नई दिल्ली। आरक्षण ऐसा विषय है जिसको लेकर आंदोलन अब आम हो गया है. संविधान में अनुसूचित जाति और जनजाति को आरक्षण मिलने के बाद पिछड़ी जातियों को भी आरक्षण मिला, लेकिन अब आए दिन अन्य जातियां भी आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन करती रहती हैं. राज्यों के चुनाव के दौरान यह आंदोलन और उग्र हो जाता है. गुजरात में पाटीदारों का आंदोलन ताजा उदाहरण है तो अब राजस्थान चुनाव को सामने देख आरक्षण का जिन्न फिर बाहर निकल आया है.
राजस्थान में लंबे समय से पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे गुर्जर समुदाय को राजस्थान सरकार ने आरक्षण देने की घोषणा की है. लेकिन ठहरिए, राज्य सरकार द्वारा दिए आरक्षण को जानकर आप चौंक जाएंगे. सरकार ने उन्हें केवल एक फीसदी आरक्षण देने का निर्णय किया है. और ये एक फीसदी आरक्षण भी गुर्जरों को अकेले नहीं मिला है, बल्कि इसमें गुर्जर सहित पांच जातियां शामिल हैं.
सरकार के इस निर्णय से गुर्जर नेताओं में नाराजगी है. हालांकि इससे पहले राज्य सरकार ने विधानसभा में लाए एक बिल के जरिए गुर्जरों को पांच फीसदी आरक्षण देने का प्रयास किया था, लेकिन सरकार के इस विधेयक पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. इसके बाद चुनावी तैयारियों में लगी भाजपा सरकार ने 21 दिसंबर को गुर्जर सहित पांच अन्य जातियों को एक प्रतिशत आरक्षण देने को निर्णय किया. सर्कुलेशन के जरिए के इस निर्णय को केबिनेट की मंजूरी मिल गई है. हालांकि देखना होगा कि गुर्जर इस हिस्सेदारी वाले आरक्षण से संतुष्ट हो जाते हैं या फिर विधानसभा से पहले फिर से आंदोलन शुरू करेंगे.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।