
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भाजपा-आरएसएस के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की देश के तमाम विश्वविद्यालयों के चुनावों में मिली हार को रोहित वेमुला को सच्ची श्रद्धांजलि बताया है. मायावती ने एबीवीपी की हार को देश की राजनीति में बदलाव की शुरुआत कहा. बसपा प्रमुख ने कहा कि रोहित वेमुला की कुर्बानी रंग ला रही है.
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी के नेताओं ने जनता को विभिन्न प्रकार से बहकाकर और बरगलाकर अपने अच्छे दिन बहुत देख लिए हैं और अब देश की जनता उनको बुरे दिन दिखाने का मन लगतार बनाती जा रही है. प्रधानमंत्री मोदी व विभिन्न राज्यों मे इनकी बीजेपी सरकारें आसमान छूती हुई महंगाई, बेरोजगारी, अशिक्षा व स्वास्थ्य जैसी विकट राष्ट्रीय समस्याओं के प्रति घोर लापरवाह व उदासीन बनी हुई है.
मायावती ने बेरोजगारी पर भाजपा सरकार और मोदी को घेरते हुए कहा कि करोड़ो बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में मोदी सरकार सहित बीजेपी की राज्य सरकारों का भी रिकार्ड इतना ज्यादा खराब है कि वे सरकारी नौकरी भी उपलब्ध कराने में फिसड्डी साबित हो रही है. दलितों और पिछड़े वर्ग की नौकरियों का सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि आरक्षित वर्ग के लाखों सरकारी पद खाली पड़े हैं, जिस कारण दलितों और पिछड़ों का आरक्षण निष्क्रिय व निष्प्रभावी है.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।
