी के साथ दहेज में या आपसी समझौतों के दौरान भी कुछ इलाके एक-दूसरे को दे दिए जाते थे. वे राष्ट्र नहीं थे लिहाजा इलाके के साथ राजभक्ति बदल जाती थी. आधुनिक राष्ट्र-राज्य की अवधारणा हमने अंग्रेजों के जमाने में आयात की जो जाते-जाते एक नया नक्शा खींचकर हमें दे गए.
कुछ विद्वान बताते हैं कि वेदों-पुराणों में भी ‘राष्ट्र’ का उल्लेख मिलता है लेकिन वहां इसका प्रयोग अलग संदर्भों में किया गया है. आधुनिक राष्ट्र-राज्य की अवधारणा बिल्कुल नई है जिसे हमने बरास्ता यूरोप पाया है. अच्छा होगा कि भारत के नागरिक आज स्वयं राष्ट्र की पहचान करें और इसकी परिभाषा गढ़ें लेकिन राष्ट्र को समझने का यह रास्ता लंबा है. नागरिक समूहों के बीच राष्ट्रवाद की परिभाषा को लेकर यदि मतभेद ज्यादा गहरे हों और एक तबका, दूसरे को अपने ही ढंग से राष्ट्रभक्ति व्यक्त करने के लिए बाध्य करने लगे तो सामाजिक संघर्ष पैदा हो सकता है. ध्यान रखें कि जिस बांग्लादेशी ने 1947 के पहले भारत के लिए वंदे मातरम गाया होगा शायद उसी के बेटे ने भारत-पाक विभाजन के बाद पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा कर अपनी राष्ट्रभक्ति व्यक्त की होगी और उसका पोता आज ‘जय बांग्ला’ के उद्घोष में अपनी राष्ट्रभक्ति की अभिव्यक्ति ढूंढ रहा होगा.
यदि मेरठ का राष्ट्रवाद मेवात के राष्ट्रवाद से, सवर्ण का राष्ट्रवाद पिछड़ों के राष्ट्रवाद से, हिंदू का राष्ट्रवाद मुसलमानों के राष्ट्रवाद से, गरीबों का राष्ट्रवाद अमीरों के राष्ट्रवाद से, गांवों का राष्ट्रवाद शहरों के राष्ट्रवाद से और बेरोजगारों का राष्ट्रवाद सरकारों के राष्ट्रवाद से मेल नहीं खाता तो संघर्ष का खतरा बढ़ जाता है. पूर्वी पाकिस्तान की राष्ट्रवादी आकांक्षाओं को न समझने वाली पश्चिमी पाकिस्तान की जिद ने ही इतिहास का रास्ता बदल दिया. राष्ट्रवाद का ऐसा संघर्ष राष्ट्र की एकता को ध्वस्त करता है. इसलिए जब राष्ट्र के नागरिक अपने राष्ट्र का अर्थ ढूंढ रहे हों, तब ऐसे सामाजिक-राजनीतिक नेतृत्व की जरूरत होती है जो सामाजिक संघर्ष पैदा न होने दे और उस समरसता को आगे बढ़ाए, जो सबके भीतर राष्ट्र के साझेपन की भावना मजबूत कर सके.
बालमुकंद का यह लेख नवभारत टाइम्स से साभार है.
‘ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए किसी भी बैंक के कार्ड पर रोक नहीं’

नई दिल्ली। ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग में कुछ बैंक के कार्डो के इस्तेमाल पर बैन की खबर को भारतीय रेलवे ने गलत बताया है. शुक्रवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि भारतीय रेलवे ने भारतीय स्टेट बैंक और ICICI सहित 6 बैंकों के कार्ड से भुगतान पर रोक लगा दी है.
भारतीय रेलवे ने साफ किया है कि सभी बैंकों के कार्ड से रेल टिकट बुक कराया जा सकता है और किसी कार्ड को रोका नहीं गया है. इससे पहले खबर आई थी कि भारतीय रेलवे और बैंकों के बीच सुविधा शुल्क राशि के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है, जिसकी वजह से कुछ बैंकों के कार्ड से पेमेंट बैन कर दिया गया.
Debit/ Credit Cards of all the banks are accepted through 7 Payment Gateways at https://t.co/e14vjdPrzt for booking of tickets. pic.twitter.com/qjv3uBscRE
— IRCTC (@IRCTC_Ltd) September 23, 2017
बताया गया है कि भारतीय रेलवे ने इस साल की शुरुआत में बैंकों से सुविधा शुल्क की राशि को बराबर-बराबर बांटने के लिए कहा था. हालांकि बैंकों का आरोप है कि भारतीय रेलवे शुल्क की पूरी राशि खुद ही रखना चाहता है. इस मुद्दे को लेकर भारतीय बैंक एसोसिएशन और भारतीय रेलवे के बीच बातचीत भी बेनतीजा रही.
गलत खबरः SBI और ICICI बैंक के कार्ड एक्सेप्ट नहीं करेगा भारतीय रेलई-टिकट की बुकिंग के लिए किए गए ऑनलाइन पेमेंट हासिल करने वाले सभी मर्चेंट को एक हिस्सा यानी मर्चेंट डिस्काउंट अमाउंट (MDR) संबंधित बैंक को देना होता है, जिसके कार्ड के जरिए भुगतान होता है. MDR भुगतान राशि के अनुसार तय किया जाता है. बैंकों की ओर से इस मुद्दे पर कहा गया कि सामान्य तौर पर जो मर्चेंट होता है वह संबंधित बैंक को पैसा देता है, लेकिन भारतीय रेलवे ने उन्हें कभी पैसा नहीं दिया, इस वजह से ये राशि ग्राहकों से वसूली जाती रही है.
‘महिलाओं में होता है एक तिहाई दिमाग’

