इस फेस्टिव सीजन के दौरान रोजगार के अस्थाई मौकों में पिछले साल के मुकाबले 25 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। जीडीपी ग्रोथ में सुस्ती और जॉब मार्केट में मुश्किल हालात के बीच यह खबर थोड़ी राहत वाली है। ऑनलाइन सेल्स में तेजी और फेस्टिव सीजन के मद्देनजर अस्थाई स्टाफ की मांग में बढ़ोतरी हुई है। स्टाफिंग फर्मों और ई-कॉमर्स कंपनियों के मुताबिक, यह बढ़ोतरी मुख्य तौर पर डिलिवरी और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में हुई है।
स्टाफिंग और रिक्रूटमेंट फर्म केली सर्विसेज इंडिया के मुताबिक, अगले क्वॉर्टर में अस्थाई कर्मचारियों की मांग में 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी होगी। केली सर्विसेज इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर बी एन थमैया ने बताया, ‘इस साल फेस्टिव सीजन के दौरान मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा महज 10-15 फीसदी था।’ अस्थाई स्टाफ की भर्तियों का मामला आमतौर पर सितंबर-अक्टूबर में उच्चतम स्तर पर पहुंचता है और दिसंबर के बाद इसमें गिरावट होने लगती है।
स्टाफिंग फर्मों ने बताया कि ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट के अलावा सैमसंग जैसी कंपनियों की ओर से मांग में बढ़ोतरी हुई है, जो छोटे शहरों में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही हैं। साथ ही पेटीएम, मोबिक्विक और आदित्यबिड़ला मनी जैसी कंपनियों में भी मांग बढ़ रही है।
तीन से चार महीने के फेस्टिव सीजन के दौरान ज्यादातर रिटेल और एफएमसीजी कंपनियों की सालाना सेल्स का 60 फीसदी हिस्सा आता है। इस दौरान सेल्स बढ़ाने के लिए कंपनियां हर मुमकिन कोशिश करती हैं और उन्हें ज्यादा अस्थाई स्टाफ की जरूरत होती है।
ऐमजॉन के प्रवक्ता ने ईमेल के जरिए बताया, ‘इस साल के शुरू में यानी जनवरी 2017 में हमने अपने सेल के लिए तमाम नेटवर्क और कस्टमर सर्विस साइट्स पर 7,500 से ज्यादा सीजनल असोसिएट्स की भर्ती की। इस दिवाली के मद्देनजर हमने जनवरी 2017 के मुकाबले तीन गुना सीजनल असोसिएट्स की भर्ती की है।’

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