अलविदा करुणानिधि

नई दिल्ली। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की मौत के साथ ही दक्षिण भारत की राजनीति का एक लंबा चला अध्याय खत्म हो गया. मंगलवार 7 अगस्त को इस दिग्गज नेता ने 94 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. करुणानिधि की मौत की खबर से तमिलानाडु समेत पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. उनके समर्थक छाती पीटकर रोते देखे गए. इस बीच उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों की संख्या में नेतागण व समर्थक चेन्नई के राजाजी हॉल पहुंच रहे हैं. हाईकोर्ट ने उनके शरीर को चेन्नई के मरीना बीच पर दफनाने की अनुमति दे दी है.

भारतीय राजनीति में करुणानिधि के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनको श्रद्धांजलि देने के लिए तमाम दिग्गज नेता चेन्नई में राजाजी हॉल पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने चेन्नई पहुंचे. इसके अलावा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामण, कमल हासन, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी, जयललीता की भतीजी दीपा जयकुमार सहित तमाम दिग्गजों ने राजाजी हाल पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती ने भी एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दक्षिण के दिग्गज नेता को श्रद्धांजलि दी.

राजधानी दिल्ली में राज्यसभा और लोकसभा में डीएमके प्रमुख करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित हो गई. विदुथलाई चिरुथईगल कात्ची (वीसीके) प्रमुख थोल थिरुमावलवन ने तमिलनाडु के श्रद्धांजलि देने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के लिए भारत रत्न की मांग की. तो वहीं दूसरी ओर मद्रास हाईकोर्ट द्वारा करुणानिधि के पार्थिव शरीर को चेन्नई के मरीन बीच पर दफनाने की अनुमति मिलते ही उनके बेटे स्टालिन और बेटी कनिमोझी फूट-फूट कर रोने लगे.

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