रियाद। देश कोई भी हो, धर्म कोई भी हो लेकिन महिलाओं को किसी ने बराबरी का दर्जा नहीं दिया. आए दिन महिलाओं के खिलाफ कोई न कोई बयानवाजी करता है. अब एक धर्मगुरू ने महिलाओं के खिलाफ एक बयान दिया. जिसमें उसने कहा कि महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत नहीं देनी चाहिए, क्योंकि इनके पास पुरूषों के तुलना में एक तिहाई ही दिमाग होता है.
सऊदी अरब के इस धर्मगुरु साद अल हिजरी के इस बयान की अलोचना शुरू हो गई. सऊदी सरकार ने इस धर्मगुरु को सस्पेंड कर दिया और उसे सभी प्रकार की धार्मिक गतिविधियां करने से रोक दिया गया. हिजरी ने एक ऑनलाइन वीडियो में कहा- पुरुषों की तुलना में वैसे तो महिलाओं के पास आधा ही दिमाग होता है. लेकिन बाजार में खरीददारी करने के बाद उनके पास एक तिहाई ही दिमाग बचता हैं. ऐसे में उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस नहीं दिया जा सकता.
हिजरी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना शुरू हो गई. महिला अधिकारों की बात करने वाले लोगों ने उन्हें हटाने की मांग की. इसके बाद दक्षिण प्रांत असिर की सरकार ने उन्हें हटाने की घोषणा कर दी. सरकार ने अपने बयान में कहा- किसी भी सम्मानीय प्लेटफॉर्म से इस तरह का बयान गलत है. यहां से महिलाओं के खिलाफ इस तरह के गैर बराबरी वाले बयान को मंजूर नहीं किया जा सकता. खासकर जब जब इस्लाम में दोनों को बराबरी की बात कही गई है. भविष्य में अगर कोई भी धर्मगुरु इस तरह की बात करेगा तो उसके साथ भी ऐसा ही बर्ताव होगा. इस बारे में जब हिजरी से बात की गई तो उन्होंने कहा उन्होंने गलती से ये बात की.
फलाहारी बाबा के कमरे से निकले महिलाओं के गहने और सीडी

जयपुर। बलात्कारी बाबा राम रहीम के बाद बलात्कार के आरोप में फंसा फलाहारी बाबा पर कई महिलाओं का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया जा रहा है. हालांकि बाबा अभी तक अस्पताल में ही भर्ती है.
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की रहने वाली महिला ने फलाहारी बाबा पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. और अब महिला के पिता ने बाबा पर कई संगीन आरोप लगाए हैं.
आरोप लगाने वाली युवती गुरुवार शाम परिजनों के साथ अलवर पहुंच गई थी. पुलिस ने उसके बयान लिए और आश्रम भी ले गई. शुक्रवार को पुलिस ने आश्रम और उससे जुड़े अन्य भवनों की जांच की. युवती ने आश्रम के जिस कमरे में दुष्कर्म का आरोप लगाया था, वहां से महिलाओं के आभूषण बरामद हुए हैं. पुलिस ने कमरे से लैपटॉप और कुछ सीडी भी जब्त की हैं. साथ ही आश्रम के सीसीटीवी पैनल की हार्ड डिस्क से भी जानकारी जुटाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
इस बीच अस्पताल के आइसीयू में भर्ती फलाहारी बाबा को शुक्रवार को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. डॉक्टरों के अनुसार अब उसकी तबीयत पूरी तरह सामान्य है और पुलिस पूछताछ कर सकती है. उधर, पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश का कहना है कि फलाहारी बाबा की गिरफ्तारी पूरे मामले की जांच-पड़ताल के बाद ही की जाएगी.
युवती के पिता ने पत्रकारों को बताया कि कि उन्होंने बाबा को भगवान की तरह पूजा है. इसके बाद भी उसने बेटी के साथ जो कार्य किया, उससे उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है. उन्होंने बाबा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और कहा कि बाबा को इस कृत्य की सजा मिलनी चाहिए. बाबा ने छत्तीसगढ़ में कई महिलाओं के साथ कुकृत्य किया है. उन्होंने पीडि़त महिलाओं की सूची पुलिस को सौंप दी है. राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि पुलिस जांच कर रही है. कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.